ETV Bharat / state

कटिहार के इस गांव में हर आशियाने की अलग पहचान, जानिए क्या है वजह... - Balthi Maheshpur Village

कहते हैं कि शौक अगर जुनून बन जाए तो उसकी अलग पहचान बन जाती है. कटिहार के रोमी खान के शौक ने उनके गांव को अगल पहचान दिला दी. उनका ये शौक अब शौक नहीं रहा, बल्कि परंपरा बन गई है. जिसका नतीजा है कि आज यहां के हर नए घर की छत पर कोई ना कोई आकृति बनी हुई दिख जाएगी. पढ़ें पूरी खबर...

म
author img

By

Published : Aug 2, 2022, 1:32 PM IST

Updated : Aug 2, 2022, 2:09 PM IST

कटिहारः हमारे देश में कई गांव ऐसे हैं, जिसकी कुछ ना कुछ विशेष खासियत है लेकिन आज हम आपको सीमांचल के ऐसे इलाके से रूबरू कराते हैं जो सैलाब और कटाव की त्रासदी से हर साल जूझने के बावजूद पूरे मुल्क में अपनी अलग पहचान (Unique identity of Every house in Katihar) रखता है. कटिहार के बल्थी महेशपुर गांव (Balthi Maheshpur Village) के लोग अपने घरों की छतों पर विशेष आकृति बनाने के लिए जाने जाते हैं. इस इलाके के ग्रामीण अपने आशियाने को अलग पहचान देने के इतने शौकीन हैं कि छत पर सीमेंट से कुछ ना कुछ विशेष आकृति बना डालते हैं.

ये भी पढ़ेंः Madhushravani Vrat 2022: मिथिलांचल में नई दुल्हन 15 दिनों तक करती हैं व्रत, आज नाग-नागिन की विशेष पूजा

हर घर की अलग पहचानः कटिहार का कुर्सेला प्रखंड के बल्थी महेशपुर गांव से थोड़ी दूरी पर ही नेशनल हाइवे- 31 गुजरता है. यूं तो इस गांव की कोई ऐतिहासिक या पौराणिक पहचान नहीं है लेकिन खेती-बाड़ी कर जिन्दगी बसर करने वाले अधिकांश लोगों के इस गांव में हर आशियाने की अलग-अलग पहचान है. कोई हवाई जहाज वाले घर के लिये पहचाना जाता है, तो कोई मयूर पक्षी वाले घर के लिये जाना जाता है, तो किसी के घर को फुटबॉल वाला मकान कहा जाता है. यहां के हर घर की छतें अपने विशेष डिजाइन के लिए जानी जाती है. यानी गांव के हर घर की छत पर कोई न कोई खास डिजाइन बनी होती है.

ये भी पढ़ेंः शौक बड़ी चीज है! सपने पूरे करने के लिए बिहार के दिवाकर ने WagonR कार को बना दिया 'हेलीकॉप्टर'

शौक में लोग करते हैं ऐसाः इन तरह-तरह के नामों से इन्हें यूं हीं नहीं पहचाना जाता. दरअसल यहां हर कोई अपने घरों के मुंडेर पर सीमेंट और बालू से अलग-अलग आकृतियां बनावा लेता है, ताकि उनका घर अलग दिखे. जिससे हर इन घरों चर्चा गांव के आसपास के इलाके में भी होती है. अपनी विशेष आकृतियों के कारण अब तो इन घरों के पुश्तैनी नाम भी छोटे पड़ गए हैं. अब हर कोई इन घरों को हवाई जहाज वाला घर, फुटबॉल वाला घर और मोर वाला घर कहता है. कटिहार के ही रहने वाले मुकेश गुप्ता ने अपनी छत पर सीमेंट से धार्मिक मान्यता के अनुसार भोले बाबा के वाहन नंदी बैल बनवा लिया.

"घरों पर ऐसी डिजाइन बनवाया है ताकि हमारे घरों को लोग आसानी से दूर से ही पहचान लें. गांव भी इससे खूबसुरत लगेगा, इसकी अलग पहचान होगी. 70-80 हजार रुपये खर्च आए इसको बनवाने में. कुछ नया क्रिएट करने में अच्छा लगता है. शौक भी था की एक हवाई जहाज घर की छत पर बनावाएं इसलिए बनावा दी"- रोमी खान, मकान मालिक

घर की छत पर बनी फुटबॉल की आकृति
घर की छत पर बनी फुटबॉल की आकृति

रोमी खान ने की इसकी शुरूआतः बताया जाता है कि इस अजूबा शौक की शुरुआत जॉब कंसलटेंसी काम से जुड़े रोमी खान ने की थी. उन्होंने अपने घरों को अलग पहचान देने के लिये अपनी छत पर एयर इंडिया का हवाई जहाज नुमा शक्ल बनवा दिया. उस आकृति को रोमी खान ने सजीवता प्रदान करने के लिये उसमें लाइटिंग भी करवा डाली और बस यहीं से यह सिलसिला गांव में चल पड़ा. अब तो हर कोई अपने घर को अगल लुक देने के लिए कोई ना कोई आकृति बनवा ही देता है. जिससे उसकी पहचान होती है, यही वजह है कि आज इस गांव में तरह-तरह की आकृति वाले मकान देखने को मिल जाएंगे.

