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अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम को लेकर कार्यशाला का आयोजन, गलत इस्तेमाल नहीं करने की हिदायत

एसपी ने सभी थाना प्रभारी को अनुसूचित जनजाति अत्याचार से जुड़े लंबित मामलों को जल्द निष्पादित करने का निर्देश दिया. साथ ही ये भी कहा गया कि निर्दोष आदमी को इसमें ना फसाया जाए.

मीटिंग
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Published : Sep 3, 2020, 7:16 AM IST

जहानाबादः समाहरणालय के सभाकक्ष में अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी नवीन कुमार और एसपी मीनू कुमारी ने की.

मीटिंग के दौरान मौजूद प्रशासनिक अधिकारी
मीटिंग के दौरान मौजूद प्रशासनिक अधिकारी

कानून का उल्लंघन करने वालों को सख्त सजा
इस कार्यशाला में जिले के सभी थाना प्रभारी और अनुसूचित जनजाति के पीपी मौजूद थे. सभी को अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत नियम और कानूनों को बताया गया. लोगों को ये भी बताया गया कि इस कानून का गलत इस्तेमाल नहीं किया जाए. ये भी बताया गया कि जो इस कानून का उल्लंघन करे उसको कैसे सजा दिलाई जाए.

अधकारियों को जानकारी देते डीएम और एसपी
अधकारियों को जानकारी देते डीएम और एसपी

सभी बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा
इस कानून में पीड़ितों को मुआवजा भी दिलाने का नियम है. सभी थाना प्रभारी को यह बताया गया कि गवाहों का बयान किस तरह से डायरी में लिखा जाए. जिले में अभी तक जितने भी कांड दर्ज किए गए हैं, उन सभी की समीक्षा भी की गई.

कार्यशाला में मौजूद प्रशासनिक अधिकारी

ये भी पढ़ेंः स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव का दावा- कोरोना रिकवरी रेट में बिहार होगा देश में नम्बर 1

जो कांड लंबित पड़े हैं उसे जल्द से जल्द निष्पादन करने का भी एसपी ने सभी थाना प्रभारी को निर्देश दिया. डीएम ने बताया कि निर्दोष आदमी को फसाया नहीं जाए और दोषी आदमी को दंडित होने से बचाया नहीं जाए. इन्हीं तमाम चिजों की जानकारी कार्यशाला में उपस्थित सभी लोगों को दी गई.

जहानाबादः समाहरणालय के सभाकक्ष में अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी नवीन कुमार और एसपी मीनू कुमारी ने की.

मीटिंग के दौरान मौजूद प्रशासनिक अधिकारी
मीटिंग के दौरान मौजूद प्रशासनिक अधिकारी

कानून का उल्लंघन करने वालों को सख्त सजा
इस कार्यशाला में जिले के सभी थाना प्रभारी और अनुसूचित जनजाति के पीपी मौजूद थे. सभी को अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत नियम और कानूनों को बताया गया. लोगों को ये भी बताया गया कि इस कानून का गलत इस्तेमाल नहीं किया जाए. ये भी बताया गया कि जो इस कानून का उल्लंघन करे उसको कैसे सजा दिलाई जाए.

अधकारियों को जानकारी देते डीएम और एसपी
अधकारियों को जानकारी देते डीएम और एसपी

सभी बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा
इस कानून में पीड़ितों को मुआवजा भी दिलाने का नियम है. सभी थाना प्रभारी को यह बताया गया कि गवाहों का बयान किस तरह से डायरी में लिखा जाए. जिले में अभी तक जितने भी कांड दर्ज किए गए हैं, उन सभी की समीक्षा भी की गई.

कार्यशाला में मौजूद प्रशासनिक अधिकारी

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जो कांड लंबित पड़े हैं उसे जल्द से जल्द निष्पादन करने का भी एसपी ने सभी थाना प्रभारी को निर्देश दिया. डीएम ने बताया कि निर्दोष आदमी को फसाया नहीं जाए और दोषी आदमी को दंडित होने से बचाया नहीं जाए. इन्हीं तमाम चिजों की जानकारी कार्यशाला में उपस्थित सभी लोगों को दी गई.

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