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कटिहार DS कॉलेज में 14 हजार छात्रों के लिए हैं मात्र 18 शिक्षक, 72 पद हैं सृजित

कॉलेज के प्रधानाध्यापक ने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कई बार पूर्णिया विश्वविद्यालय को पत्र लिखा गया, लेकिन स्थिति आज भी वैसे ही बनी हुई है. पीजी में शिक्षकों की कमी होने के कारण वर्तमान में मौजूद 18 शिक्षक ही सभी बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं.

दर्शन शाह कॉलेज
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Published : Jul 27, 2019, 2:39 PM IST

कटिहार: शहर के प्रतिष्ठित डीएस कॉलेज के 14 हजार छात्र महज 18 शिक्षकों के भरोसे हैं. इस महाविद्यालय में 18 विभाग हैं, जिनमें से कुछ विभागों में एक भी शिक्षक नहीं है. यही कारण है कि यहां के छात्र कोचिंग संस्थानों में पढ़ने को मजबूर हैं. छात्रों के अनुसार वो यहां केवल परीक्षा देने और डिग्री लेने आते हैं.

14 विषयों में नहीं हैं शिक्षक
1953 में स्थापित इस महाविद्यालय की हालत आज बद से बदतर हो गई है. यहां 14 विषयों में बिना शिक्षकों के ही पढ़ाई होती है. यहां उच्च शिक्षा महज नामांकन और परीक्षा तक सीमित तक सीमित रह गई है. स्नातकोत्तर में फिलहाल 642 छात्र-छात्राएं नामांकित है लेकिन उनकी शिक्षा कोचिंग संस्थानों पर या निजी शिक्षकों पर ही निर्भर है.

katihar
दर्शन शाह कॉलेज

विश्वविद्यालय के तरफ से नहीं उठाए गए कदम
महाविद्यालय में शिक्षकों की पदस्थापन को लेकर विश्वविद्यालय स्तर से भी किसी प्रकार से पहल नहीं की जा रही है. जबकि पूर्णिया विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद कई शिक्षकों को स्थानांतरण विश्वविद्यालय में होने के कारण प्रधानाध्यापकों की कमी और और बढ़ती जा रही है. बावजूद इसके महाविद्यालय के तरफ से इसके लिए कदम नहीं उठाया जा रहा है.

katihar
कॉलेज का प्रशासनिक भवन

72 शिक्षकों की जगह 18 शिक्षक कार्यरत
कॉलेज के प्रधानाध्यापक डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया कि कॉलेज में 72 शिक्षक होने चाहिए थे, लेकिन यहां मात्र 18 शिक्षक ही कार्यरत हैं. शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कई बार पूर्णिया विश्वविद्यालय को पत्र लिखा गया, लेकिन स्थिति आज भी वैसे ही बनी हुई है. पीजी में शिक्षकों की कमी होने के कारण वर्तमान में मौजूद 18 शिक्षक ही सभी बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं.

दर्शन शाह कॉलेज में शिक्षकों की कमी

छात्रों ने बताई समस्या
कॉलेज के छात्र संघ के अध्यक्ष अनीस सिंह ने बताया कॉलेज में अनेकों समस्याएं हैं. शिक्षकों की कमी है, लाइब्रेरी में लाइब्रेरियन की कमी है, साइकिल स्टैंड नहीं है, जिससे आए दिन साइकिल चोरी की घटनाएं होती रहती हैं. अनीस ने बताया कि महाविद्यालय का भवन भी जर्जर हो चुका है. शिक्षकों की कमी होने के कारण छात्र-छात्राएं कोचिंग संस्थानों में पढ़ने को मजबूर हैं.

छात्रों की कुल संख्या- 14 हजार
कुल विभाग- 18

शिक्षकों की संख्या- 18 शिक्षकों की जरूरत-72
लाइब्रेरियन की संख्या -1 लाइब्रेरियन की जरूरत-6
क्लर्क की संख्या -8 क्लर्क की जरूरत- 28
गार्ड की संख्या -0 गार्ड की जरूरत-06
परिचारी की संख्या-4 परिचारी की जरूरत-34

इंटर, यूजी और पीजी के विभागों में शिक्षकों की संख्या

विषय संख्या
मैथ्स 1
फिजिक्स 2
केमिस्ट्री 2
वनस्पति विज्ञान 0
प्राणि विज्ञान 1
कॉमर्स 0
हिंदी 3
इंगलिश 4
उर्दू 1
मैथली 1
संस्कृत 0
बांगला 0
पारसी 0
इतिहास 0
राजनीति विज्ञान 0
अर्थशास्त्र 1
मनोविज्ञान 0
दर्शन शास्त्र 2

अतिथि शिक्षकों की संख्या- 6

कॉमर्स 1
बंगला 1
मैथली 1
संस्कृत 1
मनोविज्ञान 1
डेप्यूटेशन 1

कटिहार: शहर के प्रतिष्ठित डीएस कॉलेज के 14 हजार छात्र महज 18 शिक्षकों के भरोसे हैं. इस महाविद्यालय में 18 विभाग हैं, जिनमें से कुछ विभागों में एक भी शिक्षक नहीं है. यही कारण है कि यहां के छात्र कोचिंग संस्थानों में पढ़ने को मजबूर हैं. छात्रों के अनुसार वो यहां केवल परीक्षा देने और डिग्री लेने आते हैं.

