कटिहार: कोरोना महामारी के कारण पूरे देश में लॉक डाउन है. ऐसे में दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों के सामने भी संकट आ पड़ी है. फैक्ट्रियां बंद हो जाने के कारण मजदूरी नहीं मिल रही है. लिहाजा लॉक डाउन के 38 दिन बीत जाने के बाद पश्चिम बंगाल के रायगंज और उत्तरी दिनाजपुर जिला के रहने वाले 40 मजदूर हरियाणा से बाइक से सफर कर कटिहार पहुंच गए.
बंगाल के ये प्रवासी मजदूर हरियाणा से 27 अप्रैल को अपने घर पश्चिम बंगाल की ओर निकले हैं. 1600 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद लगभग डेढ़ दर्जन मोटरसाइकिल से 40 प्रवासी मजदूर और परिवार कटिहार पहुंचे. मजदूरों का कहना है कि वहां की सरकार की तरफ से राशन भी उपलब्ध नहीं कराया गया. मजबूरन बाइक से ही घर के लिए निकल पड़े. हालांकि, कटिहार मिर्चाईबारी चौक पर पहुंचते हीं स्थानीय लोगों ने मजदूरों को रोककर प्रशासन को सूचाित किया.
सरकार से नहीं मिली कोई मदद
हरियाणा से लौटे मजदूर सइरूल ने बताया कि एक महीना किसी तरह गुजार लिया. लेकिन जब पैसे खत्म हो गए और खाना नहीं मिला तो घर के लिए मजबूरन चल पड़े. रास्ते में कई जगह पर मेडिकल जांच भी की गई है. 17 बाइक से करीब 40 लोग पश्चिम बंगाल जा रहे हैं. मजदूरों का आरोप है कि उन्हें खाने के लिए कुछ नहीं मिलता था. सरकार की तरफ से सिर्फ लोकल लोगों को ही राशन दिया जाता था.
अधिकारी करेंगे फैसला रोकने या बंगाल भेजने का
पूरे मामले में कटिहार सदर डीएसपी अमरकांत झा ने बताया कि फिलहाल सभी मजदूरों को हरी शंकर नायक हाई स्कूल में रखा गया है. वरीय अधिकारियों के निर्देश पर इन सब को क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा जाएगा या फिर पुलिस सुरक्षा के बीच उनके राज्य जाने के लिए बंगाल की सीमा तक छोड़ा जाएगा.