ETV Bharat / state

स्वास्थ्य केंद्र में 45 दिनों से इमर्जेंसी सेवा पूरी तरह से ठप, अनशन पर बैठे लोग

बेलदौर प्रखंड के स्वास्थ्य केंद्र में पिछले 45 दिनों से इमेरजेंसी सेवा पूरी तरह ठप है. जिससे यहां के मरीजों को काफी परेशानी झेलना पड़ रही है.

khagaria
45 दिनों से इमेरजेंसी सेवा पूरी तरह ठप
author img

By

Published : Dec 15, 2019, 9:08 PM IST

खगड़िया: जिले में बेलदौर प्रखंड के स्वास्थ्य केंद्र में पिछले 45 दिनों से इमर्जेंसी वॉर्ड बंद पड़ा हुआ है. जिससे स्थानीय लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. लेकिन फिर भी किसी अधिकारी ने इसकी अब तक कोई सुध नहीं ली है.

45 दिनों से इमर्जेंसी सेवा पूरी तरह ठप
बेलदौर प्रखंड की आबादी 2 लाख से ज्यादा है. इतनी बड़ी आबादी के लिए सिर्फ एक ही अस्पताल है. जहां 45 दिनों से इमर्जेंसी सेवा पूरी तरह ठप है. जिसके बाद जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोग आमरण अनशन पर बैठे हैं.

khagaria
आपातकाल विभाग में लगा ताला

हर तरफ कचड़ा और गंदगी
अस्पताल की स्थिति काफी खराब है. परिसर में हर तरफ कचड़ा और गंदगी दिखाई देती है. प्रसव वॉर्ड के बगल में डंपिंग यार्ड बना हुआ है. स्थानीय लोगों ने बताया कि 45 दिन पहले डॉक्टर और मरीज के परिजनों के बीच मारपीट हुई थी. जिसके बाद डॉक्टरों ने हड़ताल कर दिया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

डॉक्टरों की कमी
प्रखंड प्रमुख ने बताया कि पिछले डेढ़ महीने से इमरजेंसी सेवा को बंद किया गया है. जिसकी वजह से गरीब तबके के लोग ज्यादा परेशान हैं. उनके पास कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है. अस्पताल के प्रभारी डॉक्टर मुकेश कुमार ने बताया कि डॉक्टरों की कमी की वजह से इमरजेसी सेवा ठप है. उन्होंने बताया कि सिविल सर्जन के पास पत्र लिखकर डॉक्टर की मांग की गई है. लेकिन अभी तक 2 डॉक्टरों के भरोसे अस्पताल संचालित हो रहा है.

खगड़िया: जिले में बेलदौर प्रखंड के स्वास्थ्य केंद्र में पिछले 45 दिनों से इमर्जेंसी वॉर्ड बंद पड़ा हुआ है. जिससे स्थानीय लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. लेकिन फिर भी किसी अधिकारी ने इसकी अब तक कोई सुध नहीं ली है.

45 दिनों से इमर्जेंसी सेवा पूरी तरह ठप
बेलदौर प्रखंड की आबादी 2 लाख से ज्यादा है. इतनी बड़ी आबादी के लिए सिर्फ एक ही अस्पताल है. जहां 45 दिनों से इमर्जेंसी सेवा पूरी तरह ठप है. जिसके बाद जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोग आमरण अनशन पर बैठे हैं.

khagaria
आपातकाल विभाग में लगा ताला

हर तरफ कचड़ा और गंदगी
अस्पताल की स्थिति काफी खराब है. परिसर में हर तरफ कचड़ा और गंदगी दिखाई देती है. प्रसव वॉर्ड के बगल में डंपिंग यार्ड बना हुआ है. स्थानीय लोगों ने बताया कि 45 दिन पहले डॉक्टर और मरीज के परिजनों के बीच मारपीट हुई थी. जिसके बाद डॉक्टरों ने हड़ताल कर दिया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

