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बिहार का 'स्मार्ट गांव': गलियों में लगे हैं CCTV कैमरे, मिनरल वॉटर की भी है व्यवस्था

गांव के डॉ. संजय सिंह की सेवा भाव से ग्रामीण इतने खुश हुए थे कि उन्हें गांव का मुखिया बना दिया. मुखिया बनते ही डॉक्टर ने गांव की तस्वीर बदल दी. पूरा गांव उन्हें अब डॉक्टर मुखिया पुकारता है.

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Published : Jan 19, 2020, 9:57 PM IST

कैमूर: आपने स्मार्ट सिटी तो खूब सुना होगा लेकिन, बिहार के कैमूर में एक स्मार्ट गांव बसता है. दरअसल, जिला मुख्यालय भभुआ से लगभग 40 किमी दूर रामगढ़ प्रखंड अंतर्गत नरहन जमुरना की गिनती आज स्मार्ट गांव में होती है. यहां सुविधाओं के नाम पर हर वो चीज मौजूद हैं जो बड़े शहरों में भी शायद ही देखने को मिले.

देखें पूरी रिपोर्ट

इस गांव में चौड़ी सड़कें, 24 घंटे बिजली-पानी, अच्छे स्कूल के साथ-साथ चौराहों पर स्ट्रीट लाइट्स, गलियों में सीसीटीवी कैमरे, मिनरल वॉटर, हर घर शौचालय का भी इंतजाम है. यहां के मुखिया डॉ. संजय सिंह के अथक प्रयासों के कारण नरहन जमुरना गांव के लोग कहते हैं कि वे शहर में रहते हैं, गांव में नहीं.

KAIMUR
मुखिया डॉ. संजय सिंह करते हैं गांव वालों की सेवा

गांव में लगे 16 सीसीटीवी कैमरे
गांव के डॉ. संजय सिंह की सेवा भाव से ग्रामीण इतने खुश हुए थे कि उन्हें गांव का मुखिया बना दिया. मुखिया बनते ही डॉक्टर ने गांव की तस्वीर बदल दी. पूरा गांव उन्हें अब डॉक्टर मुखिया पुकारता है. मुखिया बताते हैं कि गांव में 16 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. हर गली में सीसीटीवी से निगरानी होती है. ग्रामीण बिना डरे आते-जाते हैं. मौजूदा समय में गांव में न तो चोरी होती हैं न ही छेड़खानी का मामला सामने आता है.

KAIMUR
पंचायत में लगा है सीसीटीवी कैमरा

ग्रामीण हैं मुखिया से संतुष्ट
वहीं, गांव की महिला और लड़कियों ने बताया कि सीसीटीवी लगने के बाद वे खुद को पूरी तरह सुरक्षित महसूस करती हैं. रात के समय भी वे निडर होकर बाहर आती-जाती हैं. सात निश्चय योजना के तहत लगे आरओ प्लांट से 2 रुपये में 20 लीटर पानी मिलता है. गांव के प्रत्येक घर मे हर घर नल जल योजना के तहत पानी सप्लाई भी उपलब्ध है.

KAIMUR
पंचायत में लगा आरओ प्लांट

आए दिन कराते हैं फॉगिंग
ग्रामीणों ने बताया कि डॉक्टर मुखिया ने गांव को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए कड़ा कदम उठाया है. हमेशा गांव में फॉगिंग मशीन ने मच्छर मारने की दवा का छिड़काव कराया जाता है. ग्रामीणों का कहना है कि अब गांव में बहुत कम लोग बीमार पड़ते हैं. मुखिया के प्रयासों से 22 किमी की दूरी मात्र 8 किमी में तब्दील हो गई.

KAIMUR
गांव के लोगों को मिल रहा सरकारी योजना का लाभ

गांव वालों के लिए नाव का भी है इंतजाम
बता दें कि नरहन जमुरना गांव तीन तरफ से दुर्गावति नदी से घिरा हुआ है. ऐसे में यहां बाढ़ की समस्या उत्पन्न होती है. मुखिया ने अपने पंचायत के लोगों के लिए 3 नाव का इंतजाम किया है, जो लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाता हैं. ऐसे में इन्हें प्रशासनिक मदद की आस नहीं रह जाती है.

