जहानाबाद: जहानाबाद में अवैध शराब कारोबारी (Illegal liquor traders in Jehanabad) के सजा के मामले की सुनवाई करते हुए अनन्य उत्पाद न्यायालय के न्यायाधीश राकेश कुमार की अदालत ने उषा देवी, शिव वरती देवी, सुनील मांझी तथा रामाधार मांझी को बिहार उत्पाद मध निषेध अधिनियम की धारा 30 ए के तहत दोषी करार देते हुए पाँच साल का सश्रम कारावास और एक लाख रुपए जुर्माना भुगतान करने का फैसला सुनाया है. जुर्माने की राशि का भुगतान नहीं करने पर सभी आरोपियों को 6 महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
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अवैध शराब निर्माण की बिक्री के कारण मिली सजा: विशेष लोक अभियोजक उत्पाद प्रमोद कुमार के मुताबिक इस मामले में किंजर थाने में पदस्थापित सहायक अवर निरीक्षक राजेंद्र प्रसाद यादव ने किंजर थाना क्षेत्र के शांतिपुरम अकोला मुसहरी निवासी उषा देवी, शिव वरती देवी, सुनील मांझी तथा बारहमाइल मुसहरी निवासी रामाधार मांझी को नामजद कर कांड संख्या 104/21 प्राथमिकी दर्ज कराया था. दर्ज प्राथमिकी में सूचक ने आरोप लगाया था कि 19 नवंबर 2021 को अवैध शराब निर्माण बिक्री करने वालों के खिलाफ छापामारी दल का गठन कर अभियान चलाया गया था.
देसी शराब की हुआ था बरामद: इस क्रम में शांतिपुरम अकोला मुसहरी निवासी उषा देवी के घर की तलाशी लेने पर गैलन में 5 लीटर देसी महुआ शराब तथा दो गैलन में भरा हुआ सौ लीटर जावा महुआ बरामद किया गया. जबकि शिव वरती देवी के घर की तलाशी लेने पर 2 लीटर वाले प्लास्टिक के 5 बोतल में 10 लीटर देसी महुआ शराब बरामद हुआ था. जबकि सुनील मांझी के घर की तलाशी लेने पर 5 लीटर देशी महुआ शराब तथा 200 लीटर जावा महुआ बरामद किया गया था. इधर बारहमाइल मुसहरी स्थित रामाधार मांझी के घर की तलाशी लेने पर 5 लीटर महुआ शराब तथा 30 लीटर जावा महुआ बरामद किया गया था. इस मामले में अभियोजन जन की तरफ से कुल 7 गवाह न्यायालय के समक्ष पेश किए गए थे.
बिहार में हो रहा है शराब का अवैध कारोबार: बिहार में सरकार के द्वारा पूर्ण शराबबंदी (liquor ban in bihar) अभियान को पूरी तरह से लागू करने के लिए तरह तरह का अभियान चला रही है. लेकिन शराब कारोबारी, तस्कर, और शराबी भी पुलिस से छिपकर शराब कारोबार करने से बाज नही आ रहे है.
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