ETV Bharat / state

लॉकडाउन इफेक्ट: एक बार फिर आर्थिक संकट का सामना करने को मजबूर रिक्शा चालक

पूरे देश में कोरोना महामारी का संक्रमण काफी तेजी से बढ़ रहा है. संभावित खतरे को देखते हुए बिहार सरकार ने 16 जुलाई से 31 जुलाई तक पूरे बिहार में लॉकडाउन लागू कर दिया है.

जमुई
जमुई
author img

By

Published : Jul 18, 2020, 3:51 PM IST

जमुई: कोरोना त्रासदी के कारण अर्थव्यवस्था पूरी तरह से लुढ़क गई है. लगातार 3 महीने के बाद एक बार फिर लागू किए गए लॉकडाउन की वजह से करोड़ों का व्यापार पूरी तरह से लड़खड़ा गया है. वहीं, दैनिक मजदूरी करने वाले, फुटपाथ पर ठेला लगाने वाले और रिक्शा चालक भी परेशान हैं. इस त्रासदी के कारण हजारों लोगों की रोजी-रोटी पर एक बार फिर से संकट उत्पन्न होने लगी है.

इस दौरान जिले के दर्जनों से रिक्शा चालक अब भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं. रिक्शा चालक कुंदन कुमार ने बताया कि पहली बार जब लॉकडाउन लागू किया गया था. तब उस वक्त जिला प्रशासन और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हम लोगों को राशन सहित अन्य सामग्री देकर काफी सहयोग किया गया था. जिससे हम लोगों को परिवार के भरण-पोषण में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सामाजिक कार्यकर्ताओं का भी नहीं मिल रहा सहयोग
रिक्शा चालक ने बताया कि फिर से लॉकडाउन लागू होने पर दोबारा हमें सवारी नहीं मिल रहा है. जिससे एक बार फिर से हम लोगों के सामने विकट परिस्थिति उत्पन्न हो गई है. वहीं रिक्शा चालक संजय मोदी ने बताया कि लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा हम लोग प्रभावित हैं. हम लोगों को जिला प्रशासन और सामाजिक कार्यकर्ताओं का भी अब सहयोग नहीं मिल पा रहा है.

दैनिक मजदूर हुए प्रभावित
गौरतलब है कि पूरे देश में कोरोना महामारी काफी तेजी से बढ़ रहा है. संभावित खतरे को देखते हुए बिहार सरकार ने 16 जुलाई से 31 जुलाई तक पूरे बिहार में लॉकडाउन लागू कर दिया है. जिससे एक बार फिर से काफी लोग प्रभावित हैं. वहीं इसका असर सबसे ज्यादा दैनिक मजदूरों पर पड़ रहा है. उनके सामने परिवार के भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

जमुई: कोरोना त्रासदी के कारण अर्थव्यवस्था पूरी तरह से लुढ़क गई है. लगातार 3 महीने के बाद एक बार फिर लागू किए गए लॉकडाउन की वजह से करोड़ों का व्यापार पूरी तरह से लड़खड़ा गया है. वहीं, दैनिक मजदूरी करने वाले, फुटपाथ पर ठेला लगाने वाले और रिक्शा चालक भी परेशान हैं. इस त्रासदी के कारण हजारों लोगों की रोजी-रोटी पर एक बार फिर से संकट उत्पन्न होने लगी है.

इस दौरान जिले के दर्जनों से रिक्शा चालक अब भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं. रिक्शा चालक कुंदन कुमार ने बताया कि पहली बार जब लॉकडाउन लागू किया गया था. तब उस वक्त जिला प्रशासन और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हम लोगों को राशन सहित अन्य सामग्री देकर काफी सहयोग किया गया था. जिससे हम लोगों को परिवार के भरण-पोषण में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सामाजिक कार्यकर्ताओं का भी नहीं मिल रहा सहयोग
रिक्शा चालक ने बताया कि फिर से लॉकडाउन लागू होने पर दोबारा हमें सवारी नहीं मिल रहा है. जिससे एक बार फिर से हम लोगों के सामने विकट परिस्थिति उत्पन्न हो गई है. वहीं रिक्शा चालक संजय मोदी ने बताया कि लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा हम लोग प्रभावित हैं. हम लोगों को जिला प्रशासन और सामाजिक कार्यकर्ताओं का भी अब सहयोग नहीं मिल पा रहा है.

दैनिक मजदूर हुए प्रभावित
गौरतलब है कि पूरे देश में कोरोना महामारी काफी तेजी से बढ़ रहा है. संभावित खतरे को देखते हुए बिहार सरकार ने 16 जुलाई से 31 जुलाई तक पूरे बिहार में लॉकडाउन लागू कर दिया है. जिससे एक बार फिर से काफी लोग प्रभावित हैं. वहीं इसका असर सबसे ज्यादा दैनिक मजदूरों पर पड़ रहा है. उनके सामने परिवार के भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.