कटिहारः लोकसभा सत्र छोड़कर बाढ़ पीड़ितों का हाल-चाल जानने सांसद दुलाल चन्द्र गोस्वामी कटिहार पहुंचे. जहां उन्होंने कहा कि सरकार बाढ़ में फंसे लोगों के राहत और बचाव के लिये पूरी तरह सजग है. सतर्कता और मुस्तैदी के साथ काम किया जा रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि क्षति का आंकलन पानी निकलने के बाद ही हो सकता है. फिलहाल, जिला प्रशासन की मदद से सभी लोग बाढ़ पीड़ितों की सहायता करें.
सासंद ने किया कई इलाकों का दौरा
जदयू सांसद दुलालचंद्र गोस्वामी अपने लाव-लश्कर के साथ कटिहार के डंडखोरा प्रखण्ड पहुंचे. जहां उन्होंने सैलाबजदा इलाके का मुआयना किया. बाढ़ पीड़ितों से मिले और घरों में पानी देख मदद का आश्वासन दिया. उन्होंने बताया कि कटिहार में महानंदा नदी और उसकी सहायक नदियों के पानी से बाढ़ आई है. जिससे कदवा, बलरामपुर बारसोई, आजमनगर, अमदाबाद, डंडखोरा इलाके में पानी प्रवेश कर रहा है.
'अब बाढ़ पीड़ित नहीं खाते चूहे'
सांसद ने ये भी बताया कि सभी बाढ़ पीड़ितों के लिये राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. सामुदायिक किचन की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि कुछ एरिया में धान के बिचड़ों की क्षति हुई है. पानी निकलने के बाद क्षति का आकलन किया जा सकता है. वर्षा प्राकृतिक है और इसे रोका नहीं जा सकता. इससे बड़ी त्रासदी हमलोगों ने देखी है. हम लोग पुरी तरह मुस्तैद हैं. सांसद दुलालचंद्र गोस्वामी ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों के चूहे खाने वाली बात आप लोग कहते होंगे. अब ऐसा नहीं है. हमलोगों की पूरी स्थिति पर नजर है.
राहत शिविर में 1.16 लाख लोग पहुंचे
राज्य में भारी बारिश और नेपाल से आए जल ने सूबे के बारह जिलों को बुरी तरह प्रभावित किया है. जिसमें सीमांचल के चार जिले कटिहार, पुर्णिया, अररिया और किशनगंज शामिल हैं. जहां लाख से ऊपर की आबादी सैलाब से प्रभावित हुई है. आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए बनाए गए 199 राहत शिविरों में 1.16 लाख लोग शरण लिए हुए हैं. अब तक 12 जिलों के 78 प्रखंडों की 555 ग्राम पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस गया है. जिनमें अधिकांश ग्राम पंचायतें पूर्णरूप से जलमग्न हैं.