कटिहार: कोरोना महामारी के बीच सीएम नीतीश की नियोजित शिक्षकों की नई सेवा शर्त से शिक्षक महकमा खुश नहीं हैं. शिक्षकों की मानें तो सरकार से उन्होंने 'समान काम, समान वेतन' की मांग की थी और सरकार ने उन्हें नई सेवा शर्त लागू कर बच्चों का लॉलीपॉप थमा दिया हैं. इसके खिलाफ कटिहार में शिक्षक आगामी पांच सितंबर को बांहों पर काली पट्टी लगा कर सरकार का विरोध करेगें.
'समान काम, समान वेतन' देने की मांग
जानकारी के मुताबिक शिक्षक महकमा सरकार के नये सेवा शर्त नियमावली से खुश नहीं हैं. इस मौके पर कटिहार जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष मो. तमीजुद्दीन ने बताया कि शिक्षकों के लिए सेवा नियम के अलावे कुछ नहीं हैं. जबतक वेतन में समानता नहीं हैं. इसका कोई मतलब नही हैं.
मो. तमीजुद्दीन ने बताया कि हमारे पास पहले से ही मातृत्व अवकाश जैसे कुछ लाभ है. हम शिक्षा प्रणाली की मुख्य कड़ी हैं. सरकार को हमारे वेतन संरचना पर ध्यान देना होगा. उन्होंने बताया कि उन्होंने सरकार से ' समान काम , समान वेतन ' देने की मांग की थी और इसके लिये शिक्षकों ने राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन भी आयोजित किया था.
शिक्षक दिवस पर होगा विरोध प्रदर्शन
सरकार ने शिक्षकों के मांगे माने जाने का भरोसा भी दिया था, लेकिन सेवा शर्त नियमावली महज एक लॉलीपॉप है. इस मौके पर बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के कटिहार जिलाध्यक्ष नीतेश कुमार झा ने बताया सरकार के फैसले के खिलाफ शिक्षक दिवस को हमलोगों ने काला पट्टी बांध विरोध प्रदर्शन करेगें.
सरकार की नई सेवा शर्त मान्य नहीं
नीतीश कैबिनेट ने कक्षा 1 से 12 वर्ग के लिए चार लाख से अधिक पंचायत राज्य संस्थाओं और नगर निकायों के शिक्षकों के लिए सेवा नियमों को मंजूरी दी है. इसके तहत शिक्षकों की तरह कर्मचारी भविष्य निधि ( ईपीएफ ) योजना और अंतर-जिला स्थानांतरण का लाभ मिलेगा. घोषणाओं के अनुसार अब शिक्षकों को सिर्फ शिक्षक ही कहा जायेगा और वह कहीं भी ट्रांसफर ले सकते हैं.