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कला और संस्कृति के माध्यम से राजवंशी समाज हो रहे हैं गोलबंद, राजनीति में चाहते हैं भागीदारी

कला और संस्कृति के माध्यम से राजवंशी समाज खुद को गोलबंद कर रहे हैं. वो बिहार और पश्चिम बंगाल चुनाव में अपनी भागीदारी चाहते हैं. इसके लिए जिले में एकजुट होकर अपनी कला और संस्कृति का प्रदर्शन किया. वो देश में अपनी अलग पहचान दिखाना चाहते हैं.

कटिहार
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Published : Jan 20, 2020, 11:40 PM IST

कटिहार: राजवंशी समुदाय ने कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बगिया भगिया उत्सव का आयोजन किया. जिसमें राजवंशी समुदाय के लोग भिन्न-भिन्न कला, भाषा और बोली के साथ अलग-अलग क्षेत्रों में नाम रोशन करने वाले युवाओं ने एक साथ मंच साझा किया. जिले के बलरामपुर प्रखंड के टुन्नीदिघी इलाके में बगिया भगिया उत्सव के जरिए राजवंशी समुदाय खुद को समाज में स्थापित करना चाहते हैं.

बिहार और पश्चिम बंगाल के बॉर्डर पर स्थित कटिहार जिले के टुन्नीदिघी इलाके में आयोजित इस कार्यक्रम में राजवंशी समुदाय के सुरजापुरी, बंगाल, बिहार, असम, मेघालय, त्रिपुरा, भूटान, बांग्लादेश के कलाकार और सम्मानित अतिथियों ने कार्यक्रम में शिरकत किया. उत्सव के मौके पर कई राज्यों से आए प्रतिभागियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया.

कटिहार
कार्यक्रम में उपस्थि राजवंशी समाज के लोग

विस चुनाव में चाहतें हैं भागीदारी
बता दें कि इस सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से जिले में लगभग 35 फीसदी की आबादी वाला राजवंशी और सुरजापुरी समाज खुद को मुख्यधारा में आने के लिए गोलबंद कर रहा है. वो चाहते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में उनका भी प्रतिनिधित्व हो. राजवंशी गब्बुर संघ के सचिव मोहनलाल सिंह ने इस मौके पर कहा कि वर्तमान में बिहार और पश्चिम बंगाल की सरकार ने राजवंशी और कामतापुरी समाज की संस्कृति और इतिहास को दबा कर रखा है. हम इस कार्यक्रम के जरिए अपनी पहचान दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि हम पीछे नहीं हैं. हम चाहते हैं कि राजनीति में भी हमारी भागीदारी और प्रतिनिधित्व हो.

पेश है रिपोर्ट

एकजुट होने की अपील
इस बगिया भगिया उत्सव के मौके पर स्थानीय अभिजीत राय ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से हम बताना चाहते हैं कि हम राजवंशी गब्बुर संघ किसी से पीछे नहीं है. हम राजवंशी समुदाय कला और संस्कृति के माध्यम से खुद को समाज में साबित करना चाहते हैं. साथ ही उन्होंने राजवंशी समुदाय से अपील करते हुए कहा हमें एक होकर आवाज उठाने की जरुरत है.

कटिहार: राजवंशी समुदाय ने कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बगिया भगिया उत्सव का आयोजन किया. जिसमें राजवंशी समुदाय के लोग भिन्न-भिन्न कला, भाषा और बोली के साथ अलग-अलग क्षेत्रों में नाम रोशन करने वाले युवाओं ने एक साथ मंच साझा किया. जिले के बलरामपुर प्रखंड के टुन्नीदिघी इलाके में बगिया भगिया उत्सव के जरिए राजवंशी समुदाय खुद को समाज में स्थापित करना चाहते हैं.

बिहार और पश्चिम बंगाल के बॉर्डर पर स्थित कटिहार जिले के टुन्नीदिघी इलाके में आयोजित इस कार्यक्रम में राजवंशी समुदाय के सुरजापुरी, बंगाल, बिहार, असम, मेघालय, त्रिपुरा, भूटान, बांग्लादेश के कलाकार और सम्मानित अतिथियों ने कार्यक्रम में शिरकत किया. उत्सव के मौके पर कई राज्यों से आए प्रतिभागियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया.

कटिहार
कार्यक्रम में उपस्थि राजवंशी समाज के लोग

विस चुनाव में चाहतें हैं भागीदारी
बता दें कि इस सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से जिले में लगभग 35 फीसदी की आबादी वाला राजवंशी और सुरजापुरी समाज खुद को मुख्यधारा में आने के लिए गोलबंद कर रहा है. वो चाहते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में उनका भी प्रतिनिधित्व हो. राजवंशी गब्बुर संघ के सचिव मोहनलाल सिंह ने इस मौके पर कहा कि वर्तमान में बिहार और पश्चिम बंगाल की सरकार ने राजवंशी और कामतापुरी समाज की संस्कृति और इतिहास को दबा कर रखा है. हम इस कार्यक्रम के जरिए अपनी पहचान दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि हम पीछे नहीं हैं. हम चाहते हैं कि राजनीति में भी हमारी भागीदारी और प्रतिनिधित्व हो.

