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कटिहार: बाढ़ पीड़ितों ने लगाई प्रशासन से मदद की गुहार, जनप्रतिनिधियों ने दिया आश्वासन

बरारी प्रखंड की प्रमुख माला कुमारी ने कहा कि गांव के लोगों की मांगों को जल्द ही संज्ञान में लिया जाएगा. हमलोग उन तक राशन पहुंचाएंगे और उन्हें सरकारी नाव भी मुहैया कराएंगे.

flood in katihar
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Published : Oct 2, 2019, 11:47 PM IST

कटिहार: जिले का बरारी प्रखंड गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी के कारण बाढ़ की चपेट में आ चुका है. यहां के 14 पंचायत बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं. ऐसे में सैकड़ों लोग फंसे बाढ़ में हुए हैं. वहीं, स्थानीय जनप्रतिनिधि ने लोगों को हर संभव मदद का भरोसा दिया है.

लोग बुरी तरह हैं फंसे हुए
बरारी प्रखंड के कांत नगर पंचायत के मरकईयाबाड़ी गांव चारों तरफ से पानी से घिर गया है. जिससे वहां के सैकड़ों लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं. आवागमन के लिए सिर्फ एक छोटी नाव है जिस पर से जान जोखिम में डालकर लोग बाजार पहुंच रहे हैं. लोगों के पास खाने के लिए राशन नहीं है, पेयजल की व्यवस्था नहीं है और साथ ही बिजली भी कटी हुई है.

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नाव से आवागमन करते ग्रामीण

जनप्रतिनिधि ने मदद का दिया भरोसा
ईटीवी भारत की पहल के जरिए स्थानीय जनप्रतिनिधि को एक निजी नाव से बाढ़ में फंसे लोगों तक ले जाया गया. गांव के लोगों ने प्रतिनिधि को बताया कि प्रशासन की ओर से अभी तक वहां किसी तरह का कोई मदद नहीं मिल सका है. साथ ही, खाने-पीने के साथ रहने की भी जगह नहीं है. जिस पर स्थानीय जनप्रतिनिधि और बरारी प्रखंड की प्रमुख माला कुमारी ने कहा कि गांव के लोगों की मांगों को जल्द ही संज्ञान में लिया जाएगा. हमलोग उन तक राशन पहुंचाएंगे और उन्हें सरकारी नाव भी मुहैया कराएंगे.

बरारी प्रखंड के लोगों ने लगाई मदद की गुहार

सूबे के 6 प्रखंड हैं प्रभावित
गौरतलब है कि सूबे में पिछले दिनों हुई मूसलाधार बारिश के कारण गंगा और कोसी नदी का जलस्तर बढ़ गया है. जिसके कारण कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं. जिले के 6 प्रखंड बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हो चुके हैं. ऐसे में जिला प्रशासन उन इलाकों में बाढ़ राहत और बचाव कार्य पहुंचाने के लिए तेजी से काम कर रहा है, लेकिन जिले के सबसे प्रभावित प्रखंड बरारी के कांत नगर पंचायत के लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. यहां पर अभी तक राहत एवं बचाव कार्य शुरू नहीं किए गए हैं.

कटिहार: जिले का बरारी प्रखंड गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी के कारण बाढ़ की चपेट में आ चुका है. यहां के 14 पंचायत बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं. ऐसे में सैकड़ों लोग फंसे बाढ़ में हुए हैं. वहीं, स्थानीय जनप्रतिनिधि ने लोगों को हर संभव मदद का भरोसा दिया है.

लोग बुरी तरह हैं फंसे हुए
बरारी प्रखंड के कांत नगर पंचायत के मरकईयाबाड़ी गांव चारों तरफ से पानी से घिर गया है. जिससे वहां के सैकड़ों लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं. आवागमन के लिए सिर्फ एक छोटी नाव है जिस पर से जान जोखिम में डालकर लोग बाजार पहुंच रहे हैं. लोगों के पास खाने के लिए राशन नहीं है, पेयजल की व्यवस्था नहीं है और साथ ही बिजली भी कटी हुई है.

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नाव से आवागमन करते ग्रामीण

जनप्रतिनिधि ने मदद का दिया भरोसा
ईटीवी भारत की पहल के जरिए स्थानीय जनप्रतिनिधि को एक निजी नाव से बाढ़ में फंसे लोगों तक ले जाया गया. गांव के लोगों ने प्रतिनिधि को बताया कि प्रशासन की ओर से अभी तक वहां किसी तरह का कोई मदद नहीं मिल सका है. साथ ही, खाने-पीने के साथ रहने की भी जगह नहीं है. जिस पर स्थानीय जनप्रतिनिधि और बरारी प्रखंड की प्रमुख माला कुमारी ने कहा कि गांव के लोगों की मांगों को जल्द ही संज्ञान में लिया जाएगा. हमलोग उन तक राशन पहुंचाएंगे और उन्हें सरकारी नाव भी मुहैया कराएंगे.

