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कटिहार: सैलाब का सितम, डूबने से बच्चे की मौत - एनडीआरएफ

कटिहार में नदी में नहाने के दौरान एक बच्चे की डूबकर मौत हो गई. घटना जिले के बलिया बेलोन थाना क्षेत्र के शेखपुरा गांव की है.

डूबने से बच्चे की मौत
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Published : Jul 19, 2019, 2:32 PM IST

कटिहार: बिहार में सैलाब का सितम जारी है. पूरा इलाका जलमग्न हो गया है. ऐसे में शौच के दौरान पैर फिसलने से, तो कहीं नदी में नहाने के दौरान लोग अपनी जान गंवा रहे हैं. ताजा मामला कटिहार का है जहां नदी में नहाने के दौरान एक बच्चे की डूबकर मौत हो गई. इस घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया.

नहाने के दौरान डूबने से मौत
पूरी घटना जिले के बलिया बेलोन थाना क्षेत्र के शेखपुरा गांव की है. बताया जाता है कि कुछ बच्चे खेल-खेल में नदी में नहाने जा रहे थे. इसी दौरान बच्चे का पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में चला गया. ग्रामीणों की मदद से शव को बाहर निकाला गया. मृतक के परिजनों का कहना है कि रोहित कब तालाब के पास पहुंच गया पता भी नहीं चला. जब खोजबीन शुरू की गई तो उसकी लाश मिली. पुलिस ने शव को कब्जे में कर पोस्टमॉर्टम के लिये कटिहार सदर अस्पताल भेज दिया है.

पेश है रिपोर्ट

बाढ़ को लेकर जिला प्रशासन मुस्तैद
जिले में बाढ़ की स्थिति विकराल होती जा रही है. महानंदा नदी के जल स्तर में लगातार वृद्धि होने के कारण जिले के कुल 6 प्रखंड पूरी तरह से प्रभावित हैं. 3 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने इन सभी 6 प्रखंडों में अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की है.

पीड़ियों को दी जा रही मदद
कटिहार जिला पदाधिकारी पूनम कुमारी ने बताया कि महानंदा के जलस्तर में कमी दर्ज की गई है. लेकिन बाढ़ का दबाव प्राणपुर, अमदाबाद और दंडखोरा की ओर बढ़ने लगा है. सबसे अधिक जिले के कदवा प्रखंड में डेढ़ लाख की आबादी प्रभावित है. जिले के 42 पंचायत में कुल 324882 लोग बाढ़ का दंश झेल रहे हैं. इन प्रखंडों में सरकारी और गैर-सरकारी सहित कुल 562 नावों का परिचालन कराया जा रहा है. बाढ़ पीड़ितों के लिए 111 सामुदायिक किचन चलाए जा रहे हैं.

katihar
पुनम कुमारी, जिलाधिकारी

NDRF की टीम तैनात
महानंदा नदी में आई बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए दो एनडीआरएफ की टीम पहले से काम कर रही थी. लेकिन राज्य सरकार की ओर से एक और टीम भेजी गई है. कुल मिलाकर जिले में तीन एनडीआरएफ की टीम कार्यरत है. बारसोई अनुमंडल बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है. सभी चारों प्रखंड कदवा, बलरामपुर, बारसोई और आजमनगर में जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए इन सभी प्रखंडों में उच्च अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है.

बाढ़ प्रभावित इलाकों में अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति
बारसोई अंचल के लिए अपर समाहर्ता, बलरामपुर अंचल के लिए DCLR मनिहारी, आजमनगर प्रखंड के लिए DDC कटिहार प्रतिनियुक्त किए गए हैं. वहीं बुरी तरह से प्रभावित कदवा प्रखंड में SDO, बारसोई में DCLR बारसोई और DRDA कटिहार की प्रतिनियुक्ति की गई है. साथ हीं प्रखंड के CO, CI, BDO और ग्राम स्तर तक के अधिकारियों की भी प्रतिनियुक्ति की गई है.

कटिहार: बिहार में सैलाब का सितम जारी है. पूरा इलाका जलमग्न हो गया है. ऐसे में शौच के दौरान पैर फिसलने से, तो कहीं नदी में नहाने के दौरान लोग अपनी जान गंवा रहे हैं. ताजा मामला कटिहार का है जहां नदी में नहाने के दौरान एक बच्चे की डूबकर मौत हो गई. इस घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया.

नहाने के दौरान डूबने से मौत
पूरी घटना जिले के बलिया बेलोन थाना क्षेत्र के शेखपुरा गांव की है. बताया जाता है कि कुछ बच्चे खेल-खेल में नदी में नहाने जा रहे थे. इसी दौरान बच्चे का पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में चला गया. ग्रामीणों की मदद से शव को बाहर निकाला गया. मृतक के परिजनों का कहना है कि रोहित कब तालाब के पास पहुंच गया पता भी नहीं चला. जब खोजबीन शुरू की गई तो उसकी लाश मिली. पुलिस ने शव को कब्जे में कर पोस्टमॉर्टम के लिये कटिहार सदर अस्पताल भेज दिया है.

