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कटिहार: बाढ़ में टूटी 2 प्रखंडों को जोड़ने वाली मुख्य सड़क 3 साल बाद भी जस की तस - मुख्य सड़क का निर्माण

रात में लोगों को आवागमन में काफी परेशानी होती है और लोग तालाब में गिर जाते हैं. लोगों ने इस सड़क के निर्माण के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराया. लेकिन नेताओं की नीतियों के चक्कर में इस सड़क का निर्माण पूरा नहीं हो सका.

भीषण बाढ़ में कटी सड़क
भीषण बाढ़ में कटी सड़क
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Published : May 29, 2020, 10:59 AM IST

कटिहार: जिले में 3 साल बाद भी बाढ़ में कटी दो प्रखंडों को जोड़ने वाली मुख्य सड़क का निर्माण नहीं हो सका है. जिसकी वजह से स्थानीय लोगों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है. ऐसे में इन लोगों को दिन के समय कच्चे रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है. वहीं, बरसात में 5 किलोमीटर घूमकर प्रखंड मुख्यालय पहुंचना पड़ता है.

लोगों ने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों की नीति की वजह से इस सड़क का निर्माण नहीं हो सका है. चुनावी वर्ष में लोगों ने वोट की ताकत के जरिए जनप्रतिनिधियों को चोट देने की बात कह रहे हैं.

katihar
भीषण बाढ़ में कटी सड़क

बाढ़ के कारण कट गई है सड़क
कोढ़ा प्रखंड और हसनगंज प्रखंड मुख्यालय को जोड़ने वाली जगन्नाथपुर पंचायत की ये सड़क बाढ़ के कारण कट गई थी. हालात ये है कि सड़क के बीचों-बीच तालाब बन गया है, इसमें मछुआरे मछली मारते देखे जाते हैं. दिन के उजाले में तो लोग कच्ची सड़क का उपयोग कर आवागमन करते हैं. लेकिन रात में लोगों को आवागमन में काफी परेशानी होती है और लोग तालाब में गिर जाते हैं. लोगों ने इस सड़क के निर्माण के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराया. लेकिन नेताओं की नीतियों के चक्कर में इस सड़क का निर्माण पूरा नहीं हो सका.

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कच्चे रास्ते से कर रहे आवागमन

दिन के समय कच्चे रास्ते से करते हैं आवागमन
कटिहार जिला बाढ़ प्रभावित इलाका है जिस कारण हर साल बाढ़ के कारण करोड़ों का नुकसान हो जाता है. 2020 का साल चुनावी साल है और साल के अंत में बिहार विधानसभा का चुनाव होना है. चुनाव में अभी कुछ महीने बाकी है और लोगों को उम्मीद है कि इस साल सड़क की मरम्मती हो जाएगी. जिससे आवागमन में आसानी होगी. निर्माण नहीं होने पर इस प्रखंड के लोग आने वाले चुनाव में अपने जनप्रतिनिधियों को वोट के जरिए चोट देने की बात कह रहे हैं. साल जिले में आने वाली भीषण बाढ़ काफी तबाही मचाती है और इस दौरान जान-माल के नुकसान के साथ सरकारी संपत्ति का भी नुकसान पहुंचता है. बाढ़ के कारण कई सड़कें, पुल पुलिया ध्वस्त हो जाते हैं जिस कारण लोगों को आवागमन में काफी परेशानी होती है.

3 साल बीतने के बाद भी नहीं हो पाई मरम्मत
स्थानीय लोग बताते हैं कोढा और हसनगंज प्रखंड को जोड़ने वाली यह सड़क 2017 में आई भीषण बाढ़ में कट गई थी. तब से 3 साल गुजर गए हैं और जनप्रतिनिधि इसे बनाने की बात कह कर टाल देते हैं और अभी तक इसकी मरम्मत नहीं की गई है. जिस कारण लोगों के आवागमन में परेशानी होती है. राज्य में प्राकृतिक आपदा के कारण नुकसान हुए सरकारी संपत्ति को सरकार की ओर से जल्द से जल्द मरम्मती की बात कही जाती है. लेकिन कटिहार के हसनगंज प्रखंड को जोड़ने वाली इस सड़क का दृश्य को देख कर कह सकते हैं कि इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ जिला प्रशासन भी पूरी तरह लापरवाही बरत रहा है.

