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'मैं जिंदा हूं' मुझे पेंशन दो- बुजुर्ग की अधिकारियों से गुहार

जमुई के सिकंदरा प्रखण्ड के अधिकारियों की लापरवाही के चलते पेंशन नहीं मिलने से बुजुर्ग महिला 6 साल से कार्यालयों का चक्कर लगा रही हैं. दरअसल कागजों में अधिकारियों ने उन्हें मृत दिखा दिया है. जिससे खुद को जिन्दा साबित करने के लिए वह दौड़ लगा रही हैं. लेकिन कहीं भी उनकी सुनवाई नही हो रही.

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Published : Aug 19, 2021, 8:25 PM IST

बुजुर्ग
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जमुई: जिले के सिकंदरा प्रखण्ड (Sikandra Block) के नवकाडीह गांव से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां अधिकारियों की लापरवाही (Negligence of Officials) ने जिन्दा बुजुर्ग महिला को मार दिया है. जिससे उन्हें 6 साल से पेंशन नहीं मिल रही है और वो लगातार अधिकारियों के सामने अपनी अर्जी लगा रही हैं. लेकिन कहीं भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. हर तरफ फजीहत होने पर अब बीडीओ जांच की बात कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- जब तक जगदानंद सिंह पर कार्रवाई नहीं होगी, पार्टी के किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे: तेज प्रताप

जानकारी के अनुसार सिकंदरा प्रखण्ड के नवकाडीह गांव की रहने वाली कपूरवा देवी (86) छह साल पहले पेंशन मिलना शुरू हुई थी. कुछ दिनों बाद से उनके खाते में पेंशन की राशि आना बंद हो गयी. जिसके बाद वो लगातार बैंक के चक्कर लगायी तो वहां बताया गया कि पेंशन नहीं आ रही है. जिसके बाद वह प्रखंड कार्यालय जाकर पता की तो वहां पता लगा कि उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है. जिसके चलते पेंशन की राशि उन्हें नहीं मिल रही है. खुद को जिन्दा साबित करने के लिए उन्होंने अधिकारियों के कार्यालय का लगातार चक्कर लगाया. लेकिन उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हुई.

बुजुर्ग कपूरवा देवी ने बताया कि 2015 से अब तक पेंशन की राशि नहीं मिली है. पड़ोस की महिलाओं की पेंशन आने की जानकारी मिलने पर कई दफा बैंकों का चक्कर लगाया. वहां बताया गया कि आपकी पेंशन नहीं आ रही है. थक हारकर जब प्रखण्ड कार्यालय गयी तो आरटीपीएस काउंटर पर मौजूद डाटा ऑपरेटर ने बताया कि कागजों में आपको मृत दिखाया गया है. डाटा ऑपरेटर से पूछा कि मैं तो जिंदा हूँ फिर मुझे क्यों मार दिया गया. इस पर डाटा ऑपरेटर ने कहा कि विभाग की सूची में आपको मृत घोषित कर दिया गया है. उसने फिर से आवेदन करने की बात कही.

ये भी पढ़ें- तेज प्रताप ने जगदानंद सिंह की हैसियत पर उठाए सवाल, कहा- हिम्मत है तो मुझ पर कार्रवाई कर के दिखाएं


बता दें कि पिछले वर्ष भी बीडीओ ने मामले की जांच कराने की बात कही थी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पायी. लिहाजा वृद्ध महिला पेंशन नहीं मिलने से दुखी होकर राहगीरों से अपनी वृद्धा पेंशन चालू करवाने की गुहार लगा रही हैं और कह रही हैं मैं जिंदा हूँ मेरी पेंशन बहाल करवा दो. विभाग की लापरवाही का खामियाजा लाचार वृद्ध महिला को चुकानी पड़ रही है. खुद को जीवित साबित करने के लिए 86 साल की वृद्ध पिछले छह साल से संघर्ष कर रही है.