कैमूर: आपने स्मार्ट सिटी तो खूब सुना होगा लेकिन, बिहार के कैमूर में एक स्मार्ट गांव बसता है. दरअसल, जिला मुख्यालय भभुआ से लगभग 40 किमी दूर रामगढ़ प्रखंड अंतर्गत नरहन जमुरना की गिनती आज स्मार्ट गांव में होती है. यहां सुविधाओं के नाम पर हर वो चीज मौजूद हैं जो बड़े शहरों में भी शायद ही देखने को मिले.

देखें पूरी रिपोर्ट

इस गांव में चौड़ी सड़कें, 24 घंटे बिजली-पानी, अच्छे स्कूल के साथ-साथ चौराहों पर स्ट्रीट लाइट्स, गलियों में सीसीटीवी कैमरे, मिनरल वॉटर, हर घर शौचालय का भी इंतजाम है. यहां के मुखिया डॉ. संजय सिंह के अथक प्रयासों के कारण नरहन जमुरना गांव के लोग कहते हैं कि वे शहर में रहते हैं, गांव में नहीं.

KAIMUR
मुखिया डॉ. संजय सिंह करते हैं गांव वालों की सेवा

गांव में लगे 16 सीसीटीवी कैमरे
गांव के डॉ. संजय सिंह की सेवा भाव से ग्रामीण इतने खुश हुए थे कि उन्हें गांव का मुखिया बना दिया. मुखिया बनते ही डॉक्टर ने गांव की तस्वीर बदल दी. पूरा गांव उन्हें अब डॉक्टर मुखिया पुकारता है. मुखिया बताते हैं कि गांव में 16 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. हर गली में सीसीटीवी से निगरानी होती है. ग्रामीण बिना डरे आते-जाते हैं. मौजूदा समय में गांव में न तो चोरी होती हैं न ही छेड़खानी का मामला सामने आता है.

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पंचायत में लगा है सीसीटीवी कैमरा

ग्रामीण हैं मुखिया से संतुष्ट
वहीं, गांव की महिला और लड़कियों ने बताया कि सीसीटीवी लगने के बाद वे खुद को पूरी तरह सुरक्षित महसूस करती हैं. रात के समय भी वे निडर होकर बाहर आती-जाती हैं. सात निश्चय योजना के तहत लगे आरओ प्लांट से 2 रुपये में 20 लीटर पानी मिलता है. गांव के प्रत्येक घर मे हर घर नल जल योजना के तहत पानी सप्लाई भी उपलब्ध है.

KAIMUR
पंचायत में लगा आरओ प्लांट

आए दिन कराते हैं फॉगिंग
ग्रामीणों ने बताया कि डॉक्टर मुखिया ने गांव को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए कड़ा कदम उठाया है. हमेशा गांव में फॉगिंग मशीन ने मच्छर मारने की दवा का छिड़काव कराया जाता है. ग्रामीणों का कहना है कि अब गांव में बहुत कम लोग बीमार पड़ते हैं. मुखिया के प्रयासों से 22 किमी की दूरी मात्र 8 किमी में तब्दील हो गई.

KAIMUR
गांव के लोगों को मिल रहा सरकारी योजना का लाभ

गांव वालों के लिए नाव का भी है इंतजाम
बता दें कि नरहन जमुरना गांव तीन तरफ से दुर्गावति नदी से घिरा हुआ है. ऐसे में यहां बाढ़ की समस्या उत्पन्न होती है. मुखिया ने अपने पंचायत के लोगों के लिए 3 नाव का इंतजाम किया है, जो लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाता हैं. ऐसे में इन्हें प्रशासनिक मदद की आस नहीं रह जाती है.

