ETV Bharat / state

कैमूर का दुर्गावती जलाशय जन्नत से कम नहीं, एक बार देखने के बाद भूल जाएंगे नैनीताल - Chief Minister Jitan Ram Manjhi

कैमूर में दुर्गावती जलाशय पर्यटकों (Tourists in Durgavati Reservoir) के लिए बेहद खूबशूरत जगहों में से एक बन गया है. इसकी सुंदरता का दीदार करने हर कोई आना चाहता है. इसकी नींव 1976 में तत्कालीन उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम (Deputy Prime Minister Jagjivan Ram) ने रखी थी. आगे पढ़ें पूरी खबर...

कैमूर का दुर्गावती जलाशय
कैमूर का दुर्गावती जलाशय
author img

By

Published : Nov 28, 2022, 9:39 AM IST

कैमूर: बिहार के कैमूर में देखने और घूमने के लिए कई मनमोहक स्थान हैं. पहाड़ी की गोद में बसे इस जगह की प्राकृतिक सुंदरता काफी मनमोहक है. चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरे इस जिले में ऐसे स्थल हैं जिसकी सुंदरता का दीदार करने हर कोई आना चाहता है. इसमें हर किसी के दिल में दुर्गावती जलाशय (Durgavati Reservoir in Kaimur) को देखने की चाहत जरूर पनपती है. यह जलाशय किसी जन्नत से कम नहीं है.

पढ़ें-पांच दशक में भी दुर्गावती जलाशय योजना बनकर नहीं हुई तैयार



1000 एकड़ से भी ज्यादा है क्षेत्रफल: कोई व्यक्ति यहां एक बार आ जाए वह बार-बार यहां आने का प्रयास करता है. कैमूर और रोहतास की सीमा पर स्थित 1000 एकड़ से भी ज्यादा क्षेत्रफल में फैले दुर्गावती नदी पर बनाए गए दुर्गावती जलाशय की चर्चा दूर-दूर तक होने लगी है. इस जलाशय को देखने आने वाले लोग कैमूर और रोहतास दोनों जिलों के पर्यटक स्थलों को देखते हैं. इससे यह जलाशय कैमूर और रोहतास की ख्याति को भी बढ़ा रहा है.

पर्यटकों को मिलेगी ये सुविधा: खास कर पिकनिक मनाने वाले और बोटिंग करने वाले लोगों के बीच यह स्थल काफी लोकप्रिय होने लगा है. यहां सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश से भी लोग घूमने आ रहे हैं और दुर्गावती जलाशय का आनंद उठा रहे हैं. लोगों का कहना है कि ऐसा नजारा नैनीताल में देखने को मिलता है, लेकिन दुर्गावती जलाशय का नजारा कुछ और ही है जो नैनीताल से कम नहीं है. बिहार के लिए यह एक अद्भुत प्राकृतिक देन है. बता दें कि इसकी नींव 1976 में तत्कालीन उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम ने रखी थी. जिसके बाद 2014 बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Chief Minister Jitan Ram Manjhi) ने इसका उद्घाटन किया.

कैमूर का दुर्गावती जलाशय
कैमूर का दुर्गावती जलाशय


11 नवंबर से शुरू है बोटिंग: 11 नवंबर से ही कैमूर वन विभाग प्रशासन की तरफ से यहां वोटिंग की व्यवस्था की गई है. कोई भी पर्यटक यहां आकर ₹50 में 15 मिनट की सवारी कर सकता है. अभी फिलहाल में 3 बोटों की तैनाती की गई है और आने वाले समय में जल्द ही बोटों की संख्या बढ़ा दी जाएगी. इसके साथ ही वन विभाग प्रासाशन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था भी कराई गई है,जो भी पर्यटक बोटिंग करते है उनको लाइफ जैकेट पहनकर ही वोटिंग कराया जाता है.