14 विषयों में नहीं हैं शिक्षक
1953 में स्थापित इस महाविद्यालय की हालत आज बद से बदतर हो गई है. यहां 14 विषयों में बिना शिक्षकों के ही पढ़ाई होती है. यहां उच्च शिक्षा महज नामांकन और परीक्षा तक सीमित तक सीमित रह गई है. स्नातकोत्तर में फिलहाल 642 छात्र-छात्राएं नामांकित है लेकिन उनकी शिक्षा कोचिंग संस्थानों पर या निजी शिक्षकों पर ही निर्भर है.

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दर्शन शाह कॉलेज

विश्वविद्यालय के तरफ से नहीं उठाए गए कदम
महाविद्यालय में शिक्षकों की पदस्थापन को लेकर विश्वविद्यालय स्तर से भी किसी प्रकार से पहल नहीं की जा रही है. जबकि पूर्णिया विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद कई शिक्षकों को स्थानांतरण विश्वविद्यालय में होने के कारण प्रधानाध्यापकों की कमी और और बढ़ती जा रही है. बावजूद इसके महाविद्यालय के तरफ से इसके लिए कदम नहीं उठाया जा रहा है.

katihar
कॉलेज का प्रशासनिक भवन

72 शिक्षकों की जगह 18 शिक्षक कार्यरत
कॉलेज के प्रधानाध्यापक डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया कि कॉलेज में 72 शिक्षक होने चाहिए थे, लेकिन यहां मात्र 18 शिक्षक ही कार्यरत हैं. शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कई बार पूर्णिया विश्वविद्यालय को पत्र लिखा गया, लेकिन स्थिति आज भी वैसे ही बनी हुई है. पीजी में शिक्षकों की कमी होने के कारण वर्तमान में मौजूद 18 शिक्षक ही सभी बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं.

दर्शन शाह कॉलेज में शिक्षकों की कमी

छात्रों ने बताई समस्या
कॉलेज के छात्र संघ के अध्यक्ष अनीस सिंह ने बताया कॉलेज में अनेकों समस्याएं हैं. शिक्षकों की कमी है, लाइब्रेरी में लाइब्रेरियन की कमी है, साइकिल स्टैंड नहीं है, जिससे आए दिन साइकिल चोरी की घटनाएं होती रहती हैं. अनीस ने बताया कि महाविद्यालय का भवन भी जर्जर हो चुका है. शिक्षकों की कमी होने के कारण छात्र-छात्राएं कोचिंग संस्थानों में पढ़ने को मजबूर हैं.

छात्रों की कुल संख्या- 14 हजार
कुल विभाग- 18

शिक्षकों की संख्या- 18 शिक्षकों की जरूरत-72
लाइब्रेरियन की संख्या -1 लाइब्रेरियन की जरूरत-6
क्लर्क की संख्या -8 क्लर्क की जरूरत- 28
गार्ड की संख्या -0 गार्ड की जरूरत-06
परिचारी की संख्या-4 परिचारी की जरूरत-34

इंटर, यूजी और पीजी के विभागों में शिक्षकों की संख्या

विषय संख्या
मैथ्स 1
फिजिक्स 2
केमिस्ट्री 2
वनस्पति विज्ञान 0
प्राणि विज्ञान 1
कॉमर्स 0
हिंदी 3
इंगलिश 4
उर्दू 1
मैथली 1
संस्कृत 0
बांगला 0
पारसी 0
इतिहास 0
राजनीति विज्ञान 0
अर्थशास्त्र 1
मनोविज्ञान 0
दर्शन शास्त्र 2

अतिथि शिक्षकों की संख्या- 6

कॉमर्स 1
बंगला 1
मैथली 1
संस्कृत 1
मनोविज्ञान 1
डेप्यूटेशन 1
Intro:कटिहार

कटिहार के प्रतिष्ठित डीएस कॉलेज के 14000 छात्र महज 18 शिक्षकों के भरोसे, कॉलेज में नहीं होती है कभी पढ़ाई, बाहरी कोचिंग या शिक्षा संस्थानों से पढ़ाई कर शिक्षा ले रहे हैं छात्र, कॉलेज में सिर्फ परीक्षा देने और डिग्री लेने आते हैं छात्र।


