खगड़िया: किसानों पर खराब मौसम के बाद कोरोना वायरस की जबरदस्त मार पड़ी है. लॉकडाउन में सब्जी मंडियों के बंद होने की वजह से किसानों की सब्जियां खेतों में ही पड़े-पड़े सड़ रही है. सब्जी की खेती करने वाली किसान खासे परेशान हैं. आलम ये है कि भिंडी, खीरा, करैला और कद्दू जैसी सब्जियों को किसान अपने पालतू पशुओं को खिला रहे हैं या सब्जियों को खेतों में ही छोड़ दे रहे हैं.
कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते सब्जी कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया है. बता दें कि बिहार के खगड़िया में बड़े पैमाने पर हरी सब्जियों की खेती होती है. यहां उत्पादित सब्जी खगड़िया के मंडी सहित जिले के बाहर भी जाती है. वहीं, बाहर से सप्लाई चेन पर ब्रेक लग जाने के कारण गांवों में सब्जियों की उचित कीमत नहीं मिल पा रही है. किसान अपनी समस्या पर सरकार से आस लगाये हुए हैं.
सरकार से गुहार
सब्जी उत्पादन करने वाले किसानों का कहना है कि हमलोग सब्जी लेकर मंडी में जाते हैं. लेकिन, वहां अब कोई खरीदार नहीं मिलता है. ऐसे में हमें दोगुना घाटा सहना पड़ता है. एक तरह जहां सब्जी की सही कीमत नहीं मिल पा रही है. वहीं, दूसरी तरफ माल गाड़ी का किया किराया भी हमें अपने जेब से देना पड़ता है. ऐसे में हमारी पूंजी का आधा हिस्सा भी नहीं निकल पा रहा है. हमारी परेशानी को देखते हुए सरकार को इस पर विचार करना चाहिए और थोक विक्रेताओं के लिए सभी सब्जियों का उचित रेट तय कर देना चाहिए ताकि किसानों की पूंजी और मेहनत बर्बाद ना हो.
दिनों-दिन बढ़ती जा रही है किसानों की समस्या
लॉकडाउन के दौरान देश में सब्जी और फल को जरूरी चीजों के लिस्ट में रखा गया है. लेकिन पुलिस प्रशासन की सख्ती और बजारों में मंदी के कारण किसानों का मंडी पहुंचना मुश्किल हो रहा है. अभी भी खगड़िया में कोरोना मरीजों के संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. जिसके वजह से स्थानीय सब्जी मंडी को सील कर दिया है. बता दें कि यहां के सब्जी मंडी से 2 कोरोना पॉजिटिव केस पाया गया है. जिसके बाद से सब्जी मंडी भी कंटेनमेंट जोन में घोषित करके सील कर दिया गया है. ऐसे में किसानों की समस्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है.