जमुई: सदर अस्पताल में रविवार की देर रात महिला चिकित्सक द्वारा प्रसूता का ऑपरेशन से मना करने और बदसलूकी करने के विरोध में परिजनों ने जम कर हंगामा किया. अस्पताल परिसर में हंगामे की जानकारी मिलते ही सदर अस्पताल प्रबंधक रमेश पांडेय ने मौके पर पहुंचकर हंगामा कर रहे लोगों को जल्द ऑपरेशन कर प्रसव कराने का आश्वासन दिया. जिसके बाद परिजन शांत हुए.
जानकारी के अनुसार शहर के निमारंग मोहल्ला निवासी और आशा फैसिलिटेटर उषा देवी अपनी पुत्री आशा देवी को प्रसव कराने के लिए रविवार की दोपहर सदर अस्पताल लायी. जहां मौजूद महिला चिकित्सक श्वेता सिंह ने जांच के बाद उसे सिजेरियन ऑपरेशन करने की सलाह दी. वहीं आशा फैसिलिटेटर ने कहा की उसके परिजन कुछ घंटे में आने वाले हैं. आशा फैसिलिटेटर ने ऑपरेशन के लिए उनका इंतजार करने का अनुरोध किया. वहीं इस बात से नाराज होकर महिला चिकित्सक ने मरीज के परिजनों को बाद में सिजेरियन नहीं करने की धमकी दी.
![जानकारी देती प्रसूता की मां](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-jam01-hungama-7209028_07092020001944_0709f_00000_736.jpg)
पैर पकड़कर ऑपरेशन करने की लगायी गुहार
वहीं जब प्रसूता की हालत बिगड़ने लगी तो उसकी मां उषा देवी ने महिला चिकित्सक श्वेता सिंह के पैर पकड़ते हुए जल्द से जल्द आपरेशन करने की बात कही. लेकिन चिकित्सक ने एक नई सुनी. उल्टे उन्हें फटकार लगाते हुए दूसरे निजी अस्पताल ले जाने की बात कही. जबकि प्रसूता की मां दोबारा हाथ जोड़ गुहार लगाती रही. लेकिन महिला चिकित्सक ने बदसलूकी करते हुए उन्हें सिजेरियन करने से मना कर दिया. वहीं प्रसूता की हालत गंभीर होने पर परिजनों ने महिला चिकित्सक के खिलाफ सदर अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया.
अस्पताल प्रबंधक ने पुरुष चिकित्सक से कराया ऑपरेशन
सदर अस्पताल परिसर में हंगामे की जानकारी मिलते ही अस्पताल प्रबंधक रमेश पांडेय मौके पर पहुंचे. उन्होंने हंगामा कर रहे लोगों को जल्द ऑपरेशन कर प्रसव कराने का आश्वासन दिया. जिसके बाद परिजन शांत हुए. सदर अस्पताल चिकित्सक डॉक्टर मनीष आनंद, डॉ नागेंद्र कुमार और डॉ नौशाद ने मौके पर पहुंचकर प्रसूता का सिजेरियन कराया. इस बाबत उषा देवी ने बताया की एक आशा कर्मी के साथ इस तरह की घटना होती है तो सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि आम लोगों के साथ किस तरीके का व्यवहार किया जाता होगा.