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जमुई: रेलवे ने सादगी के साथ आयोजित की विश्वकर्मा पूजा - Jhajha's railway department

कोरोना काल को देखते हुए झाझा में अलग-अलग रेलवे विभाग में रेलकर्मियों ने सादगी के साथ भगवान विश्वकर्मा की पूजा की. यहांं वर्षो से 16 सितंबर को पूजा होते आ रही है.

भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते रेलकर्मी
भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते रेलकर्मी
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Published : Sep 16, 2020, 10:20 PM IST

जमुई(झाझा): भगवान विश्वकर्मा की पूजा झाझा रेलवे विभाग मे बुधवार को सादगी के साथ संपन्न किया गया. हालांकि, कोरोना काल को देखते हुये विभाग के पदाधिकारी, रेलकर्मियों ने सरकारी नियमों का पालन करते हुये ना भव्य पंडाल का निर्माण करवाया और ना ही भव्य प्रतिमा की स्थापना की.

विभाग में हुई पूजा
झाझा रेलवे, आईओडब्लू, पावर हाॅउस, कैरेज एंड वैगन, क्रूलोबी, दूर संचार विभाग, मेमू शेड आदि विभागों में भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर या फिर छोटी प्रतिमा विराजमान करते हुये पूरी श्रद्धा के साथ पूजा पाठ कर सुखमय जीवन की कामना की. इस दौरान रेलकर्मीयो ने विभाग मे रखे मशीन, उपकरण, औजार की भी पूजा की.

सरकारी नियमों का किया गया पालन
रेलकर्मी भोला यादव, संतोष कुमार, सियाराम कुमार, सुनील कुमार, जेई अनिल कुमार, आईओडब्लू ए हेम्ब्रम ने बताया कि कोरोना वैश्विक महामारी को देखते हुए सरकार के दिए गए नियमों का पालन कर इस बार विभाग में पूजा अर्चना सादगी के साथ संपन्न किया जा रहा है.

भगवान विश्वकर्मा को माना जाता है वास्तुकार
आगे उनलोगों ने बताया कि सृष्टि की रचना मे भगवान ब्रह्मा की सहायता भगवान विश्वकर्मा ने की थी. विश्वकर्मा को पहला वास्तुकार भी माना जाता है, जो भी लोग भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना करते है. उन पर वे हमेशा अपनी कृपा बनाये रखते है.

आजादी के पूर्व से यह 16 सितंबर को होती है पूजा
आजादी के पूर्व से ही झाझा के रेलवे विभाग में प्रत्येक वर्ष 16 सितंबर को ही भगवान विश्वकर्मा की पूजा धूमधाम से होते आ रही है. जिसकी प्रसिद्धि पूरे दानापुर रेल मंडल में फैला हुआ है, लेकिन इस बार कोरोना के बढ़ते खतरे को देखकर विभाग ने पूजा धूमधाम से न मनाने का निर्णय लिया था. इसलिए विश्वकर्मा पूजा पर भव्य पंडाल, भव्य मेला का आयोजन नहीं हो पाया.

जमुई(झाझा): भगवान विश्वकर्मा की पूजा झाझा रेलवे विभाग मे बुधवार को सादगी के साथ संपन्न किया गया. हालांकि, कोरोना काल को देखते हुये विभाग के पदाधिकारी, रेलकर्मियों ने सरकारी नियमों का पालन करते हुये ना भव्य पंडाल का निर्माण करवाया और ना ही भव्य प्रतिमा की स्थापना की.

विभाग में हुई पूजा
झाझा रेलवे, आईओडब्लू, पावर हाॅउस, कैरेज एंड वैगन, क्रूलोबी, दूर संचार विभाग, मेमू शेड आदि विभागों में भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर या फिर छोटी प्रतिमा विराजमान करते हुये पूरी श्रद्धा के साथ पूजा पाठ कर सुखमय जीवन की कामना की. इस दौरान रेलकर्मीयो ने विभाग मे रखे मशीन, उपकरण, औजार की भी पूजा की.

सरकारी नियमों का किया गया पालन
रेलकर्मी भोला यादव, संतोष कुमार, सियाराम कुमार, सुनील कुमार, जेई अनिल कुमार, आईओडब्लू ए हेम्ब्रम ने बताया कि कोरोना वैश्विक महामारी को देखते हुए सरकार के दिए गए नियमों का पालन कर इस बार विभाग में पूजा अर्चना सादगी के साथ संपन्न किया जा रहा है.

भगवान विश्वकर्मा को माना जाता है वास्तुकार
आगे उनलोगों ने बताया कि सृष्टि की रचना मे भगवान ब्रह्मा की सहायता भगवान विश्वकर्मा ने की थी. विश्वकर्मा को पहला वास्तुकार भी माना जाता है, जो भी लोग भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना करते है. उन पर वे हमेशा अपनी कृपा बनाये रखते है.

आजादी के पूर्व से यह 16 सितंबर को होती है पूजा
आजादी के पूर्व से ही झाझा के रेलवे विभाग में प्रत्येक वर्ष 16 सितंबर को ही भगवान विश्वकर्मा की पूजा धूमधाम से होते आ रही है. जिसकी प्रसिद्धि पूरे दानापुर रेल मंडल में फैला हुआ है, लेकिन इस बार कोरोना के बढ़ते खतरे को देखकर विभाग ने पूजा धूमधाम से न मनाने का निर्णय लिया था. इसलिए विश्वकर्मा पूजा पर भव्य पंडाल, भव्य मेला का आयोजन नहीं हो पाया.

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