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कटिहार : टीईटी छात्रों ने राष्ट्रपति से की इच्छामृत्यु की मांग

छात्र करण कुमार ने बताया कि सरकार अभी तक कई जिलों में सही तरीके से रोस्टर भी जारी नहीं की है. टीईटी अभ्यर्थियों को आवेदन करने के लिए परेशान किया जा रहा है. टीईटी बेरोजगार छात्र बेरोजगारी से हताश और जीवन से निराश हो गये हैं, इसलिए अंत में सभी छात्र महामहिम राष्ट्रपति से फांसी की मांग कर रही है.

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Published : Oct 30, 2019, 8:05 AM IST

टीइटी छात्रों ने कीराष्ट्रपति से की इच्छामृत्यु से मांग

कटिहार: बिहार में बेरोजगारी से हताश दर्जनों युवाओं ने राष्ट्रपति से फांसी की मांग कर माहौल को गरमा दिया. बिहार टीईटी बेरोजगार संघ के दर्जनों युवाओं ने स्थानीय जेपी चौक पर आरजेडी नेता और संघ के संरक्षक समरेन्द्र कुणाल के नेतृत्व में गले में फांसी का फंदा डाल कर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकर्ताओं ने बिहार शिक्षक नियोजन में डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग की.

टीईटी छात्रों को नही मिल रही नौकरी
आरजेडी नेता सह बिहार टीईटी बेरोजगार संघ के संरक्षक समरेन्द्र कुणाल ने कहा कि बिहार टीईटी शिक्षक नियोजन रोजगार के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार एवं श्रम संसाधन विभाग के अनुसार राज्य में एक लाख 80 हजार शिक्षकों का पद खाली है. जिसमें सिर्फ 80 हजार पदों पर नियोजन की घोषणा की गयी है. वहीं दूसरी ओर बाहरी राज्यों विशेषकर झारखण्ड, बंगाल और यूपी के लाखों बेरोजगारों का राज्य शिक्षक नियोजन में आवेदन लिया जा रहा है.

टीईटी छात्रों ने नीतीश सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

'लाखों छात्रों का जीवन पहले ही हुआ बर्बाद'
समरेन्द्र कुणाल ने बताया कि आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को पंचायत सचिव नहीं मिल रहे हैं. डिजिटल इंडिया की बात करने वाली सरकार जानबूझकर ऑनलाइन के जगह ऑफलाइन आवेदन ले रही है. साल 2011 के अंतिम नियोजन के बाद पिछले 8 सालों से नियोजन बन्द करने से लाखों बेरोजगार टीईटी और सीटीईटी छात्रों का बहाली का उम्र खत्म हो गयी है. साल 2019 के नियोजन के बाद 4 लाख 50 हजार युवाओं का भविष्य बर्बाद हो जाएगा. लाखों रूपया खर्च और मेहनत कर कोर्स पूरा कर शिक्षक नियोजन का इन्तजार कर रहे छात्रों के भविष्य राज्य सरकार के प्रति पूरी तरह असंवेदनशील है.

nitish government
राष्ट्रपति से की इच्छामृत्यु की मांग

छात्रों ने की राष्ट्रपति से फांसी की मांग
छात्र करण कुमार ने बताया कि सरकार अभी तक कई जिलों में सही तरीके से रोस्टर भी जारी नहीं की है. टीईटी अभ्यर्थियों को आवेदन करने के लिए परेशान किया जा रहा है. सरकार ऑन लाइन रिजल्ट देने की बात कह रही है, लेकिन ऑनलाइन आवेदन नहीं लिया जा रहा. टीईटी बेरोजगार छात्र बेरोजगारी से हताश और जीवन से निराश हो गये हैं, इसलिए अंत में सभी छात्र महामहिम राष्ट्रपति से फांसी की मांग कर रही है.

