कटिहारः बिहार की नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. जहां गंगा, कोसी और महानंदा नदी उफान पर है. वहीं, दियारा इलाकों में तेजी से कटाव देखने को मिल रहा है. जिले के मनिहारी स्थित गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है.
चली जाती है कई लोगों की जान
नदी के जलस्तर में इजाफा और कटाव के कारण पानी आसपास के निचले इलाकों में फैल गया है. स्थानीय परंपरागत घाट नदी में विलीन हो गए हैं. नदी में नहाने या मछली पकड़ने गए लोगों को खतरनाक जोन का पता नहीं चल पाता है. जिससे कई लोगों की जान चली जाती है. लेकिन प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
खेती पर भी पड़ा प्रभाव
स्थानीय लोगों ने बताया कि वे लोग रोजाना नदी में नहाने आते हैं और बीते पांच दिनों में पानी में काफी वृद्धि हुई है. जिससे पानी की सतह समझ में नहीं आ रही है. उन्होंने कहा कि पानी बढ़ने से आम लोगों के साथ खेती पर भी प्रभाव पड़ा है.
त्यौहारों के दौरान की जाती है व्यवस्था
लोगों ने बताया कि दशहरा, छठ या दूसरे अन्य त्यौहार के समय नदी किनारे लोगों की भीड़ ज्यादा होती हैं. इस दौरान प्रशासन की तरफ से लोगों की सुरक्षा को लेकर बैरिकेडिंग के साथ जरूरी कदम उठाए जाते हैं. लेकिन बाढ़ के समय प्रशासन के मुलाजिम नींद में सो जाते हैं. जलस्तर बढ़ने से खतरा बना रहता है लेकिन प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं देती. उन्होंने कहा कि आपदा विभाग मुआवजे की रकम देकर अपने कर्तव्यों से मुक्त हो जाता है.
चार लाख रुपये का मुआवजा
बिहार में हर साल मानसून के समय नदियों में डूबने से सैकड़ों लोगों की मौत हो जाती है. पीड़ित परिजनों को मुआवजे की तौर पर प्रत्येक व्यक्ति को चार लाख रुपये की राशि दी जाती है. लेकिन मौत के सिलसिले को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते हैं.
बाढ़ का खतरा
बता दें कि भारत-नेपाल में लगातार हो रही बारिश से उत्तर बिहार की कई नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है. जिससे बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसे लेकर लगातार सभी विभागों से समीक्षा बैठक कर रहे हैं.