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कैमूर: आदर्श आंगनबाड़ी केंन्द्र में नहीं है पानी और LPG का कनेक्शन, परिवहन मंत्री ने किया था उद्घाटन

सीडीपीओ ने माना कि स्मोक से बच्चों के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है. उन्होंने पानी की समस्या को लेकर बताया कि बीडीओ से बात हुई है. जल्द ही नलजल योजना के तहत पानी का कनेक्शन भी उपलब्ध करा दिया जाएगा.

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Published : Dec 7, 2019, 11:59 PM IST

कैमूर: परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला ने बीते दिनों मोहनिया के मुठानी में आर्दश आंगनबाड़ी केन्द्र का शिलान्यास किया था. लेकिन इस केंद्र की हकीकत यह है कि यहां पानी की टंकी तो लगाए गए, लेकिन पानी नहीं दिया गया. इस आदर्श केंद्र के शौचालय में पानी की व्यवस्था नहीं हैं.

वहीं, दूसरी सबसे बड़ी बात ये है कि इस मॉडल केंद्र पर आज भी खाना लकड़ी पर बनता है, जिसके धुंए से नौनिहालों को परेशानी होती है. साथ ही बीमार होने का खतरा भी बना रहता है. इसके बावजूद भी इस केंद्र को आदर्श केंद्र का नाम प्राप्त है.

Kaimur ideal Anganwadi center
लकड़ी पर बनता है खाना

शौचालय में नहीं है पानी की व्यवस्था
बता दें कि इस केंन्द्र के बारे में सेविका कविता देवी से पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि शौचालय में पानी की व्यवस्था नहीं हैं. टंकी तो लगा है, लेकिन पानी का कनेक्शन नहीं मिला है. सेविका ने बताया कि एलपीजी कनेक्शन भी नहीं मिला है. इसके कारण लकड़ी पर खाना बनाया जाता है. उन्होंने बताया कि वरीय पदाधिकारी को इस बाबत की जानकारी है, लेकिन कोई इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र में नहीं है पानी और एलपीजी कनेक्शन

'जल्द किया जाएगा समस्या का निवारण'
मोहनियां सीडीपीओ नीरू बाला ने बताया कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को स्मोक फ्री बनाने के लिए डीएम ने पहल की है. उन्होंने कहा कि कुछ आंगनबाड़ी केंद्रों को कनेक्शन दिया गया है. मॉडल आंगनबाड़ी मुठानी को भी चूल्हा दिया गया है, लेकिन किस कारण से लकड़ी पर खाना बन रहा है. इसका पता कर जल्द ही समस्या का निवारण कर लिया जाएगा.

'बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ता है असर'
वहीं, इस मामले को लेकर सीडीपीओ ने माना कि स्मोक से बच्चों के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है. उन्होंने पानी की समस्या को लेकर बताया कि बीडीओ से बात हुई है. जल्द ही नलजल योजना के तहत पानी का कनेक्शन भी उपलब्ध करा दिया जाएगा.

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सीडीपीओ, नीरू बाला

'इसीसी के तहत प्रारंभ होगा पाठ्यक्रम'
सीडीपीओ ने बताया कि 1 जनवरी से प्रखंड के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर अर्ली चाइल्डहुड केअर और एडुकेशन (इसीसी) के तहत पाठ्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा. जिसके लिए पर्यवेक्षकों को ट्रेनिंग दी जा रहीं है. इसके बाद पर्यवेक्षकों सेविका को ट्रेनिंग देंगे. उन्होंने बताया कि इस पाठ्यक्रम के तहत प्रत्येक दिन 4 घंटे के पूरे कार्यकाल में 20 मिनट का स्लॉट होगा, जिसमें सेविकाएं बच्चों को अलग-अलग एक्टिविटी कराएंगी.

कैमूर: परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला ने बीते दिनों मोहनिया के मुठानी में आर्दश आंगनबाड़ी केन्द्र का शिलान्यास किया था. लेकिन इस केंद्र की हकीकत यह है कि यहां पानी की टंकी तो लगाए गए, लेकिन पानी नहीं दिया गया. इस आदर्श केंद्र के शौचालय में पानी की व्यवस्था नहीं हैं.

वहीं, दूसरी सबसे बड़ी बात ये है कि इस मॉडल केंद्र पर आज भी खाना लकड़ी पर बनता है, जिसके धुंए से नौनिहालों को परेशानी होती है. साथ ही बीमार होने का खतरा भी बना रहता है. इसके बावजूद भी इस केंद्र को आदर्श केंद्र का नाम प्राप्त है.

Kaimur ideal Anganwadi center
लकड़ी पर बनता है खाना

शौचालय में नहीं है पानी की व्यवस्था
बता दें कि इस केंन्द्र के बारे में सेविका कविता देवी से पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि शौचालय में पानी की व्यवस्था नहीं हैं. टंकी तो लगा है, लेकिन पानी का कनेक्शन नहीं मिला है. सेविका ने बताया कि एलपीजी कनेक्शन भी नहीं मिला है. इसके कारण लकड़ी पर खाना बनाया जाता है. उन्होंने बताया कि वरीय पदाधिकारी को इस बाबत की जानकारी है, लेकिन कोई इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

आदर्श आंगनबाड़ी केन्द्र में नहीं है पानी और एलपीजी कनेक्शन

'जल्द किया जाएगा समस्या का निवारण'
मोहनियां सीडीपीओ नीरू बाला ने बताया कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को स्मोक फ्री बनाने के लिए डीएम ने पहल की है. उन्होंने कहा कि कुछ आंगनबाड़ी केंद्रों को कनेक्शन दिया गया है. मॉडल आंगनबाड़ी मुठानी को भी चूल्हा दिया गया है, लेकिन किस कारण से लकड़ी पर खाना बन रहा है. इसका पता कर जल्द ही समस्या का निवारण कर लिया जाएगा.

'बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ता है असर'
वहीं, इस मामले को लेकर सीडीपीओ ने माना कि स्मोक से बच्चों के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है. उन्होंने पानी की समस्या को लेकर बताया कि बीडीओ से बात हुई है. जल्द ही नलजल योजना के तहत पानी का कनेक्शन भी उपलब्ध करा दिया जाएगा.

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सीडीपीओ, नीरू बाला

'इसीसी के तहत प्रारंभ होगा पाठ्यक्रम'
सीडीपीओ ने बताया कि 1 जनवरी से प्रखंड के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर अर्ली चाइल्डहुड केअर और एडुकेशन (इसीसी) के तहत पाठ्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा. जिसके लिए पर्यवेक्षकों को ट्रेनिंग दी जा रहीं है. इसके बाद पर्यवेक्षकों सेविका को ट्रेनिंग देंगे. उन्होंने बताया कि इस पाठ्यक्रम के तहत प्रत्येक दिन 4 घंटे के पूरे कार्यकाल में 20 मिनट का स्लॉट होगा, जिसमें सेविकाएं बच्चों को अलग-अलग एक्टिविटी कराएंगी.

Intro:कैमूर।

परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला नें मोहनिया के मुठानी में आर्दश आंगनबाड़ी केन्द्र का शिलान्यास किया था। केंद्र की तारीफ प्रदेश के मुखिया सीएम नीतीश कुमार नें भी की थी और इस कार्य के लिए सीडीपीओ की प्रशस्ति पत्र भी दिया गया। लेकिन इस केंद्र की एक हकीकत यह भी हैं कि ओडीएफ जिलें कैमूर में संचालित इस आर्दश केंद्र में पानी की टंकी तो लगाए गए लेकिन पानी नहीं दिया गया। इस आदर्श केंद्र के शौचालय में पानी की व्यवस्था नहीं हैं। दूसरी सबसे बड़ी बात इस मॉडल केंद्र पर आज भी खाना लकड़ी उपला पर बनता हैं जिसके धुंआ से नौनिहालों को परेशानी तो होती हैं साथ कि बीमार होनें का खतरा अधिक होता हैं बावजूद इसके इस केंद्र को आदर्श केंद्र का नाम प्राप्त हैं।


Body:आपकों बतादें कि जब इस केन्द्र की सेविका कविता देवी से केंद्र के बारें में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि शौचालय में पानी की व्यवस्था नहीं हैं टंकी लगा हैं लेकिन पानी का कनेक्शन नहीं मिला हैं। उन्होंने बताया कि एलपीजी कनेक्शन नहीं मिला हैं इसलिए लकड़ी और उपला पर खाना बनाया जाता हैं। वरीय पदाधिकारी को इस बाबत जानकारी हैं लेकिन गैस कनेक्शन केंद्र को नहीं मिला हैं।

मोहनियां सीडीपीओ नीरू बाला नें बताया कि सारे आंगनबाड़ी केंद्रों को स्मोक फ्री बनाने के लिए डीएम द्वारा पहल की गई हैं। कुछ आंगनबाड़ी केंद्रों को कनेक्शन दिया गया हैं। मॉडल आंगनबाड़ी मुठानी को भी चूल्हा दिया गया हैं किस कारण की वजह से खाना लड़की पर बन रहा हैं इसका पता कर जल्द ही समस्या का निवारण कर लिया जाएगा। सीडीपीओ ने यह माना हैं कि स्मोक से बच्चों के स्वास्थ्य पर असर पड़ता हैं। उन्होंने पानी की समस्या को लेकर बताया कि बीडीओ से बात हुई हैं जल्द ही नलजल योजना के तहत पानी का कनेक्शन भी उपलब्ध करा दिया जाएगा।


अर्ली चाइल्डहुड केअर और एडुकेशन

सीडीपीओ ने बताया कि उनकी कोशिश हैं कि 1 जनवरी से प्रखंड के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर अर्ली चाइल्डहुड केअर और एडुकेशन (इसीसी) के तहत पाठ्यक्रम प्रारंभ किया जा सकें। जिसके लिए पर्यक्षकों को ट्रेनिंग दी जा रहीं हैं जिसके बाद पर्यक्षकों द्वारा सेविका को ट्रेनिंग दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस पाठ्यक्रम के तहत प्रत्येक दिन 4 घंटे के पूरे कार्यकाल में 20 मिनट का स्लॉट होगा जिसमें सेविकाओं के द्वारा बच्चों के अलग अलग एक्टिविटी कराया जाएगा। उनकी कोशिश है कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों लार एक साथ लागू किया जाए।



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