कटिहारः हमारे देश में कई गांव ऐसे हैं, जिसकी कुछ ना कुछ विशेष खासियत है लेकिन आज हम आपको सीमांचल के ऐसे इलाके से रूबरू कराते हैं जो सैलाब और कटाव की त्रासदी से हर साल जूझने के बावजूद पूरे मुल्क में अपनी अलग पहचान (Unique identity of Every house in Katihar) रखता है. कटिहार के बल्थी महेशपुर गांव (Balthi Maheshpur Village) के लोग अपने घरों की छतों पर विशेष आकृति बनाने के लिए जाने जाते हैं. इस इलाके के ग्रामीण अपने आशियाने को अलग पहचान देने के इतने शौकीन हैं कि छत पर सीमेंट से कुछ ना कुछ विशेष आकृति बना डालते हैं.

ये भी पढ़ेंः Madhushravani Vrat 2022: मिथिलांचल में नई दुल्हन 15 दिनों तक करती हैं व्रत, आज नाग-नागिन की विशेष पूजा

हर घर की अलग पहचानः कटिहार का कुर्सेला प्रखंड के बल्थी महेशपुर गांव से थोड़ी दूरी पर ही नेशनल हाइवे- 31 गुजरता है. यूं तो इस गांव की कोई ऐतिहासिक या पौराणिक पहचान नहीं है लेकिन खेती-बाड़ी कर जिन्दगी बसर करने वाले अधिकांश लोगों के इस गांव में हर आशियाने की अलग-अलग पहचान है. कोई हवाई जहाज वाले घर के लिये पहचाना जाता है, तो कोई मयूर पक्षी वाले घर के लिये जाना जाता है, तो किसी के घर को फुटबॉल वाला मकान कहा जाता है. यहां के हर घर की छतें अपने विशेष डिजाइन के लिए जानी जाती है. यानी गांव के हर घर की छत पर कोई न कोई खास डिजाइन बनी होती है.

ये भी पढ़ेंः शौक बड़ी चीज है! सपने पूरे करने के लिए बिहार के दिवाकर ने WagonR कार को बना दिया 'हेलीकॉप्टर'

शौक में लोग करते हैं ऐसाः इन तरह-तरह के नामों से इन्हें यूं हीं नहीं पहचाना जाता. दरअसल यहां हर कोई अपने घरों के मुंडेर पर सीमेंट और बालू से अलग-अलग आकृतियां बनावा लेता है, ताकि उनका घर अलग दिखे. जिससे हर इन घरों चर्चा गांव के आसपास के इलाके में भी होती है. अपनी विशेष आकृतियों के कारण अब तो इन घरों के पुश्तैनी नाम भी छोटे पड़ गए हैं. अब हर कोई इन घरों को हवाई जहाज वाला घर, फुटबॉल वाला घर और मोर वाला घर कहता है. कटिहार के ही रहने वाले मुकेश गुप्ता ने अपनी छत पर सीमेंट से धार्मिक मान्यता के अनुसार भोले बाबा के वाहन नंदी बैल बनवा लिया.

"घरों पर ऐसी डिजाइन बनवाया है ताकि हमारे घरों को लोग आसानी से दूर से ही पहचान लें. गांव भी इससे खूबसुरत लगेगा, इसकी अलग पहचान होगी. 70-80 हजार रुपये खर्च आए इसको बनवाने में. कुछ नया क्रिएट करने में अच्छा लगता है. शौक भी था की एक हवाई जहाज घर की छत पर बनावाएं इसलिए बनावा दी"- रोमी खान, मकान मालिक

घर की छत पर बनी फुटबॉल की आकृति
घर की छत पर बनी फुटबॉल की आकृति

रोमी खान ने की इसकी शुरूआतः बताया जाता है कि इस अजूबा शौक की शुरुआत जॉब कंसलटेंसी काम से जुड़े रोमी खान ने की थी. उन्होंने अपने घरों को अलग पहचान देने के लिये अपनी छत पर एयर इंडिया का हवाई जहाज नुमा शक्ल बनवा दिया. उस आकृति को रोमी खान ने सजीवता प्रदान करने के लिये उसमें लाइटिंग भी करवा डाली और बस यहीं से यह सिलसिला गांव में चल पड़ा. अब तो हर कोई अपने घर को अगल लुक देने के लिए कोई ना कोई आकृति बनवा ही देता है. जिससे उसकी पहचान होती है, यही वजह है कि आज इस गांव में तरह-तरह की आकृति वाले मकान देखने को मिल जाएंगे.

Last Updated : Aug 2, 2022, 2:09 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.