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कैमूर: कोरोना संक्रमण के दौरान रखी सकारात्मक सोच तो जल्द स्वस्थ हुए डीसीएलआर - कोरोना संक्रमण

कैमूर के मोहनिया के डीसीएलआर राजेश कुमार सिंह जो कुछ दिन पूर्व कोरोना संक्रमित हुए थे. वह अपने कर्तव्यों को निर्वाह और सकारात्मक सोच से कोरोना को हरा दिया.

डीसीएलआर राजेश कुमार सिंह
डीसीएलआर राजेश कुमार सिंह
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Published : May 11, 2021, 10:57 PM IST

कैमूर: सकारात्मक सोच किसी भी विपत्ति या रोग से निजात दिलाने में अहम भूमिका निभाती है. इसका जीता जागता उदाहरण मोहनिया के डीसीएलआर राजेश कुमार सिंह हैं. जो अन्य लोगों के लिए नजीर हैं. उन्होंने सकारात्मक सोच, संतुलित जीवन शैली एवं चिकित्सकीय सलाह और दवा के बदौलत कोरोना को हराया. अब पूरे जोश के साथ काम पर लौटे हैं. होम आइसोलेशन के दौरान भी वे मोबाइल से अपने दायित्व का निर्वाह करते रहे. जिसमें जिले में ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था प्रमुख थी.

सकारात्मक सोच वाले कोरोना को हराने में कामयाब
अब वे लंबित कार्यों को निपटाने के साथ अनुमंडल क्षेत्र में भ्रमण कर रहे हैं. जैसा की देखा जा रहा है की कोरोना काल में लोग भयभीत हैं. जिसका दुष्प्रभाव देखने को मिल रहा है. नकारात्मक सोच के कारण लोग अंदर से कमजोर हो जा रहे हैं. जिससे स्थिति गंभीर हो जा रही है. दृढ़ इच्छा शक्ति और सकारात्मक सोच वाले संक्रमित लोग कोरोना को हराने में कामयाब हो रहे हैं.

चिकित्सकों की सलाह पर दवा का सेवन
डीसीएलआर ने बताया की एक पखवाड़ा पूर्व उन्हें कोरोना का लक्षण महसूस हुआ. जांच में कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई. इसके बाद वे 14 दिनों तक होम आइसोलेशन में रहे. स्वजनों से दूरी बनाकर रहना जरूरी था. मन में कोरोना को हराने की सकारात्मक सोच थी. चिकित्सकों की सलाह पर दवा का सेवन किया. इस दौरान अपने दायित्व का निर्वाह करते रहे. जहां आवश्यकता होती वहां मातहतों को सलाह और सुझाव देते रहे. इससे वे भूल गए की वे कोरोना संक्रमित हैं. सबकुछ सामान्य ढंग से चलता रहा. इसके बाद जब जांच कराये तो रिपोर्ट निगेटिव आयी.

कैमूर: सकारात्मक सोच किसी भी विपत्ति या रोग से निजात दिलाने में अहम भूमिका निभाती है. इसका जीता जागता उदाहरण मोहनिया के डीसीएलआर राजेश कुमार सिंह हैं. जो अन्य लोगों के लिए नजीर हैं. उन्होंने सकारात्मक सोच, संतुलित जीवन शैली एवं चिकित्सकीय सलाह और दवा के बदौलत कोरोना को हराया. अब पूरे जोश के साथ काम पर लौटे हैं. होम आइसोलेशन के दौरान भी वे मोबाइल से अपने दायित्व का निर्वाह करते रहे. जिसमें जिले में ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था प्रमुख थी.

सकारात्मक सोच वाले कोरोना को हराने में कामयाब
अब वे लंबित कार्यों को निपटाने के साथ अनुमंडल क्षेत्र में भ्रमण कर रहे हैं. जैसा की देखा जा रहा है की कोरोना काल में लोग भयभीत हैं. जिसका दुष्प्रभाव देखने को मिल रहा है. नकारात्मक सोच के कारण लोग अंदर से कमजोर हो जा रहे हैं. जिससे स्थिति गंभीर हो जा रही है. दृढ़ इच्छा शक्ति और सकारात्मक सोच वाले संक्रमित लोग कोरोना को हराने में कामयाब हो रहे हैं.

चिकित्सकों की सलाह पर दवा का सेवन
डीसीएलआर ने बताया की एक पखवाड़ा पूर्व उन्हें कोरोना का लक्षण महसूस हुआ. जांच में कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई. इसके बाद वे 14 दिनों तक होम आइसोलेशन में रहे. स्वजनों से दूरी बनाकर रहना जरूरी था. मन में कोरोना को हराने की सकारात्मक सोच थी. चिकित्सकों की सलाह पर दवा का सेवन किया. इस दौरान अपने दायित्व का निर्वाह करते रहे. जहां आवश्यकता होती वहां मातहतों को सलाह और सुझाव देते रहे. इससे वे भूल गए की वे कोरोना संक्रमित हैं. सबकुछ सामान्य ढंग से चलता रहा. इसके बाद जब जांच कराये तो रिपोर्ट निगेटिव आयी.

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