पेश है रिपोर्ट

बाढ़ को लेकर जिला प्रशासन मुस्तैद
जिले में बाढ़ की स्थिति विकराल होती जा रही है. महानंदा नदी के जल स्तर में लगातार वृद्धि होने के कारण जिले के कुल 6 प्रखंड पूरी तरह से प्रभावित हैं. 3 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने इन सभी 6 प्रखंडों में अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की है.

पीड़ियों को दी जा रही मदद
कटिहार जिला पदाधिकारी पूनम कुमारी ने बताया कि महानंदा के जलस्तर में कमी दर्ज की गई है. लेकिन बाढ़ का दबाव प्राणपुर, अमदाबाद और दंडखोरा की ओर बढ़ने लगा है. सबसे अधिक जिले के कदवा प्रखंड में डेढ़ लाख की आबादी प्रभावित है. जिले के 42 पंचायत में कुल 324882 लोग बाढ़ का दंश झेल रहे हैं. इन प्रखंडों में सरकारी और गैर-सरकारी सहित कुल 562 नावों का परिचालन कराया जा रहा है. बाढ़ पीड़ितों के लिए 111 सामुदायिक किचन चलाए जा रहे हैं.

katihar
पुनम कुमारी, जिलाधिकारी

NDRF की टीम तैनात
महानंदा नदी में आई बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए दो एनडीआरएफ की टीम पहले से काम कर रही थी. लेकिन राज्य सरकार की ओर से एक और टीम भेजी गई है. कुल मिलाकर जिले में तीन एनडीआरएफ की टीम कार्यरत है. बारसोई अनुमंडल बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है. सभी चारों प्रखंड कदवा, बलरामपुर, बारसोई और आजमनगर में जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए इन सभी प्रखंडों में उच्च अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है.

बाढ़ प्रभावित इलाकों में अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति
बारसोई अंचल के लिए अपर समाहर्ता, बलरामपुर अंचल के लिए DCLR मनिहारी, आजमनगर प्रखंड के लिए DDC कटिहार प्रतिनियुक्त किए गए हैं. वहीं बुरी तरह से प्रभावित कदवा प्रखंड में SDO, बारसोई में DCLR बारसोई और DRDA कटिहार की प्रतिनियुक्ति की गई है. साथ हीं प्रखंड के CO, CI, BDO और ग्राम स्तर तक के अधिकारियों की भी प्रतिनियुक्ति की गई है.

Intro:......बिहार में सैलाब का सितम जारी हैं । गाँव के गाँव मे पानी फैल जाने के कारण इलाका जलमग्न हैं । जलमग्न इलाके में कहीं शौच के दौरान पैर फिसलने तो कही नहाने के दौरान लोग जान गँवा रहें हैं । कटिहार के बलिया बैलोन में बाढ़ के पानी से बने गढ्ढेनुमा तालाब में नहाने के दौरान मासूम की डूब कर मौत हो गयी । इस घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया .....।


Body:दरअसल , पूरी घटना जिले के बलिया बेलोन थाना क्षेत्र के शेखपूरा गांव का हैं जहाँ पानी मे डूबने से दस वर्षीय रोहित की मौत हो गयी । बताया जाता हैं कि गाँव के कुछ बच्चे खेल - खेल में बाढ़ के पानी से तालाबनुमा नदी में नहाने जा बैठे कि इसी दौरान रोहित के पैर फिसलने से वह गहरे पानी मे जा चला गया और देखते ही देखते उसकी मौत हो गयी .....। इस घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया और ग्रामीणों की मदद से शव को बाहर निकाला गया । मृतक के परिजन चन्द्रशेखर रॉय ने बताया कि रोहित कब खेल - खेल में तालाब के पास पहुँच गया , पता भी नहीं चला। जब तक खोजबीन शुरू की तब लाश ही हाथ लगी । बलिया बेलोंन थानाध्यक्ष दिनेश मंडल ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिये कटिहार सदर अस्पताल भेज दिया गया हैं ......।


Conclusion:गाँवों में बाढ़ का पानी जानलेवा साबित हो रहा हैं क्योंकि सड़क किनारे तक लबालब पानी भर जाने से लोगों को सहज अंदाजा नहीं लगता कि कहाँ ज्यादा गड्ढा हैं और कहाँ कम ....। इसका सीधा असर मासूमों पर पड़ता हैं जो नहाने के उत्साह में पानी मे चले जाते हैं और फलसफा असामयिक मौतें होती हैं ......।
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