पेश है रिपोर्ट

एकजुट होने की अपील
इस बगिया भगिया उत्सव के मौके पर स्थानीय अभिजीत राय ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से हम बताना चाहते हैं कि हम राजवंशी गब्बुर संघ किसी से पीछे नहीं है. हम राजवंशी समुदाय कला और संस्कृति के माध्यम से खुद को समाज में साबित करना चाहते हैं. साथ ही उन्होंने राजवंशी समुदाय से अपील करते हुए कहा हमें एक होकर आवाज उठाने की जरुरत है.

Intro:कटिहार

कला और संस्कृति के माध्यम से खुद को गोलबंद कर रहे हैं राजबंशी समाज, बिहार और पश्चिम बंगाल चुनाव में चाहते हैं अपनी भागीदारी, एकजुट होकर अपने कला और संस्कृति से देश में दिखाना चाहते हैं अपनी पहचान, कहा वर्तमान सरकार हमारी संस्कृति और इतिहास को दबा कर रखा है और इसी माध्यम से हम अपनी पहचान दुनिया को दिखाना चाहते हैं।


Body:ANCHOR_ राजबंशी समुदाय कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बगिया भगिया उत्सव का आयोजन किया जिसमें राजवंशी समुदाय के लोग भिन्न-भिन्न कला भाषा एवं बोली के साथ अलग-अलग क्षेत्रों में नाम रोशन करने वाले युवाओं ने एक साथ मंच साझा किया। कटिहार के बलरामपुर प्रखंड के टुन्नीदिघी इलाके में बगिया भगिया उत्सव के जरिए जिले के राजवंशी समुदाय खुद को समाज में स्थापित करना चाहते हैं।

V.O1_ बिहार और पश्चिम बंगाल के बॉर्डर पर स्थित जिले के बलरामपुर प्रखंड के टुन्नीदिघी इलाके में आयोजित इस कार्यक्रम में राजबंशी समुदाय के सुरजापुरी, बंगाल, बिहार, असम, मेघालय, त्रिपुरा, भूटान, बांग्लादेश के कलाकार और सम्मानित अतिथियों ने कार्यक्रम में शिरकत किया। उत्सव के मौके पर विभिन्न राज्यों एवं देशों के प्रतिभागी के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।

V.O2_ कटिहार जिले के बलरामपुर प्रखंड में और पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर जिले में लगभग 35% की आबादी वाली राजवंशी सुरजापुरी समाज खुद को मुख्यधारा में आने के लिए गोल बंद हो रहे हैं और चाहते हैं आगामी विधानसभा चुनाव में इनकी भी प्रतिनिधित्व हो।

BYTE1_ राजबंशी गब्बुर संघ के सचिव मोहनलाल सिंह बताते हैं वर्तमान में बिहार और पश्चिम बंगाल के सरकार राजबंशी कामतापुरी समाज के संस्कृति और इतिहास को दबा के रखा है। हम इस कार्यक्रम के जरिए अपनी पहचान दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि हम पीछे नहीं हैं हम हर क्षेत्र में आगे निकल रहे हैं। और हम चाहते हैं कि हम भी राजनीति में आगे बढ़े हमारी भी राजनीति में भागीदारी हो और जनप्रतिनिधित्व हो।

BYTE2_ स्थानीय अभिजीत राय बताते हैं इस कार्यक्रम के माध्यम से हम बताना चाहते हैं कि हम राजबंशी गब्बुर संघ किसी से पीछे नहीं है हम राजवंशी समुदाय कला और संस्कृति के माध्यम से खुद को समाज में साबित करना चाहते हैं। इन्होंने राजवंशी समुदाय से अपील करते हुए कहा हम एक होकर आवाज उठाए तो हम भी हर क्षेत्र में आगे निकल सकते हैं।

BYTE3_ वही असम से आई राजवंशी समुदाय की कलाकार प्रतिमा सिंह बताती है राजबंशी भाषा संस्कृति को बचाकर रखा है क्योंकि यह मिट्टी से जुड़ी भाषाएं हैं और आज भी देश में ही नहीं विदेशों में इस भाषा को समझने और बोलने वाले लोग मिल जाते है। हम राजबंशी समुदाय थोड़ा पीछे हैं लेकिन अगर हम एकजुट होकर खुद को समाज में खुद को दिखाना चाहते हैं तो हम भी लोगों से आगे निकल सकते हैं।


Conclusion: विधानसभा के चुनाव कि महीने जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे अब जातीय गोलबंदी भी एकजुट होकर चुनाव की तैयारी में जुट रहे हैं। जिले के बलरामपुर प्रखंड के हजारों राजबंशी समुदाय एकजुट होकर अपने ताकत का प्रदर्शन कर रहे हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रम के जरिए अपनी संस्कृति और इतिहास को दिखाना चाहते हैं और अपनी पहचान पूरा दुनिया में बताना चाहते हैं साथ ही साथ राजनीति में भी अपनी भागीदारी और प्रतिनिधित्व चाहते हैं। अब देखना दिलचस्प होगा आगामी चुनाव में इस गोलबंदी का राजबंशी समुदाय को कितना फायदा मिल पाता है।
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