कटिहार: जिले में 3 साल बाद भी बाढ़ में कटी दो प्रखंडों को जोड़ने वाली मुख्य सड़क का निर्माण नहीं हो सका है. जिसकी वजह से स्थानीय लोगों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है. ऐसे में इन लोगों को दिन के समय कच्चे रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है. वहीं, बरसात में 5 किलोमीटर घूमकर प्रखंड मुख्यालय पहुंचना पड़ता है.

लोगों ने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों की नीति की वजह से इस सड़क का निर्माण नहीं हो सका है. चुनावी वर्ष में लोगों ने वोट की ताकत के जरिए जनप्रतिनिधियों को चोट देने की बात कह रहे हैं.

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भीषण बाढ़ में कटी सड़क

बाढ़ के कारण कट गई है सड़क
कोढ़ा प्रखंड और हसनगंज प्रखंड मुख्यालय को जोड़ने वाली जगन्नाथपुर पंचायत की ये सड़क बाढ़ के कारण कट गई थी. हालात ये है कि सड़क के बीचों-बीच तालाब बन गया है, इसमें मछुआरे मछली मारते देखे जाते हैं. दिन के उजाले में तो लोग कच्ची सड़क का उपयोग कर आवागमन करते हैं. लेकिन रात में लोगों को आवागमन में काफी परेशानी होती है और लोग तालाब में गिर जाते हैं. लोगों ने इस सड़क के निर्माण के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराया. लेकिन नेताओं की नीतियों के चक्कर में इस सड़क का निर्माण पूरा नहीं हो सका.

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कच्चे रास्ते से कर रहे आवागमन

दिन के समय कच्चे रास्ते से करते हैं आवागमन
कटिहार जिला बाढ़ प्रभावित इलाका है जिस कारण हर साल बाढ़ के कारण करोड़ों का नुकसान हो जाता है. 2020 का साल चुनावी साल है और साल के अंत में बिहार विधानसभा का चुनाव होना है. चुनाव में अभी कुछ महीने बाकी है और लोगों को उम्मीद है कि इस साल सड़क की मरम्मती हो जाएगी. जिससे आवागमन में आसानी होगी. निर्माण नहीं होने पर इस प्रखंड के लोग आने वाले चुनाव में अपने जनप्रतिनिधियों को वोट के जरिए चोट देने की बात कह रहे हैं. साल जिले में आने वाली भीषण बाढ़ काफी तबाही मचाती है और इस दौरान जान-माल के नुकसान के साथ सरकारी संपत्ति का भी नुकसान पहुंचता है. बाढ़ के कारण कई सड़कें, पुल पुलिया ध्वस्त हो जाते हैं जिस कारण लोगों को आवागमन में काफी परेशानी होती है.

3 साल बीतने के बाद भी नहीं हो पाई मरम्मत
स्थानीय लोग बताते हैं कोढा और हसनगंज प्रखंड को जोड़ने वाली यह सड़क 2017 में आई भीषण बाढ़ में कट गई थी. तब से 3 साल गुजर गए हैं और जनप्रतिनिधि इसे बनाने की बात कह कर टाल देते हैं और अभी तक इसकी मरम्मत नहीं की गई है. जिस कारण लोगों के आवागमन में परेशानी होती है. राज्य में प्राकृतिक आपदा के कारण नुकसान हुए सरकारी संपत्ति को सरकार की ओर से जल्द से जल्द मरम्मती की बात कही जाती है. लेकिन कटिहार के हसनगंज प्रखंड को जोड़ने वाली इस सड़क का दृश्य को देख कर कह सकते हैं कि इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ जिला प्रशासन भी पूरी तरह लापरवाही बरत रहा है.

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