डॉक्टरों की कमी
प्रखंड प्रमुख ने बताया कि पिछले डेढ़ महीने से इमरजेंसी सेवा को बंद किया गया है. जिसकी वजह से गरीब तबके के लोग ज्यादा परेशान हैं. उनके पास कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है. अस्पताल के प्रभारी डॉक्टर मुकेश कुमार ने बताया कि डॉक्टरों की कमी की वजह से इमरजेसी सेवा ठप है. उन्होंने बताया कि सिविल सर्जन के पास पत्र लिखकर डॉक्टर की मांग की गई है. लेकिन अभी तक 2 डॉक्टरों के भरोसे अस्पताल संचालित हो रहा है.

Intro:खगड़िया के बेलदौर प्रखंड के स्वास्थ्य केंद्र में पिछले 45 दिनों से आपातकाल विभाग बंद पड़ा हुआ है जिसके वजह से बेलदौर प्रखंड में आपातकाल जैसी स्थिति बनी हुई है।



Body:खगड़िया के बेलदौर प्रखंड के स्वास्थ्य केंद्र में पिछले 45 दिनों से आपातकाल विभाग बंद पड़ा हुआ है जिसके वजह से बेलदौर प्रखंड में आपातकाल जैसी स्थिति बनी हुई है।
बेलदौर प्रखंड में स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से पिछले 45 दिनों से चरमराई हुई है लेकिन अब तक किसी भी मुख्यालय के अधिकारी के ना आंख से वंहा का हाल दिखाई दिया है ना ही कान से सुनाई दिया है। अस्थानिये जनता में त्राहिमाम मचा हुआ है। बेलदौर प्रखंड की आबादी2 लाख से ज्यादा है और इस इतनी बड़ी आबादी के लिए सिर्फ एक अस्पताल है और इस अस्पताल का भी इमेरजेंसी सेवा 45 दिनों से पूरी तर्ह बंद है।

इमरजेंसी विभाग बंद होने का मुख्य वजह जो ग्रामीणों के द्वारा मीडिया को बताया गया वो ये है कि 45 दिन पहले डॉक्टर और मरीज के परिजनों के बीच मारपीट हुई जिसके बाद अस्पताल के डॉक्टर इमरजेंसी सेवा से हड़ताल पर चले गए है वंही अस्पताल के प्रभारी डॉक्टर मुकेश कुमार ने ETV BHARAT से बातये की डॉक्टरों की कमी के वजह से इमरजेसी सेवा में डॉक्टर नही बैठ रहे है।
अस्पताल परिसर में गंदगी का अंबार
अस्पताल के परिसर में आप जंहा भी नजर घुमाएंगे आपको सिर्फ और सिर्फ कचड़ा ही दिखाई देगा और उस से निकलती हुई गंदगी आपका जिन दुश्वार कर देगी। अस्पताल के प्रसव वार्ड के ठीक बगल में ऐसा लगता है जैसे डंपिंग यार्ड बना हो और ठीक उसके पास में स्लोगन लिखा हुआ है कि गन्दगी ना फैलाये

अब तो स्थिति ऐसी बन गई है पिछले 45 दिनों में की बेलदौर प्रमुख विकाश पासवान और अन्य अस्थानिये जनप्रतिनिधी आमरण अनशन पर अस्पताल में ही बैठ गए है ताकि आपातकालीन विभाग को फिर से चालू करवाया जा सके।

विओ 1 प्रखंड प्रमुख विकाश पासवान
प्रमुख का कहना है कि पिछले डेढ़ महीने से इमरजेंसी सेवा को बंद किया गया है जिसके वजह से गरीब तबके के लोग ज्यादा परेशान है। गरीब लोगों के पास कोई विकल्प नही होता सरकारी अस्पताल के अलावे और हम यंहा के जनप्रतिनिधि है तो लोग हम से उम्मीद लगया बैठे है लेकिन मेरी भी बात को कोई अधिकारी नही सुन रहे जिसके वजह से लोकतंत्र को देखते हुए हम अनशन पर बैठे है।

