कैमूरः कोरोना के मद्देनजर हुए लॉकडाउन ने देश भर के मजदूरों को सड़क पर ला दिया. सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी इनकी परेशानी कम नहीं हो रही है. जिले से होकर गुजरने वाले एनएच-2 पर मजदूर ट्रक में जानवरों की तरह लद कर सफर करते नजर आ रहे हैं. तो कई प्रवासी साइकिल के सहारे हजारों किमी के सफर पर निकल पड़े हैं.
साइकिल से 4000 किमी का सफर
महाराष्ट्र से 70 प्रवासियों का एक जत्था जानवरों की तरह ट्रक में लदकर बिहार लौटा है. इन्हें इसके लिए प्रति व्यक्ति 4500 रुपये चुकाने पड़े. वहीं, 50 मजदूरों का एक जत्था पुणे से असम के लिए साइकिल से निकला है. इन्हें साइकिल से 4000 किमी की दूरी तय करनी है.
समाजसेवी दे रहे निःशुल्क सेवा
ऐसे राहगीरों की मदद के लिए समाजसेवी अनिल कुमार ने एनएच 2 पर मोहनियां के पास एक ढाबा बुक किया है. जहां दूसरे राज्यों से लौट रहे प्रवासियों के खाने-पीने, नहाने और आराम करने की निःशुल्क व्यवस्था की गई है.
सरकार से नहीं मिल रही मदद
अनिल कुमार ने बताया कि यहां रोजाना करीब 1500 लोगों की सेवा की जा रही है. सफर कर रहे प्रवासी के अनुसार महाराष्ट्र, यूपी, बिहार और झारखंड में कहीं भी सड़क किनारे सरकार की ओर से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है. समाजसेवियों के प्रयास से ही उन्हें कुछ मदद मिल रही है.