Body:सीमांचल के इलाके में कटिहार का डीएस कॉलेज का अलग ही पहचान है। 1953 में स्थापित इस महाविद्यालय से पढ़ाई कर लोग आज अच्छे संस्थानों में काम कर रहे हैं लेकिन आज इस महाविद्यालय के स्थिति बद से बदतर हो गई है। आज इस कॉलेज की स्थिति ऐसी है कि 18 विभाग में इंटर से लेकर पीजी तक के पढ़ाई के लिए 14000 छात्र पर महज 18 शिक्षक मौजूद हैं वही कॉलेज में बिना पढ़ाई के हीं बच्चों को डिग्री दे दी जाती है।

बेहतर शिक्षा की कवायद के बीच उच्च शिक्षा पर लगा ग्रहण छंटने का नाम नहीं ले रहा है। जिले का सबसे प्रतिष्ठित दर्शन शाह महाविद्यालय में स्नातकोत्तर के 14 विषयों में बिना शिक्षक ही वर्षों से पढ़ाई हो रही है ऐसे में उच्च शिक्षा महज नामांकन व परीक्षा तक सीमित है। ऐसी स्थिति में शिक्षा का मकसद डिग्री पाना तक ही सीमित रह गया है। स्नातकोत्तर में फिलहाल 642 छात्र-छात्राएं नामांकित है लेकिन उनकी शिक्षा कोचिंग संस्थानों पर या निजी शिक्षकों पर ही निर्भर है।

महाविद्यालय में शिक्षकों की पदस्थापन को लेकर विश्वविद्यालय स्तर से भी नकारात्मक पहल नहीं हो पा रहा है जबकि पूर्णिया विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद कई शिक्षकों को स्थानांतरण विश्वविद्यालय में होने के कारण प्रधानाध्यापकों की कमी और और बढ़ती जा रही है हद तो यह है कि स्नातकोत्तर के 14 विषयों के लिए एक भी शिक्षक पदस्थापित नहीं है ऐसे में उस शिक्षा का कवायद पर ग्रहण लगा हुआ है। परीक्षा से लेकर परिणाम प्रकाशन तक में परेशानी हो रही है।

कॉलेज के प्रधानाध्यापक डॉ अशोक कुमार सिंह ने बताया जहां कॉलेज में 72 शिक्षक होना चाहिए थी वह 18 शिक्षकों के भरोसे चल रही है शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कई बार पूर्णिया विश्वविद्यालय को पत्र लिखा गया लेकिन स्थिति आज भी वैसे ही बनी हुई है। पीजी में शिक्षकों की कमी होने के कारण वर्तमान में मौजूद 18 शिक्षक ही सभी बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं।

कॉलेज के छात्र संघ के अध्यक्ष अनीस सिंह ने बताया कॉलेज में अनेकों समस्याएं हैं शिक्षकों की कमी है, लाइब्रेरी में लाइब्रेरियन की कमी है, साइकिल स्टैंड नहीं है जिससे आए दिन बच्चों का साइकिल चोरी हो जाती है, कॉलेज में बच्चों को पढ़ाया नहीं जाता, कॉलेज में पढ़ाई का वातावरण नहीं है, कॉलेजों का भवन जर्जर हो चुके हैं शिक्षकों की कमी होने के कारण छात्र-छात्राएं बाहर निजी शिक्षक या कोचिंग संस्थानों पर ही निर्भर होते हैं कॉलेज से सिर्फ परीक्षा देकर बच्चे डिग्री लेने आते हैं।


Conclusion:महाविद्यालय के 18 विभाग में कुछ ऐसे भी विभाग हैं जिसमें कोई शिक्षक ही नहीं है। बच्चे बिना शिक्षक के ही पढ़ाई और डिग्री ले रहे हैं।

इंटर, युजी और पीजी में विभाग वाइज शिक्षकों की संख्या

MATHS-- 01
PHYSICS-- 02
CHEMISTRY --02
BOTANY--00
ZOOLOGY --01
COMMERCE--00
HINDI--03
ENGLISH --04
URDU--01
MATHILI--01
SANSKRIT --00
BANGALI--00
PARSI--00
HISTORY--00
POLITICAL--00
ECONOMICS--01
PSYCHOLOGY--00
PHILOSOPHY --02

अतिथि शिक्षक--06
COMMERCE--01
BANGLA--01
MATHILI--01
SANSKRIT--01
PSYCHOLOGY--01
DEPUTATION--01

बच्चों की संख्या- 14000
कूल विभाग- 18
शिक्षकों की संख्या-18, जरूरत-72
लाइब्रेरियन -01, जरूरत-06
क्लर्क-08, जरूरत- 28
गार्ड-00, जरूरत-06
परिचारी-04, जरूरत-34


BYTE
1 शंभू कुमार यादव, प्रभारी पुस्तकालय अध्यक्ष
2 डा अशोक कुमार सिंह, प्रधानाचार्य
3 अनीश कुमार सिंह, ABVP, छात्र संघ अध्यक्ष
4 मो एकबाल, भीम आर्मी छात्र संगठन जिला अध्यक्ष
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