कटिहार: बाढ़ पीड़ितों की समस्याओं का सामाधान किये जाने को लेकर प्रशासन लाख दावे कर ले, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. लोगों की परेशानी जस की तस बनी हुई है. इलाके में पानी तो घटा है, लेकिन मुसीबत बढ़ गयी है. कटिहार जिला मुख्यालय से महज पन्द्रह किलोमीटर दूर सैलाबजदा इलाके में लोगों के आवागमन के लिये सड़क की सुविधा नहीं है. खुद से चचरी पुल बनाकर लोग आवागमन कर रहे हैं.
बिहार के कई जिलों मे आई बाढ़ ने भीषण तबाही मचाई. लाखों लोग बेघर हो गये. सड़क टूट जाने से एक गांव से दूसरे गांव का संपर्क टूट गया. जिला प्रशासन तो बाढ़ में टूटे हुए सभी सड़कों की मरम्मत हो जाने का दावा करती है. लेकिन सहजा पंचायत के हावर गांव में लोग चचरी पुल के सहारे जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं.
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जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे ग्रामीण
बाढ़ से काफी क्षति हुई है, खेत-खलिहान में पानी घुस गया, सारे फसल नष्ट हो गये. घर में पानी घुस जाने से सारा सामान पानी में बह गया. जगह-जगह सड़कें कट गयी. जलस्तर घट जाने के बावजूद टूटी हुई सड़कों पर पानी लगा है. ग्रामीणों को आने जाने में काफी परेशानी हो रही है. किसी तरह चचरी पुल के सहारे आना जाना हो रहा है. लेकिन यह काफी जोखिम भरा है. अगर जरा भी संतुलन बिगड़ तो गहरे पानी में गिर सकते हैं.
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सड़क जल्द से जल्द मरम्मत करने की मांग
स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क नहीं होने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. युवा तो किसी तरह बांस पार कर जाते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा दिक्कत बच्चे, महिलाएं और बुजुर्गों को होती है. रात के अंधेरे में समस्या और भी बढ़ जाती है. अंधेरों में टटोलकर बांस पार करना पड़ता है. इनका कहना है कि दूसरा कोई उपाय नहीं है, क्योंकि गांव में आने-जाने का एकमात्र यही रास्ता है. इनकी मांग है कि सड़कों की जल्द से जल्द मरम्मत की जाये.
क्या कहती हैं जिला पदाधिकारी
मामले पर जिला पदाधिकारी पुनम कुमारी का कहना है कि सड़क मरम्मत का काम पूरी तत्परता से किया जा रहा है. इंजीनियरों को काम में लगाया गया है. कई पंचायतों में सड़क मरम्मत का कार्य पूरा हो चुका है. जो शेष बचे है वहां भी दो तीन दिनों में काम पूरा करने का आदेश दिया गया है.