कटिहार: बिहार में बेरोजगारी से हताश दर्जनों युवाओं ने राष्ट्रपति से फांसी की मांग कर माहौल को गरमा दिया. बिहार टीईटी बेरोजगार संघ के दर्जनों युवाओं ने स्थानीय जेपी चौक पर आरजेडी नेता और संघ के संरक्षक समरेन्द्र कुणाल के नेतृत्व में गले में फांसी का फंदा डाल कर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकर्ताओं ने बिहार शिक्षक नियोजन में डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग की.
टीईटी छात्रों को नही मिल रही नौकरी
आरजेडी नेता सह बिहार टीईटी बेरोजगार संघ के संरक्षक समरेन्द्र कुणाल ने कहा कि बिहार टीईटी शिक्षक नियोजन रोजगार के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार एवं श्रम संसाधन विभाग के अनुसार राज्य में एक लाख 80 हजार शिक्षकों का पद खाली है. जिसमें सिर्फ 80 हजार पदों पर नियोजन की घोषणा की गयी है. वहीं दूसरी ओर बाहरी राज्यों विशेषकर झारखण्ड, बंगाल और यूपी के लाखों बेरोजगारों का राज्य शिक्षक नियोजन में आवेदन लिया जा रहा है.
'लाखों छात्रों का जीवन पहले ही हुआ बर्बाद'
समरेन्द्र कुणाल ने बताया कि आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को पंचायत सचिव नहीं मिल रहे हैं. डिजिटल इंडिया की बात करने वाली सरकार जानबूझकर ऑनलाइन के जगह ऑफलाइन आवेदन ले रही है. साल 2011 के अंतिम नियोजन के बाद पिछले 8 सालों से नियोजन बन्द करने से लाखों बेरोजगार टीईटी और सीटीईटी छात्रों का बहाली का उम्र खत्म हो गयी है. साल 2019 के नियोजन के बाद 4 लाख 50 हजार युवाओं का भविष्य बर्बाद हो जाएगा. लाखों रूपया खर्च और मेहनत कर कोर्स पूरा कर शिक्षक नियोजन का इन्तजार कर रहे छात्रों के भविष्य राज्य सरकार के प्रति पूरी तरह असंवेदनशील है.
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छात्रों ने की राष्ट्रपति से फांसी की मांग
छात्र करण कुमार ने बताया कि सरकार अभी तक कई जिलों में सही तरीके से रोस्टर भी जारी नहीं की है. टीईटी अभ्यर्थियों को आवेदन करने के लिए परेशान किया जा रहा है. सरकार ऑन लाइन रिजल्ट देने की बात कह रही है, लेकिन ऑनलाइन आवेदन नहीं लिया जा रहा. टीईटी बेरोजगार छात्र बेरोजगारी से हताश और जीवन से निराश हो गये हैं, इसलिए अंत में सभी छात्र महामहिम राष्ट्रपति से फांसी की मांग कर रही है.