कैमूर: आपने स्मार्ट सिटी तो खूब सुना होगा लेकिन, बिहार के कैमूर में एक स्मार्ट गांव बसता है. दरअसल, जिला मुख्यालय भभुआ से लगभग 40 किमी दूर रामगढ़ प्रखंड अंतर्गत नरहन जमुरना की गिनती आज स्मार्ट गांव में होती है. यहां सुविधाओं के नाम पर हर वो चीज मौजूद हैं जो बड़े शहरों में भी शायद ही देखने को मिले.
इस गांव में चौड़ी सड़कें, 24 घंटे बिजली-पानी, अच्छे स्कूल के साथ-साथ चौराहों पर स्ट्रीट लाइट्स, गलियों में सीसीटीवी कैमरे, मिनरल वॉटर, हर घर शौचालय का भी इंतजाम है. यहां के मुखिया डॉ. संजय सिंह के अथक प्रयासों के कारण नरहन जमुरना गांव के लोग कहते हैं कि वे शहर में रहते हैं, गांव में नहीं.
गांव में लगे 16 सीसीटीवी कैमरे
गांव के डॉ. संजय सिंह की सेवा भाव से ग्रामीण इतने खुश हुए थे कि उन्हें गांव का मुखिया बना दिया. मुखिया बनते ही डॉक्टर ने गांव की तस्वीर बदल दी. पूरा गांव उन्हें अब डॉक्टर मुखिया पुकारता है. मुखिया बताते हैं कि गांव में 16 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. हर गली में सीसीटीवी से निगरानी होती है. ग्रामीण बिना डरे आते-जाते हैं. मौजूदा समय में गांव में न तो चोरी होती हैं न ही छेड़खानी का मामला सामने आता है.
ग्रामीण हैं मुखिया से संतुष्ट
वहीं, गांव की महिला और लड़कियों ने बताया कि सीसीटीवी लगने के बाद वे खुद को पूरी तरह सुरक्षित महसूस करती हैं. रात के समय भी वे निडर होकर बाहर आती-जाती हैं. सात निश्चय योजना के तहत लगे आरओ प्लांट से 2 रुपये में 20 लीटर पानी मिलता है. गांव के प्रत्येक घर मे हर घर नल जल योजना के तहत पानी सप्लाई भी उपलब्ध है.
आए दिन कराते हैं फॉगिंग
ग्रामीणों ने बताया कि डॉक्टर मुखिया ने गांव को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए कड़ा कदम उठाया है. हमेशा गांव में फॉगिंग मशीन ने मच्छर मारने की दवा का छिड़काव कराया जाता है. ग्रामीणों का कहना है कि अब गांव में बहुत कम लोग बीमार पड़ते हैं. मुखिया के प्रयासों से 22 किमी की दूरी मात्र 8 किमी में तब्दील हो गई.
गांव वालों के लिए नाव का भी है इंतजाम
बता दें कि नरहन जमुरना गांव तीन तरफ से दुर्गावति नदी से घिरा हुआ है. ऐसे में यहां बाढ़ की समस्या उत्पन्न होती है. मुखिया ने अपने पंचायत के लोगों के लिए 3 नाव का इंतजाम किया है, जो लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाता हैं. ऐसे में इन्हें प्रशासनिक मदद की आस नहीं रह जाती है.