कैमूर: परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला ने बीते दिनों मोहनिया के मुठानी में आर्दश आंगनबाड़ी केन्द्र का शिलान्यास किया था. लेकिन इस केंद्र की हकीकत यह है कि यहां पानी की टंकी तो लगाए गए, लेकिन पानी नहीं दिया गया. इस आदर्श केंद्र के शौचालय में पानी की व्यवस्था नहीं हैं.
वहीं, दूसरी सबसे बड़ी बात ये है कि इस मॉडल केंद्र पर आज भी खाना लकड़ी पर बनता है, जिसके धुंए से नौनिहालों को परेशानी होती है. साथ ही बीमार होने का खतरा भी बना रहता है. इसके बावजूद भी इस केंद्र को आदर्श केंद्र का नाम प्राप्त है.
शौचालय में नहीं है पानी की व्यवस्था
बता दें कि इस केंन्द्र के बारे में सेविका कविता देवी से पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि शौचालय में पानी की व्यवस्था नहीं हैं. टंकी तो लगा है, लेकिन पानी का कनेक्शन नहीं मिला है. सेविका ने बताया कि एलपीजी कनेक्शन भी नहीं मिला है. इसके कारण लकड़ी पर खाना बनाया जाता है. उन्होंने बताया कि वरीय पदाधिकारी को इस बाबत की जानकारी है, लेकिन कोई इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.
'जल्द किया जाएगा समस्या का निवारण'
मोहनियां सीडीपीओ नीरू बाला ने बताया कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को स्मोक फ्री बनाने के लिए डीएम ने पहल की है. उन्होंने कहा कि कुछ आंगनबाड़ी केंद्रों को कनेक्शन दिया गया है. मॉडल आंगनबाड़ी मुठानी को भी चूल्हा दिया गया है, लेकिन किस कारण से लकड़ी पर खाना बन रहा है. इसका पता कर जल्द ही समस्या का निवारण कर लिया जाएगा.
'बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ता है असर'
वहीं, इस मामले को लेकर सीडीपीओ ने माना कि स्मोक से बच्चों के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है. उन्होंने पानी की समस्या को लेकर बताया कि बीडीओ से बात हुई है. जल्द ही नलजल योजना के तहत पानी का कनेक्शन भी उपलब्ध करा दिया जाएगा.
'इसीसी के तहत प्रारंभ होगा पाठ्यक्रम'
सीडीपीओ ने बताया कि 1 जनवरी से प्रखंड के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर अर्ली चाइल्डहुड केअर और एडुकेशन (इसीसी) के तहत पाठ्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा. जिसके लिए पर्यवेक्षकों को ट्रेनिंग दी जा रहीं है. इसके बाद पर्यवेक्षकों सेविका को ट्रेनिंग देंगे. उन्होंने बताया कि इस पाठ्यक्रम के तहत प्रत्येक दिन 4 घंटे के पूरे कार्यकाल में 20 मिनट का स्लॉट होगा, जिसमें सेविकाएं बच्चों को अलग-अलग एक्टिविटी कराएंगी.