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लापरवाही: जमुई सदर अस्पताल के पोर्टिको में तड़पती रही गर्भवती महिला, ई-रिक्शे पर दिया बच्चे को जन्म

जमुई में एक गर्भवती महिला ने ई रिक्शा पर बच्चे को जन्म (Pregnant Woman gave Birth to Child on E Rickshaw) दिया. 30 मिनट तक महिला स्वास्थ्य कर्मी को प्रसूता के परिजन के साथ-साथ आशा कार्यकर्ता बुलाती रहीं. लेकिन, महिला स्वास्थ्यकर्मी गर्भवती महिला को प्रसव कराने नहीं पहुंची. जिसके बाद, प्रसूता ने ई रिक्शा में ही नवजात को जन्म दे दिया. पढ़ें पूरी खबर.

जमुई सदर अस्पताल की हालत खराब
जमुई सदर अस्पताल की हालत खराब
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Published : Feb 8, 2022, 6:42 PM IST

जमुई: बिहार स्वास्थ्य विभाग सदर अस्पताल में प्रार्याप्त व्यवस्था होने का लाख दावा कर रही हो लेकिन जमुई सदर अस्पताल की स्थिति बद से बदतर (Jamui Sadar Hospital Condition is Bad) होती जा रही है. ताजा मामला मंगलवार की सुबह का है जहां शहर के सतगामा गांव निवासी देवेंद्र यादव अपनी प्रसूता पत्नी रंजू देवी को प्रसव पीड़ा होने के बाद उसे ई रिक्शा के जरिए सकुशल प्रसव के लिए सदर अस्पताल लाए. हॉस्पिटल पहुंचने पर वहां कोई भी स्वास्थ्यकर्मी मौके पर मौजूद नहीं मिला. आधा घंटा तक प्रसव पीड़ा से कराहती प्रसूता ने अस्पताल परिसर के पोर्टिको के पास खड़े ई रिक्शा में ही नवजात बच्चे को जन्म दे दिया.

ये भी पढ़ें- जमुई में पिकनिक मनाकर लौट रहे युवक की कार नहर में गिरी, एक की मौत, तीन घायल

मिली जानकारी के अनुसार, अस्पताल के पोर्टिगो के पास 30 मिनट तक प्रसूता के परिजन तथा आशा कार्यकर्ता अस्पताल की दूसरी मंजिल पर स्थित महिला स्वास्थ्य कर्मियों को बुलाती रही लेकिन एक भी स्वास्थ्य कर्मी प्रसव पीड़ा से चिल्ला रही प्रसूता को देखना मुनासिब नहीं समझा. नतीजतन, 30 मिनट तक प्रसव पीड़ा से कराहती प्रसूता ने अस्पताल परिसर के पोर्टिको के पास खड़े ई रिक्शा में ही नवजात बच्चे को जन्म दे दिया. हालांकि मीडियाकर्मियों का आता देख महिला स्वास्थ्यकर्मी दौड़ती हुई नीचे आई और बच्चे के नाभी को काटा.

इतना ही नहीं बल्कि, प्रसव के बाद परिजन खुद स्ट्रेचर पर प्रसूता को लेटाकर उसे दूसरी मंजिल पर ले गए. बता दें कि अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों की सुविधा के लिए केयर इंडिया तथा अन्य एक संस्था के द्वारा स्ट्रेचर मैन की बहाली की गई है. लेकिन, सदर अस्पताल में एक भी स्ट्रेचर मैन पोर्टिको में उपस्थित नहीं रहते जिस कारण यहां इलाज कराने पहुंचने वाले मरीज के परिजन खुद स्ट्रेचर पर मरीज को लेटाकर उसे इमरजेंसी वार्ड, प्रसव कक्ष सहित अन्य वार्डाे में पहुंचाने को मजबूर है.

ऐसा नहीं है कि इस बात की जानकारी अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार भारती को नहीं है. सारी जानकारी होने के बाद भी वरीय पदाधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है जिससे कर्मी अपने कार्य में लापरवाही करते हैं. ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि यदि उक्त प्रसूता महिला के साथ कोई अप्रिय घटना घट जाती तो इसकी जवाबदेही किसकी होती?.


ये भी पढ़ें- जमुई में पुलिस को चकमा देकर अपराधी फरार, ग्रामीणों ने पकड़कर किया था पुलिस के हवाले

ये भी पढ़ें- जमुई में आठ दिनों से लापता बीएड छात्र का शव तालाब से बरामद

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इतना ही नहीं बल्कि, प्रसव के बाद परिजन खुद स्ट्रेचर पर प्रसूता को लेटाकर उसे दूसरी मंजिल पर ले गए. बता दें कि अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों की सुविधा के लिए केयर इंडिया तथा अन्य एक संस्था के द्वारा स्ट्रेचर मैन की बहाली की गई है. लेकिन, सदर अस्पताल में एक भी स्ट्रेचर मैन पोर्टिको में उपस्थित नहीं रहते जिस कारण यहां इलाज कराने पहुंचने वाले मरीज के परिजन खुद स्ट्रेचर पर मरीज को लेटाकर उसे इमरजेंसी वार्ड, प्रसव कक्ष सहित अन्य वार्डाे में पहुंचाने को मजबूर है.

ऐसा नहीं है कि इस बात की जानकारी अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार भारती को नहीं है. सारी जानकारी होने के बाद भी वरीय पदाधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है जिससे कर्मी अपने कार्य में लापरवाही करते हैं. ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि यदि उक्त प्रसूता महिला के साथ कोई अप्रिय घटना घट जाती तो इसकी जवाबदेही किसकी होती?.


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