Intro:नोट - स्पेशल स्टोरी कैमूर। जिला मुख्यालय भभुआ से 40 किमी दूर रामगढ़ प्रखंड अंतर्गत नरहन जमुरना को स्मार्ट गांव कहना गलत नहीं होगा। यहां सुविधाओं के नाम पर हर वो चीज मौजूद हैं जो बड़े शहरों में भी शायद देखने को मिले। इस गांव की हर गालियां में सीसीटीवी कैमरे और स्ट्रीट लाइट के अलग ग्रामीणों के लिए हर सुख सुविधा मौजूद हैं।


Body:आपकों बतादें कि ऐसा संभव हो सका हैं इस पंचायत के डॉक्टर मुखिया के कारण। डॉ संजय सिंह के सेवा भाव से ग्रामीण इतने खुश हुए की उन्हें गांव का मुखिया बना दिया। फिर क्या था डॉक्टर साहब ने गांव की तस्वीर बदल दी और लोगों के दिल पर राज करने लगे। ग्रामीण अब उन्हें डॉक्टर मुखिया बुलाते हैं। सीसीटीवी से निगरानी, स्ट्रीट से गलियां जगमग मुखिया डॉ संजय सिंह ने बताया कि गांव में 16 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि गांव की हर गली की निगरानी सीसीटीवी से होती हैं और रात के समय स्ट्रीट लाइट कर गली में जलते हैं। मुखिया ने बताया कि लोग उनके पास चोरी और छेड़खानी की शिकायत लेकर अक्सर आतें थे जिसके बाद मुखिया ने यह निर्णय लिया कि गांव में सीसीटीवी लगवा दिया जाए। आज के तारीख में गांव में न तो चोरी होती हैं न ही छेड़खानी। गांव की महिला और लड़कियों ने बताया कज सीसीटीवी लगने के बाद खुद को पूरी तरह सुरक्षित महसूस करती हैं। रात के समय भी निडर होकर कही से आ सकती हैं और जा सकती हैं। 2 रुपये में 20 लीटर मिलता हैं RO का पानी ग्रामीण बतातें हैं कि गांव में RO का प्लांट हैं। जो सात निश्चय योजना के अन्तर्गत लगाई गई हैं। बीपीएल परिवार को 2 रुपये में 20 लीटर तो एपीएल परिवार को 5 रुपये में 20 लीटर पानी मिलती हैं। साथ ही गांव के प्रत्येक घर मे हर घर नल जल योजना के तहत पानी की सप्लाई भी उपलब्ध कराई गई हैं। फोगिंग मशीन से होती हैं छिड़काव ग्रामीणों ने बताया कि डॉक्टर मुखिया जी के द्वारा गांव को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए गांव में फोगिंग मशीन ने मच्छर मारने की दवा का छिड़काव कराया जाता हैं। ग्रामीणों का कहना हैं कि मुखिया जी के प्रयास से अब गांव में बहुत कम लोग बीमार पड़ते हैं। उन्हें अब सुध पानी, फोगिंग मशीन और शौचालय का सौगात प्राप्त हैं। मुखिया ने खुद बनवाया रास्ता मुखिया डॉ संजय सिंह ने बताया कि ग्रामीणों को अनुमंडल मुख्यालय मोहनिया , गांव की बेटियों को हाई स्कूल और किसानों को खेत जानें के लिए काफी घूमकर जाना पड़ता था। क्योंकि गांव को तीन तरफ से दुर्गावति नदी ने घेर रखा हैं। इसलिए खुद के पैसे से नदी में एक रास्ते का निर्माण कराया हैं। रास्ते से 22 किमी की दूरी मात्र 8 किमी में तब्दील हो गई। लोगों को इसका पूरा लाभ मिलता हैं। गांव में मिलता हैं शहर की सुविधा ग्रामीणों ने बताया कि गांव में उन्हें कोई कमी महसूस नही होती हैं । ऐसा लगता हैं कि किसी बड़े शहर में रहते हैं। गांव में गली, नली, सड़क, पानी, सीसीटीवी, RO वाटर, स्कूल , शौचालय सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। तीन तरफ से दुर्गावति नदी ने गांव को हैं घेरा आपकों बतादें की गांव को तीन तरफ से दुर्गावति नदी नें घेरा हैं। गांव में अक्सर बाढ़ की समस्या उत्पन्न होती हैं। ऐसे में पंचायत के पास खुद का 3 नाव हैं जो लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाता हैं।


Conclusion:मुखिया ने बताया कि गांव के समय 400 घरों में शौचालय हैं। और उनकी कोशिश रहती हैं कि शहर की सारी सुविधाएं अपने गांव में ही उपलब्ध कराए ताकि किसी को कोई असुविधा न हो।
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