कटिहार: बिहार में दूसरे प्रदेशों से प्रवासियों के वापस आने का सिलासिला लगातार जारी है. स्टेशन पर जिला प्रशासन यात्रियों के लिए तमाम बेहतरी के दावे करता है, लेकिन कटिहार जिले से आई इन तीन तस्वीरों ने प्रशासन की पोल कर रख दी है.
पानी के लिए प्रदर्शन
पहली तस्वीर कटिहार स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या एक की है. दरअसल, यहां पर ट्रेन हरियाण से चलकर ट्रेन कटिहार पहुंची थी. ट्रेन से वापस आए भूखे-प्यासे यात्रियों के लिए जिला प्रशासन ने केवल पानी के एक बोतल का बंदोबस्त किया था. हेल्थ जांच के बाद यात्रियों को एक-एक पानी का बोतल देकर विदा कर दिया. जिसके बाद भूखे नाराज यात्रियों ने स्टेशन पर जमकर हंगामा किया. जबकि, इस दौरान प्रशासन स्टेशन से फरार हो गई. यह तमाशा रेल प्लेटफार्म पर काफी देर तक जारी रहा.
फूड पैकेट की लूटपाट
बदइंतजामी की दूसरी तस्वीर भी कटिहार रेलवे स्टेशन की ही है. यहां गुरूवार की सुबह को एक स्पेशल ट्रेन मजदूरों को लेकर कटिहार स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या एक पर लगी. यात्रियों के लिए जिला प्रशासन ने पानी और भोजन का बंदोबस्त कर रखा था. लेकिन स्टेशन के ट्रेन पर लगते ही भूख से बेहाल यात्री भोजन पर टूट पड़े. यात्री फूड पैकेट के बोरे को लूट कर भाग गए. फूड पैकेट के लिए आपस में मारा-मारी काफी देर तक चलती रही. जबकि, प्रशासन लाचर नजरों से यह अद्भूत नजारा देख रह गई.
बस के छत पर यात्रा करने को मजबूर यात्री
बदइंतजामी की तीसरी तस्वीर कटिहार में प्रवासियों के लिए बनाए गए डिस्पैच सेंटर की है. दरअसल, यहां कटिहार स्टेशन पर आने वाले मजदूरों को हेल्थ जांच के बाद डिस्पैच सेंटर में भेजा जता है. यहां से यात्रियों को उनके गृह जिले रवाना किया जाता है. यहां प्रवासियों को बस में सीट फूल होने के बाद प्रवासियों को बस के छत के ऊपर बिठा कर रवाना किया जा रहा है. इस दौरान सोशल डिस्टैंसिग की धज्जियां भी उड़ाई जा रही है.
तैयारियां नाकाफी हैं
इन तीन तस्वीरों को देखर अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रवासी मजदूरों के लिए जिला प्रशासन के किये हुए दावे केवल सरकारी कागजों तक ही सीमित है. इनका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है. तीनों तस्वीरों में प्रवासी मजदूर सामाजिक दूरी की धज्जियां उड़ाते देख रहे हैं. जबकि प्रशासनिक अधिकारी लाचार और बेबस बनकर तमाशबीन बने हुए हैं.