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जमुई: सदर अस्पताल के SNCU वार्ड में डॉक्टर नहीं होने पर परिजनों ने काटा बवाल

जमुई के सदर अस्पताल में बच्चे की जांच कराने आए परिजनों ने जमकर हंगामा कर दिया. बताया जाता है कि अस्पताल में डॉक्टर के नहीं होने के कारण परिजन परेशान हो गए थे.

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Published : Apr 30, 2020, 1:30 PM IST

जमुई: जिला सदर अस्पताल के विशेष नवजात इकाई केंद्र के डॉक्टर अजय कुमार के क्वारंटीन होने से स्वास्थ्य व्यवस्था में परेशानी आ रही है. इसी असुविधा को लेकर बुधवार को नवजात के परिजनों ने जमकर हंगामा किया. उन्होंने अस्पताल प्रशासन से वैकल्पिक व्यवस्था की मांग करते हुए बवाल काटा.

जानकारी देते हुए सदर प्रखंड के तारडीह निवासी सुलेखा देवी लक्ष्मीपुर पुस्ताहिया निवासी डब्लू तांती ने बताया कि अस्पताल में जन्मे नवजात को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. जिसके बाद डॉक्टर की सलाह पर उसे बुधवार की सुबह सदर अस्पताल के स्पेशल नवजात शिशु इकाई केंद्र में भर्ती कराया गया. लेकिन, वहां मौजूद कर्मचारी ने डॉक्टर नहीं होने की बात कहते हुए परिवार को दूसरी जगह इलाज कराने की सलाह दी.

jamui
जमुई अस्पताल

परिजनों ने आर्थिक रूप से कमजोर होने का दिया हवाला
बच्चे के परिजनों ने बताया कि वे आर्थिक रूप से अक्षम होने के कारण सरकारी अस्पताल में इलाज कराने आए हैं. अगर यहां डॉक्टर नहीं हैं तो सदर अस्पताल प्रबंधन कोई वैकल्पिक व्यवस्था कराए. ताकि आम लोगों को परेशानी ना हो. इस बात की जानकारी जैसे ही सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. सैयद नौशाद अहमद को मिली तो उन्होंने अस्पताल की ओपीडी सेवा में कार्यरत्त डॉ. अरविंद कुमार को नवजात का इलाज करने को कहा. उसके बाद परिजन शांत हुए और मामले को निपटाया गया.

जमुई: जिला सदर अस्पताल के विशेष नवजात इकाई केंद्र के डॉक्टर अजय कुमार के क्वारंटीन होने से स्वास्थ्य व्यवस्था में परेशानी आ रही है. इसी असुविधा को लेकर बुधवार को नवजात के परिजनों ने जमकर हंगामा किया. उन्होंने अस्पताल प्रशासन से वैकल्पिक व्यवस्था की मांग करते हुए बवाल काटा.

जानकारी देते हुए सदर प्रखंड के तारडीह निवासी सुलेखा देवी लक्ष्मीपुर पुस्ताहिया निवासी डब्लू तांती ने बताया कि अस्पताल में जन्मे नवजात को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. जिसके बाद डॉक्टर की सलाह पर उसे बुधवार की सुबह सदर अस्पताल के स्पेशल नवजात शिशु इकाई केंद्र में भर्ती कराया गया. लेकिन, वहां मौजूद कर्मचारी ने डॉक्टर नहीं होने की बात कहते हुए परिवार को दूसरी जगह इलाज कराने की सलाह दी.

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जमुई अस्पताल

परिजनों ने आर्थिक रूप से कमजोर होने का दिया हवाला
बच्चे के परिजनों ने बताया कि वे आर्थिक रूप से अक्षम होने के कारण सरकारी अस्पताल में इलाज कराने आए हैं. अगर यहां डॉक्टर नहीं हैं तो सदर अस्पताल प्रबंधन कोई वैकल्पिक व्यवस्था कराए. ताकि आम लोगों को परेशानी ना हो. इस बात की जानकारी जैसे ही सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. सैयद नौशाद अहमद को मिली तो उन्होंने अस्पताल की ओपीडी सेवा में कार्यरत्त डॉ. अरविंद कुमार को नवजात का इलाज करने को कहा. उसके बाद परिजन शांत हुए और मामले को निपटाया गया.

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