'मेरे संज्ञान में इस तरह की जानकारी नहीं है. अगर जिंदा रहते मृत कर दिया गया है तो इसकी पूरी जांच की जाएगी. नियमावली के तहत पीड़ित महिला को पेंशन भुगतान किया जाएगा' -राजीव रंजन, बीडीओ सिकन्दरा

जमुई में जिंदा को मुर्दा घोषित कर देने की ये कोई पहली घटना नहीं है. कुछ दिन पहले ही ईटीवी भारत ने एक मामले का खुलासा किया था. जिले के टाउन थाना क्षेत्र के लोहरा गांव के बुजुर्ग नौरंगी महतो के जिंदा होने पर भी पुलिस ने मृत घोषित कर रिपोर्ट पेश की थी. जिसमें पुलिस की काफी फजीहत भी हुई थी. अब देखना होगा कि जांच के बाद उन्हें पेंशन मिल पाती है या जांच केवल खानापूर्ति ही बनकर रह जाएगी.

ये भी पढ़ें- RJD में कोल्ड वार: BJP ने कहा- अपने ही अर्जुन के बाणों के शिकार हो गए हैं तेजप्रताप

जमुई: जिले के सिकंदरा प्रखण्ड (Sikandra Block) के नवकाडीह गांव से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां अधिकारियों की लापरवाही (Negligence of Officials) ने जिन्दा बुजुर्ग महिला को मार दिया है. जिससे उन्हें 6 साल से पेंशन नहीं मिल रही है और वो लगातार अधिकारियों के सामने अपनी अर्जी लगा रही हैं. लेकिन कहीं भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. हर तरफ फजीहत होने पर अब बीडीओ जांच की बात कर रहे हैं.

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जानकारी के अनुसार सिकंदरा प्रखण्ड के नवकाडीह गांव की रहने वाली कपूरवा देवी (86) छह साल पहले पेंशन मिलना शुरू हुई थी. कुछ दिनों बाद से उनके खाते में पेंशन की राशि आना बंद हो गयी. जिसके बाद वो लगातार बैंक के चक्कर लगायी तो वहां बताया गया कि पेंशन नहीं आ रही है. जिसके बाद वह प्रखंड कार्यालय जाकर पता की तो वहां पता लगा कि उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है. जिसके चलते पेंशन की राशि उन्हें नहीं मिल रही है. खुद को जिन्दा साबित करने के लिए उन्होंने अधिकारियों के कार्यालय का लगातार चक्कर लगाया. लेकिन उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हुई.

बुजुर्ग कपूरवा देवी ने बताया कि 2015 से अब तक पेंशन की राशि नहीं मिली है. पड़ोस की महिलाओं की पेंशन आने की जानकारी मिलने पर कई दफा बैंकों का चक्कर लगाया. वहां बताया गया कि आपकी पेंशन नहीं आ रही है. थक हारकर जब प्रखण्ड कार्यालय गयी तो आरटीपीएस काउंटर पर मौजूद डाटा ऑपरेटर ने बताया कि कागजों में आपको मृत दिखाया गया है. डाटा ऑपरेटर से पूछा कि मैं तो जिंदा हूँ फिर मुझे क्यों मार दिया गया. इस पर डाटा ऑपरेटर ने कहा कि विभाग की सूची में आपको मृत घोषित कर दिया गया है. उसने फिर से आवेदन करने की बात कही.

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'मेरे संज्ञान में इस तरह की जानकारी नहीं है. अगर जिंदा रहते मृत कर दिया गया है तो इसकी पूरी जांच की जाएगी. नियमावली के तहत पीड़ित महिला को पेंशन भुगतान किया जाएगा' -राजीव रंजन, बीडीओ सिकन्दरा

जमुई में जिंदा को मुर्दा घोषित कर देने की ये कोई पहली घटना नहीं है. कुछ दिन पहले ही ईटीवी भारत ने एक मामले का खुलासा किया था. जिले के टाउन थाना क्षेत्र के लोहरा गांव के बुजुर्ग नौरंगी महतो के जिंदा होने पर भी पुलिस ने मृत घोषित कर रिपोर्ट पेश की थी. जिसमें पुलिस की काफी फजीहत भी हुई थी. अब देखना होगा कि जांच के बाद उन्हें पेंशन मिल पाती है या जांच केवल खानापूर्ति ही बनकर रह जाएगी.

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