विओ 2
चंदन कुमार सिंह,जिला अध्यक्ष युवा शक्ति ,खगड़िया
चंदन सिंह का कहना है कि जिस अस्पताल पर 2 लाख से ज्यादा की आबादी निर्भर रहती है उसका इमेरजेंसी सेवा ठप होने इतने दिनों से बहुत बड़ी बात है। बात जैसा बात नही हुआ और डॉक्टर साहब लोग बहाना बना कर इमेरजेंसी सेवा ठप कर के आराम फरमा रहे है। युवा शक्ति के जिला अध्यक्ष ने जिला प्रसाशन को 72 घण्टे का अल्टीमेटम दिया है कि अगर 72 घण्टे में इमेरजेंसी सेवा नही चालू की जाती है तो जिला प्रसाशन को भुगतना पड़ेगा इसका खामियाजा।

ETV BHARAT की टीम जब मुख्यायल से 60 किलोमीटर दूर बेलदौर स्वास्थ्य केंद्र पर जा कर वास्तविक बात जानने की कोशिस की तो सामने ही एक इमरजंसी केश आया,जिसमे एक 10 साल की मौसम कुमारी नाम की छोटी बच्ची थी जिसको जंगली सुअर ने काट लिया था और उसका पैर लहूलुहान हुआ था लेकिन इमरजेंसी सेवा ठप होने से परिजन हक्का बक्का रह गए कि अब कंहा जाय खगड़िया सदर अस्पताल की दूरी वंहा से 60 किलोमीटर की है उतना दूरी तय करने में तो और हालात खराब हो जाएंगे।

बाइट-मौसम कुमारी मरीज के परिजन

विओ 4
सदन शर्मा मरीज के परिजन है जो कि अपने मरीज का इलाज करवाने आये थे उन्होंने बताया कि इमरजेंसी सेवा ठप होने से बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है

विओ 3
द्रौपदी देवी जो कि खुद एक मरीज है और वृद्ध महिला है उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि ये सरकारी अस्पताल ही हम जैसे रोगियों की एक जगह है यंहा दवा सस्ता मिलता है मुफ्त में इलाज हो जता है इसलिए हमलोगों का एक मात्र सहारा यंही है लेकिन इमरजंसी बंद होने के वजह बहुत दिक्कत झेलना पड़ रहा है।

आधिकारिक बाइट
बेलदौर प्रखंड के स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी,डॉक्टर मुकेश कुमार का कहना है कि इमरजेसी सेवा में हड़ताल नही है,हाँ मरीज के परिजनों के द्वारा मारपीट जरूर की गई थी लेकिन हड़ताल सिर्फ 2 दिन के लिए ही था। डॉक्टर की कमी के वजह से इमेरजेंसी सेवा बंद है। मेरे द्वारा लगातार सिविल सर्जन के पास लिख कर डॉक्टर की मांग की गई है लेकिन अभी तक डॉक्टर नही उपलब्ध हो पाए है। इस अस्पताल में कम से कम 6 डॉक्टर की नियुक्ति होनी चाहिए लेकिन सिर्फ 2 डॉक्टर के भरोसे अस्पताल संचालित हो रहा है।

बाइट-विकाश पासवान, प्रखंड प्रमुख
बाइट-चंदन सिंह, जिला अध्यक्ष, युवा शक्ति
बाइट-मौसम कुमार,मरीज के परिजन
बाइट-सदन शर्मा,मरीज के परिजन
बाइट-द्रौपदी देवी, मरीज
बाइट-मुकेश कुमार, अस्पताल प्रभारी

(नॉट-आग्रह है इस स्टोरी को आज ही पब्लिस कर दिया जाय
क्यों कि हो सकता हमारे वजह से अस्पताल का इमेरजेंसी सेवा बहाल हो सके)


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.