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कैमूर: छेदी पासवान से नाराज जनता बोली- बुनियादी सुविधा मुहैया कराने में भी रहे हैं फेल - छेदी पासवान

कैमूर में वर्तमान सांसद छेदी पासवान की कार्यों से जनता नाखुश है. लोगों ने कहा कि वह इस बार उन्हों वोट नहीं देंगे. वहीं उनका आरोप है कि उनहोंने जनता के लिए कोई काम नहीं किया गया है.

कैमूर से कौशल की रिपोर्ट
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Published : Apr 4, 2019, 8:36 AM IST

कैमूर: आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टियों ने अपना दमखम दिखाना शुरू कर दिया है. यह बात दीगर है कि उम्मीदवारों की किस्मत की चाभी मतदाताओं के हाथ में होती है. इस बार एक बार फिर बीजेपी उम्मीदवार छेदी पासवान कैमूर से किस्मत आजमा रहे हैं.

कैमूर जिला के चैनपुर विधानसभा अंतर्गत अधौरा और चैनपुर प्रखंड के लोग वर्तमान भाजपा सांसद छेदी पासवान से नाराज चल रहे हैं. लोगों के अुनसार भाजपा सांसद और भाजपा सरकार ने विकास के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सरकार को बदलना ठीक रहता है. वहीं, लोग सरकार बदलने की बात कर रहे हैं.

लोगों ने की शिकायत
ईटीवी ने कैमूर जिले के पहाड़ी इलाकों में लोगों से खास बातचीत की. वहां के लोगों ने बताया कि सरकार सड़क, पानी जैसे बुनियादी सुविधा भी उपलब्ध कराने में फेल रही है. इसलिए लोगों ने उन्हें वोट देने से मना कर दिया है.

कैमूर से कौशल की रिपोर्ट

लोगों ने किया वोट देने से इंकार
स्थानीय लोगों ने सांसद छेदी पासवान को वोट देने साफ इंकार कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि प्रदेश में सरकार ने बुनियादी सुविधाओं से लोगों को वंचित रखा है. पानी की समस्या चरम पर है.

वर्तमान सांसद के कार्य से असंतुष्ट
नतीजा चाहे जो भी हो इतना तो कहा जा सकता है कि लोग अपने वर्तमान सांसद के कार्यों से संतुष्ट नही हैं. अब देखना दिलचस्प होगा कि कैमूर की जनता का मन और उनकी बुनियादी सुविधाओं से कौन पार लगाता है.

कैमूर: आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टियों ने अपना दमखम दिखाना शुरू कर दिया है. यह बात दीगर है कि उम्मीदवारों की किस्मत की चाभी मतदाताओं के हाथ में होती है. इस बार एक बार फिर बीजेपी उम्मीदवार छेदी पासवान कैमूर से किस्मत आजमा रहे हैं.

कैमूर जिला के चैनपुर विधानसभा अंतर्गत अधौरा और चैनपुर प्रखंड के लोग वर्तमान भाजपा सांसद छेदी पासवान से नाराज चल रहे हैं. लोगों के अुनसार भाजपा सांसद और भाजपा सरकार ने विकास के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सरकार को बदलना ठीक रहता है. वहीं, लोग सरकार बदलने की बात कर रहे हैं.

लोगों ने की शिकायत
ईटीवी ने कैमूर जिले के पहाड़ी इलाकों में लोगों से खास बातचीत की. वहां के लोगों ने बताया कि सरकार सड़क, पानी जैसे बुनियादी सुविधा भी उपलब्ध कराने में फेल रही है. इसलिए लोगों ने उन्हें वोट देने से मना कर दिया है.

कैमूर से कौशल की रिपोर्ट

लोगों ने किया वोट देने से इंकार
स्थानीय लोगों ने सांसद छेदी पासवान को वोट देने साफ इंकार कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि प्रदेश में सरकार ने बुनियादी सुविधाओं से लोगों को वंचित रखा है. पानी की समस्या चरम पर है.

वर्तमान सांसद के कार्य से असंतुष्ट
नतीजा चाहे जो भी हो इतना तो कहा जा सकता है कि लोग अपने वर्तमान सांसद के कार्यों से संतुष्ट नही हैं. अब देखना दिलचस्प होगा कि कैमूर की जनता का मन और उनकी बुनियादी सुविधाओं से कौन पार लगाता है.

Intro:आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी में पार्टियां अपने अपने दमखम दिखाने में भले ही कोई कसर न छोड़े लेकिन उम्मीदवारों की किस्मत का चाभी मतदाताओं के हाथ मे ही होता हैं।


Body:कैमूर जिला के चैनपुर विधानसभा अंतर्गत अधौरा और चैनपुर प्रखंड के लोग वर्तमान भाजपा सांसद छेदी पासवान से नाराज चल रहे। लोगों का कहना है कि भाजपा सांसद और भाजपा सरकार ने उनके विकास के लिए कोई ठोस कदम नही उठाये हैं। स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सरकार को बदलना ठीक रहता हैं सरकार बदलेगी तो विकास के नय रास्ते खुलेंगे।

आपकों बतादें की ईटीवी भारत ने आगमी लोकसभा चुनाव को देखते हुए कैमूर जिले के पहाड़ी इलाकों के क्षेत्रों के लोगों से खास बातचीत की। लोगों ने बताया कि सरकार सड़क, पानी जैसे बुनियादी सुविधा भी उपलब्ध कराने में फेल रही हैं। वर्तमान भाजपा संसाद छेदी पासवान से तो लोग इतना नाराज चल रहे है कि उन्हों वोट देने से इंकार कर दिया।

सासाराम संसदीय सीट पर 1984 के कांग्रेस ने दोबारा 2004 में एंट्री मारी, इसके बाद 2009 में कांग्रेस की मीरा कुमार ने भाजपा को हराकर इस सीट को अपने नाम किया था और देश मे इतिहास काम करते हुए मीरा कुमार को पहली महिला लोकसभा अध्यक्ष बनने का गौरव प्राप्त हुआ। 2014 कि मोदी लहर में मीरा अपनी सीट नही बचा पाई और भाजपा सांसद छेदी पासवान से मीरा को हार का सामना करना पड़ा था।


2014 और 2019 क राजनीति माहौल में अंतर
2019 में भाजपा के साथ जदयू हैं। रालोसपा भाजपा से अलग हो गई हैं। ऐसे में इस सीट पर काटे की टक्कर होना तय हैं। क्योंकि सासाराम आरक्षित सीट हैं। और इस सीट पर कुशवाहा समाज के लोग गेम चेंजर माने जाते हैं। इस संसदीय सीट पर मुकाबला सीधी एनडीए बनाम यूपीए की होती हैं। एक तरफ मीरा मोदी के योजनाओं और मुद्दे पर सवाल करेंगी तो दूसरी तरफ भाजपा अपने 5 सालों के कार्यो को 60 सालों के कार्य से तुलना करेंगे।



Conclusion:नतीजा चाहे जो भी हो इतना तो कहा जा सकता है कि लोग अपने वर्तमान सांसद के कार्यो से संतुष्ट नही हैं।
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