कटिहार: बिहार में बेरोजगारी से हताश दर्जनों युवाओं ने राष्ट्रपति से फांसी की मांग कर माहौल को गरमा दिया. बिहार टीईटी बेरोजगार संघ के दर्जनों युवाओं ने स्थानीय जेपी चौक पर आरजेडी नेता और संघ के संरक्षक समरेन्द्र कुणाल के नेतृत्व में गले में फांसी का फंदा डाल कर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकर्ताओं ने बिहार शिक्षक नियोजन में डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग की.

टीईटी छात्रों को नही मिल रही नौकरी
आरजेडी नेता सह बिहार टीईटी बेरोजगार संघ के संरक्षक समरेन्द्र कुणाल ने कहा कि बिहार टीईटी शिक्षक नियोजन रोजगार के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार एवं श्रम संसाधन विभाग के अनुसार राज्य में एक लाख 80 हजार शिक्षकों का पद खाली है. जिसमें सिर्फ 80 हजार पदों पर नियोजन की घोषणा की गयी है. वहीं दूसरी ओर बाहरी राज्यों विशेषकर झारखण्ड, बंगाल और यूपी के लाखों बेरोजगारों का राज्य शिक्षक नियोजन में आवेदन लिया जा रहा है.

टीईटी छात्रों ने नीतीश सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

'लाखों छात्रों का जीवन पहले ही हुआ बर्बाद'
समरेन्द्र कुणाल ने बताया कि आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को पंचायत सचिव नहीं मिल रहे हैं. डिजिटल इंडिया की बात करने वाली सरकार जानबूझकर ऑनलाइन के जगह ऑफलाइन आवेदन ले रही है. साल 2011 के अंतिम नियोजन के बाद पिछले 8 सालों से नियोजन बन्द करने से लाखों बेरोजगार टीईटी और सीटीईटी छात्रों का बहाली का उम्र खत्म हो गयी है. साल 2019 के नियोजन के बाद 4 लाख 50 हजार युवाओं का भविष्य बर्बाद हो जाएगा. लाखों रूपया खर्च और मेहनत कर कोर्स पूरा कर शिक्षक नियोजन का इन्तजार कर रहे छात्रों के भविष्य राज्य सरकार के प्रति पूरी तरह असंवेदनशील है.

nitish government
राष्ट्रपति से की इच्छामृत्यु की मांग

छात्रों ने की राष्ट्रपति से फांसी की मांग
छात्र करण कुमार ने बताया कि सरकार अभी तक कई जिलों में सही तरीके से रोस्टर भी जारी नहीं की है. टीईटी अभ्यर्थियों को आवेदन करने के लिए परेशान किया जा रहा है. सरकार ऑन लाइन रिजल्ट देने की बात कह रही है, लेकिन ऑनलाइन आवेदन नहीं लिया जा रहा. टीईटी बेरोजगार छात्र बेरोजगारी से हताश और जीवन से निराश हो गये हैं, इसलिए अंत में सभी छात्र महामहिम राष्ट्रपति से फांसी की मांग कर रही है.

Intro:कटिहार

बिहार में बेरोजगारी से हताश दर्जनों युवाओं ने राष्ट्रपति से फाँसी की माँग कर माहौल को गरमा दिया। बिहार टीइटी बेरोजगार संघ के बैनर तले दर्जनों युवाओं ने स्थानीय जेपी चौक पर राजद नेता व संघ के संरक्षक समरेन्द्र कुणाल के नेतृत्व में गले में फाँसी का फंदा डाल कर विरोध प्रदर्शन किया और बिहार शिक्षक नियोजन में डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग की।

