कटिहार: जिले के तमाम 102 एम्बुलेंस चालक बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं. एम्बुलेंस ड्राइवर, कंपनी पर शोषण का आरोप लगाते हुए आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलनकारी ड्राइवरों का कहना है कि शोषण के खिलाफ आवाज उठाने पर जबरन सस्पेंड कर दिया जाता है. उनके कई साथियों को सस्पेंड किया गया है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के सामने समस्या रखने पर वे पल्ला झाड़ लेते हैं.
आठ घंटे से ज्यादा करते हैं ड्यूटी
आंदोलन पर बैठे संयोजक विकास सिंह ने कहा कि कंपनी लगातार हिटलरशाही कर रही है. इससे तंग आकर आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ा. लगभग एक दर्जन समस्याएं हैं. वेतन वृद्धि, पीएफ, स्वास्थ्य बीमा, ईएसआईसी, एम्बुलेंस मेंटेनेंस समेत कई समस्याएं हैं. प्रबंध आठ घंटे से ज्यादा काम लेती है. लगातार आंदोलन के बाद भी प्रबंधन की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया. समस्या सुनाने पर महामंत्री और पटना जिला अध्यक्ष को गिरफ्तार कर लिया गया. संयोजक ने जोर देते हुए कहा कि मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रखेंगे.
सहमति के बावजूद नहीं पूरी हुई मांगें
वहीं, जिला अध्यक्ष सोनू कुमार ने बताया कि हम सभी चालक दिनभर सेवा देते हैं. वेतन देने के समय सर्विस एजेंसियां ठेंगा दिखा देती है. ऐसे में उनका परिवार कैसे चलेगा. सोनू कुमार ने बताया कि 6 जनवरी 2019 को हड़ताल के समय श्रम कानून के तहत वेतन वृद्धि पर सहमति बनी. राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक, कंपनी के मालिक और आंदोलन समिति के बीच यह सहमति बनी थी. इस पर लिखित एग्रीमेंट भी हुआ. इसे पूरा करने के लिए छह महीने का समय मांगा गया. लेकिन अब तक कुछ नहीं हो पाया. यह हड़ताल वेतन वृद्धि से लेकर 150 कर्मचारियों की निलंबन वापसी को लेकर है.
स्वास्थ्य मंत्री नहीं सुनते हैं बात
स्वास्थ्य मंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे कोई पहल नहीं करते. शिकायत करने पर ठेकेदार से बात करने का आश्वासन देकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं. वेतन के लिए रोड पर उतरने पर एफआईआर किया जाता है. दूसरी तरफ ठेकेदार की तरफ से निलंबित कर दिया जाता है. ऐसे में हम कहां जाएं. किससे अपना दुखड़ा सुनाए. ऐसा लगता है सिस्टम ही कोमा में चला गया है.