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जमुई: एक दशक बाद भी अधूरा है छछुडीह गांव का पुल, ग्रामीणों को हो रही परेशानी

चकाई प्रखंड के रामचंद्रडीह पंचायत अंतर्गत छछुडीह गांव में आवागमन के लिए पुल का कार्य वर्षों से अधूरा रहने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है.

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Published : Aug 3, 2020, 8:51 PM IST

Updated : Aug 11, 2020, 11:59 PM IST

jamui
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जमुई: जिले के चकाई प्रखंड के रामचंद्रडीह पंचायत अंतर्गत छछुडीह गांव के लोगों को आज भी आवागमन के लिए अधूरा पुल बनने का इंतजार है. यहां के ग्रामीण अधूरा पुल बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाकर थक चुके हैं. छछुडीह गांव से प्रखंड मुख्यालय जाने के रास्ते में कोरियाटांड गांव के समीप बीते एक दशक से पुल अधूरा रहने से यहां के लोगों को आवागमन में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2011 में मुख्यमंत्री सेतु योजना के तहत लगभग ग्यारह लाख की लागत से जोरिया पर पुल निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया था. तत्कालीन विधायक फाल्गुनी प्रसाद यादव द्वारा बड़े तामझाम के साथ निर्माण कार्य का शिलान्यास भी कराया गया. क्षेत्र के लोगों में यह आस जगी थी कि पुल बन जाने से आवागमन में आसानी होगी.

अधूरा पुल
अधूरा पुल

संवेदक ने कार्य को छोड़ दिया अधूरा
लेकिन कुछ माह बाद ग्रामीणों की यह आशा उस वक्त टूटने लगी जब संवेदक द्वारा मात्र पिलर खड़ा करके ही काम बंद कर दिया गया. इस बीच विधायक फाल्गुनी प्रसाद यादव का भी देहांत हो गया. जिससे पुल बनने की उम्मीद भी खत्म हो गई. वहीं कार्य अधूरा छोड़ दिए जाने के कारण लोगों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.

देखें रिपोर्ट

ग्रामीणों को हो रही परेशानी
ग्रामीणों ने बताया कि अब तक 2 लोगों की मौत पुल के समीप गिरने से हो गई. उन्होंने बताया कि कई बार अधूरा पुल बनाने के लिए क्षेत्रीय नेताओं से लेकर अधिकारियों तक गुहार लगाई. लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है. जिसके कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं इस संबंध में कार्यपालक अभियंता आरईओ प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि उनकी जानकारी में बात आई है. उन्होंने कहा कि पुल के निर्माण में लगभग आठ लाख राशि की निकासी हुई है. फिलहाल योजना को बंद कर दिया गया है.

जमुई: जिले के चकाई प्रखंड के रामचंद्रडीह पंचायत अंतर्गत छछुडीह गांव के लोगों को आज भी आवागमन के लिए अधूरा पुल बनने का इंतजार है. यहां के ग्रामीण अधूरा पुल बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाकर थक चुके हैं. छछुडीह गांव से प्रखंड मुख्यालय जाने के रास्ते में कोरियाटांड गांव के समीप बीते एक दशक से पुल अधूरा रहने से यहां के लोगों को आवागमन में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2011 में मुख्यमंत्री सेतु योजना के तहत लगभग ग्यारह लाख की लागत से जोरिया पर पुल निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया था. तत्कालीन विधायक फाल्गुनी प्रसाद यादव द्वारा बड़े तामझाम के साथ निर्माण कार्य का शिलान्यास भी कराया गया. क्षेत्र के लोगों में यह आस जगी थी कि पुल बन जाने से आवागमन में आसानी होगी.

अधूरा पुल
अधूरा पुल

संवेदक ने कार्य को छोड़ दिया अधूरा
लेकिन कुछ माह बाद ग्रामीणों की यह आशा उस वक्त टूटने लगी जब संवेदक द्वारा मात्र पिलर खड़ा करके ही काम बंद कर दिया गया. इस बीच विधायक फाल्गुनी प्रसाद यादव का भी देहांत हो गया. जिससे पुल बनने की उम्मीद भी खत्म हो गई. वहीं कार्य अधूरा छोड़ दिए जाने के कारण लोगों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.

देखें रिपोर्ट

ग्रामीणों को हो रही परेशानी
ग्रामीणों ने बताया कि अब तक 2 लोगों की मौत पुल के समीप गिरने से हो गई. उन्होंने बताया कि कई बार अधूरा पुल बनाने के लिए क्षेत्रीय नेताओं से लेकर अधिकारियों तक गुहार लगाई. लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है. जिसके कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं इस संबंध में कार्यपालक अभियंता आरईओ प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि उनकी जानकारी में बात आई है. उन्होंने कहा कि पुल के निर्माण में लगभग आठ लाख राशि की निकासी हुई है. फिलहाल योजना को बंद कर दिया गया है.

Last Updated : Aug 11, 2020, 11:59 PM IST
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