Body:इस अवसर राजद नेता सह बिहार टीईटी बेरोजगार संघ के संरक्षक समरेन्द्र कुणाल ने कहा कि बिहार टीईटी शिक्षक नियोजन रोजगार के नाम पर खानापूर्ति किया जा रहा है। बिहार सरकार एवं श्रम संसाधन विभाग के अनुसार राज्य में एक लाख अस्सी हजार शिक्षकों का पद खाली है जिसमें सिर्फ अस्सी हजार पदों पर नियोजन की ही घोषणा किया गया है वहीं दूसरी ओर बाहरी राज्यों विशेषकर झारखण्ड बंगाल यूपी के लाखों बेरोजगार को राज्य शिक्षक नियोजन में आवेदन लिया जा रहा है जबकि दूसरे राज्यों की नौकरियों में बिहारियों को रोका जा रहा है।

उन्होने बताया कि आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को पंचायत सचिव नहीं मिल रहे हैं। प्रखंड मुख्यालय में आवेदन नहीं लिया जा रहा है लोग आवेदन जमा करने के लिए भटक रहें हैं, डिजिटल इंडिया की बात करने वाली सरकार जानबूझकर ऑन लाईन के जगह ऑफ लाईन आवेदन ले रही है। राज्य में आठ हजार पंचायतों में आवेदन करना अभ्यर्थियों के लिए नामुमकिन है। सरकार के द्वारा पंचायतों में आवेदन के लिए बेरोजगारों की भीड़ खड़ा कर आम लोगों के बीच रोजगार देने का चुनावी स्टंट किया जा रहा है चुंकि राज्य में लगातार बढ़ती बेरोजगारी के कारण बेरोजगारों में आक्रोश पनप रहा है। वर्ष 2011 के अंतिम नियोजन के बाद पिछले आठ वर्षों से नियोजन बन्द करने से लाखो बेरोजगार टीईटी एवं सीटीईटी छात्रों का बहाली का उम्र खत्म हो गया है। वर्ष 2019 के नियोजन के बाद 4•50 लाख युवाओं का भविष्य बर्बाद हो जाएगा। लाखों रूपया खर्च एवं मेहनत कर कॉर्स पूरा कर शिक्षक नियोजन का इन्तजार कर रहे छात्रों के भविष्य राज्य सरकार के प्रति पूरी तरह असंवेदनशील है।

Conclusion:कुणाल ने बताया कि वर्ष 2011 के 90 हजार नियोजन में तीस हजार बेरोजगारों दूसरे प्रदेशों के लोगों को लिया गया था जबकि झारखंड के नौकरियों में डोमिसाइल नीति के तहत बिहारी अभ्यर्थियों पर रोक लगा दिया गया है। झारखण्ड के तर्ज पर सुबे के बेरोजगारों के लिए बिहार सरकार डोमिसाइल नीति लागू करे अन्यथा आन्दोलन और तेज किया जाएगा। उन्होने कहा कि टीईटी अभयर्थियों के तीन सूत्रि मांगों को यथा राज्य के नौकरियों में बाहरी राज्यों को रोकने के लिए झारखंड की तरह बिहार में भी डोमिसाइल नीति लागू करे सरकार, 2011 से 2019 के बीच खाली तमाम एक लाख अस्सीज हजार पदों पर नियोजन एवं ऑन लाईन आवेदन की माँग को लेकर बिहार टीईटी बेरोजगार संघ का आन्दोलन जारी रहेगा।

इस अवसर पर छात्रों करण कुमार ने बताया कि सरकार अभी तक कई जिलों में सही तरीके से रोस्टर भी जारी नहीं किया है। टीईटी अभ्यर्थियो को गाँव गाँव आवेदन करने के लिए परेशान किया जा रहा है सरकार ऑन लाईन रिजल्ट देने की बात कह रही है लेकिन ऑन लाईन आवेदन नहीं लिया जा रहा एक तरफ डिजिटल इंडिया की बात हो रही है दूसरी आवेदन के लिए टीईटी अभ्यर्थियों को भाग दौड़ कराया जा रहा है। टीईटी बेरोजगार छात्र बेरोजगारी से हताश एवं जीवन से निराश होकर अंतत: महामहिम राष्ट्रपति से फाँसी की मांग किया गया है।
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