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कैमूरः बक्सर से मिले आदित्य को मिली ममता की छांव, गया के दंपति ने लिया गोद

पति-पत्नी ने विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में ऑनलाइन आवेदन किया. ऑनलाइन आवेदन के बाद संस्था से बुलावा आया. उसके बाद सभी कागजी प्रक्रिया पूरा करने के बाद बच्चे को गोद दे दिया गया.

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Published : Jan 7, 2021, 1:24 PM IST

कैमूर
कैमूर

कैमूरः बाल संरक्षण इकाई द्वारा संचालित भभुआ के विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में पल रहे 6 महीने के आदित्य राज को बुधवार को ममता की छांव मिल गई. गया के रहने वाले एक दंपति मनीष सिन्हा और प्रियंका श्रीवास्तव ने उसे गोद ले लिया.

गोद लेने के बाद दंपति की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. बच्चे को लेने के बाद दंपति ने कहा कि हम दोनों की शादी 2009 में हुई थी. मनीष श्रीवास्तव एक कंपनी में रीजनल टीम मैनेजर के रूप में कार्यरत हैं. वहीं प्रियंका श्रीवास्तव गृहणी हैं.

अखबार के जरिए मिली थी बच्चे की जानकारी
शादी होने के 10 साल बाद भी उन्हें बच्चा नहीं हुआ तो दोनों काफी चिंतित रहने लगे. लेकिन अखबार के जरिए यह मालूम चला कि विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में पल रहे बच्चे को गोद लेकर अपना बना सकते हैं.

बच्चे को गोद लेते दंपति
बच्चे को गोद लेते दंपति

इसके बाद पति-पत्नी ने विचार कर ऑनलाइन आवेदन किया. ऑनलाइन आवेदन के बाद संस्था से बुलावा आया. उसके बाद सभी कागजी प्रक्रिया पूरा करने के बाद बच्चे को गोद दे दिया गया.

बक्सर से बरामद हुआ था आदित्य राज
इस संबंध में जानकारी देते हुए बाल संरक्षण इकाई की सहायक निर्देशक अंजलीका कृति ने कहा कि विगत वर्ष 6 जून को आदित्य राज बक्सर से बरामद हुआ था. बरामद बच्चे को बुधवार को गया कि दंपति ने गोद ले लिया. अभी संस्थान में 5 लड़के और 5 लड़कियों का पालन पोषण हो रहा है.

कैमूरः बाल संरक्षण इकाई द्वारा संचालित भभुआ के विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में पल रहे 6 महीने के आदित्य राज को बुधवार को ममता की छांव मिल गई. गया के रहने वाले एक दंपति मनीष सिन्हा और प्रियंका श्रीवास्तव ने उसे गोद ले लिया.

गोद लेने के बाद दंपति की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. बच्चे को लेने के बाद दंपति ने कहा कि हम दोनों की शादी 2009 में हुई थी. मनीष श्रीवास्तव एक कंपनी में रीजनल टीम मैनेजर के रूप में कार्यरत हैं. वहीं प्रियंका श्रीवास्तव गृहणी हैं.

अखबार के जरिए मिली थी बच्चे की जानकारी
शादी होने के 10 साल बाद भी उन्हें बच्चा नहीं हुआ तो दोनों काफी चिंतित रहने लगे. लेकिन अखबार के जरिए यह मालूम चला कि विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में पल रहे बच्चे को गोद लेकर अपना बना सकते हैं.

बच्चे को गोद लेते दंपति
बच्चे को गोद लेते दंपति

इसके बाद पति-पत्नी ने विचार कर ऑनलाइन आवेदन किया. ऑनलाइन आवेदन के बाद संस्था से बुलावा आया. उसके बाद सभी कागजी प्रक्रिया पूरा करने के बाद बच्चे को गोद दे दिया गया.

बक्सर से बरामद हुआ था आदित्य राज
इस संबंध में जानकारी देते हुए बाल संरक्षण इकाई की सहायक निर्देशक अंजलीका कृति ने कहा कि विगत वर्ष 6 जून को आदित्य राज बक्सर से बरामद हुआ था. बरामद बच्चे को बुधवार को गया कि दंपति ने गोद ले लिया. अभी संस्थान में 5 लड़के और 5 लड़कियों का पालन पोषण हो रहा है.

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