बरारी प्रखंड के लोगों ने लगाई मदद की गुहार

सूबे के 6 प्रखंड हैं प्रभावित
गौरतलब है कि सूबे में पिछले दिनों हुई मूसलाधार बारिश के कारण गंगा और कोसी नदी का जलस्तर बढ़ गया है. जिसके कारण कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं. जिले के 6 प्रखंड बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हो चुके हैं. ऐसे में जिला प्रशासन उन इलाकों में बाढ़ राहत और बचाव कार्य पहुंचाने के लिए तेजी से काम कर रहा है, लेकिन जिले के सबसे प्रभावित प्रखंड बरारी के कांत नगर पंचायत के लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. यहां पर अभी तक राहत एवं बचाव कार्य शुरू नहीं किए गए हैं.

Intro:कटिहार

गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कारण बरारी प्रखंड बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है और यहां के 14 पंचायत बाढ़ के चपेट में हैं। निचले इलाके में बसे गांव पूरी तरह गंगा के आगोश में है। सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधि ने हर संभव मदद का भरोसा दिया है।Body:सूबे में पिछले दिनों हुई मूसलाधार बारिश का असर है कि गंगा और कोसी नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। नदियों में जलस्तर बढ़ने से कई गांव बाढ़ के चपेट में है। कटिहार के 6 प्रखंड बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हो चुकी है और जिला प्रशासन के द्वारा बाढ़ राहत एवं बचाव कार्य पहुंचाने के लिए तेजी से कार्य भी कर रही है लेकिन जिले के सबसे प्रभावित प्रखंड बरारी के कांत नगर पंचायत के लोग त्राहिमाम कर रहे हैं और अभी तक यहां पर राहत एवं बचाव कार्य शुरू नहीं किए गए हैं।

कांत नगर पंचायत के मरकईयाबाड़ी गांव चारों ओर से पानी से घिर गया है जिससे यहां के सैकड़ों लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं। आवागमन के लिए सिर्फ एक छोटी नाव है जिससे लोग जान जोखिम में डालकर बाजार पहुंच रहे हैं। लोगों को खाने के लिए राशन नहीं है, पानी की व्यवस्था नहीं है, बिजली कटी हुई है लोग परेशान हैं। जिस तरह से गंगा में लगातार जलस्तर बढ़ रहा है जल्द ही इस गांव के लोगों तक मदद नहीं पहुंचेगी तो शायद टापू में तब्दील यह गांव कभी भी बड़े हादसे को अंजाम दे सकता है।

ईटीवी भारत के पहल पर स्थानीय जनप्रतिनिधि को साथ लेकर एक निजी नाव के जरिए बाढ़ के बीच में फंसे इस गांव तक पहुंच स्थानीय लोगों का हाल जाना। 500 से भी अधिक ग्रामीण वाला इस गांव के लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं। प्रशासन की ओर से अभी तक यहां पर किसी तरह की कोई मदद नहीं मिल सका है। बीच दरिया में मौजूद इस गांव के लोगों के लिए एक छोटी सी नाव ही सहारा है। खाने-पीने के साथ रहने का भी जगह नहीं है छोटे से जमीन पर बसे इस गांव के सैकड़ों लोग प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं।Conclusion:हालांकि ईटीवी भारत के पहल पर साथ गए स्थानीय जनप्रतिनिधि तथा बरारी प्रखंड के प्रमुख माला कुमारी बताती है बरारी प्रखंड के 14 पंचायत बाढ़ से बुरी तरह ग्रसित है लेकिन सभी जगह राहत एवं बचाव कार्य सहित सुविधा मुहैया नहीं हो सकी है। मरकईयाबाड़ी में नाव की कमी है जिससे लोगों का आवागमन बाधित है। प्रमुख साहिबा ने बताया इस गांव के लोगों की मांग को पदाधिकारियों को बता जल्द ही सुविधा मुहैया कराएंगे। लोगों को राशन पानी तथा दवा की सख्त जरूरत है चारों तरफ जलमग्न होने के कारण खाना बनाने का भी कोई सुविधा नहीं है इसलिए लोगों तक सुखा राशन पहुंच जाए तो लोगों की परेशान कम हो सकती है। सरकारी नाव की जरूरत है जिससे लोग आपदा के घड़ी में बाहर निकल सके।
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