"पर्यटक यहां आकर ₹50 में 15 मिनट की सवारी कर सकते हैं. फिलहाल में 3 बोटों की तैनाती की गई है और आने वाले समय में जल्द ही बोटों की संख्या बढ़ा दी जाएगी. इसके साथ ही वन विभाग प्रासाशन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था भी कराई गई है. बिहार ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश से भी लोग घूमने आ रहे हैं."-अंजित कुमार, वनरक्षी

कैमूर का दुर्गावती जलाशय
कैमूर का दुर्गावती जलाशय


"यहां आकार काफी अच्छा लग रहा है. पहले से यहां काफी अच्छी सुविधा है. सरकार को पर्यटक स्थल पर ध्यान देने की जरूरत है. लोगों को अब घुमने के लिए नैनीताल और जम्मू कश्मीर जाने की जरूरत नहीं है."-अभिषेक सिंह, पर्यटक

पढ़ें-क्या है दुर्गावती जलाशय परियोजना, जिसका पीएम मोदी ने किया जिक्र

कैमूर: बिहार के कैमूर में देखने और घूमने के लिए कई मनमोहक स्थान हैं. पहाड़ी की गोद में बसे इस जगह की प्राकृतिक सुंदरता काफी मनमोहक है. चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरे इस जिले में ऐसे स्थल हैं जिसकी सुंदरता का दीदार करने हर कोई आना चाहता है. इसमें हर किसी के दिल में दुर्गावती जलाशय (Durgavati Reservoir in Kaimur) को देखने की चाहत जरूर पनपती है. यह जलाशय किसी जन्नत से कम नहीं है.

पढ़ें-पांच दशक में भी दुर्गावती जलाशय योजना बनकर नहीं हुई तैयार



1000 एकड़ से भी ज्यादा है क्षेत्रफल: कोई व्यक्ति यहां एक बार आ जाए वह बार-बार यहां आने का प्रयास करता है. कैमूर और रोहतास की सीमा पर स्थित 1000 एकड़ से भी ज्यादा क्षेत्रफल में फैले दुर्गावती नदी पर बनाए गए दुर्गावती जलाशय की चर्चा दूर-दूर तक होने लगी है. इस जलाशय को देखने आने वाले लोग कैमूर और रोहतास दोनों जिलों के पर्यटक स्थलों को देखते हैं. इससे यह जलाशय कैमूर और रोहतास की ख्याति को भी बढ़ा रहा है.

पर्यटकों को मिलेगी ये सुविधा: खास कर पिकनिक मनाने वाले और बोटिंग करने वाले लोगों के बीच यह स्थल काफी लोकप्रिय होने लगा है. यहां सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश से भी लोग घूमने आ रहे हैं और दुर्गावती जलाशय का आनंद उठा रहे हैं. लोगों का कहना है कि ऐसा नजारा नैनीताल में देखने को मिलता है, लेकिन दुर्गावती जलाशय का नजारा कुछ और ही है जो नैनीताल से कम नहीं है. बिहार के लिए यह एक अद्भुत प्राकृतिक देन है. बता दें कि इसकी नींव 1976 में तत्कालीन उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम ने रखी थी. जिसके बाद 2014 बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Chief Minister Jitan Ram Manjhi) ने इसका उद्घाटन किया.

कैमूर का दुर्गावती जलाशय
कैमूर का दुर्गावती जलाशय


11 नवंबर से शुरू है बोटिंग: 11 नवंबर से ही कैमूर वन विभाग प्रशासन की तरफ से यहां वोटिंग की व्यवस्था की गई है. कोई भी पर्यटक यहां आकर ₹50 में 15 मिनट की सवारी कर सकता है. अभी फिलहाल में 3 बोटों की तैनाती की गई है और आने वाले समय में जल्द ही बोटों की संख्या बढ़ा दी जाएगी. इसके साथ ही वन विभाग प्रासाशन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था भी कराई गई है,जो भी पर्यटक बोटिंग करते है उनको लाइफ जैकेट पहनकर ही वोटिंग कराया जाता है.

"पर्यटक यहां आकर ₹50 में 15 मिनट की सवारी कर सकते हैं. फिलहाल में 3 बोटों की तैनाती की गई है और आने वाले समय में जल्द ही बोटों की संख्या बढ़ा दी जाएगी. इसके साथ ही वन विभाग प्रासाशन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था भी कराई गई है. बिहार ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश से भी लोग घूमने आ रहे हैं."-अंजित कुमार, वनरक्षी

कैमूर का दुर्गावती जलाशय
कैमूर का दुर्गावती जलाशय


"यहां आकार काफी अच्छा लग रहा है. पहले से यहां काफी अच्छी सुविधा है. सरकार को पर्यटक स्थल पर ध्यान देने की जरूरत है. लोगों को अब घुमने के लिए नैनीताल और जम्मू कश्मीर जाने की जरूरत नहीं है."-अभिषेक सिंह, पर्यटक

पढ़ें-क्या है दुर्गावती जलाशय परियोजना, जिसका पीएम मोदी ने किया जिक्र

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.