जमुई: विपक्ष के नव निर्माण मोर्चा के गठन को लेकर मंत्री नीरज कुमार के 'बेचैन आत्मा' वाले टिप्पणी पर पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने पलटवार किया है. नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुये पूर्व मंत्री ने कहा कि ये उनकी तिलमिलाहट है. इस मोर्चा के गठन से जातपात, धर्म, अगड़ा-पिछड़ा, हिन्दू-मुस्लिम का उनका जनाधार खिसकने वाला है. जदयू के बारे में उन्होंने कहा कि ये नीतीश के इर्द-गिर्द के कुछ लोगों की प्राइवेट लिमिटेड कंपनी हो गई है.
नरेंद्र सिंह ने कहा कि हम बेचैन आत्मा हैं या शांत आत्मा हैं ये दुनियां अच्छे से जानती है. इन लोगों की तिलमिलाहट की वजह आप अच्छे से समझ सकते हैं. जातपात और हिंदू-मुस्लिम का इनका जनाधार खिसकने वाला है. जिन लोगों को मूर्ख बनाकर ये बंधुआ मजदूर बनाए रखना चाहते थे, यही लोग अब लड़ाई में सामने आने वाले हैं. इस मोर्चा के निर्माण से सारे राजनीतिक दलों में भूचाल आ गया है. हम जनता को जगाकर जन-आंदोलन और जन-संघर्ष का कार्यक्रम करेंगे.
'धर्म और जातपात है इनका जनाधार'
पूर्व मंत्री ने कहा कि जातपात के आधार पर ही ये लोग कुर्सी पर बैठे रहना चाहते हैं, हमने तो कुर्सियों को छोड़ा है. बेचैन होते तो किसी के आगे नतमस्तक होते, किसी से हाथ मिला लेते, अपने स्वाभिमान को मारकर किसी के दर पर सिर झुकाकर कुर्सी पा जाते. हमने जमुई की धरती के स्वाभिमान को जिंदा रखा है. हम क्रांतिकारी भूमि के लोग हैं. हमको लड़ना होगा तो जी जान से लड़ेंगे.
कई पुरानी बातों को किया उजागर
साथ ही कई पुरानी बातों को उजागर करते हुये नरेंद्र सिंह ने बताया कि 1992 में एक दलित रामसुंदर दास के लिये लालू यादव से लड़ कर मैंने इस्तीफा दे दिया. लालू यादव ने रामसुंदर दास को बेइज्जत किया था. श्रीमान नीतीश कुमार जी को हमने मुख्यमंत्री बनाया. लालू को हटाने के लिए 22 एमएलए लोजपा के और 19 निर्दलीय एमएलए मेरे साथ थे. उनकी पार्टी से बड़ी संख्या थी, चाहते तो मुख्यमंत्री उसी समय बन सकते थे. हम ने ही कहा था कि नीतीश ही मुख्यमंत्री बनें. जब तक नीतीश कुमार सही राह पर चलते रहे, हम उनके साथ रहे. लेकिन टिकटों के बंटवारे से लेकर कई मामलों में जब मनमानी करने लगे तो उनसे मेरी खटपट शुरू हो गई. 2014 के लोकसभा चुनाव में जब हार गए तो इस्तीफा देने लगे. उस समय भी हमने कहा था कि जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया जाये. लेकिन फिर उन्हें भी हटा दिया गया.
नीतीश कुमार पर लगाये कई आरोप
नरेंद्र सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार का रवैया ठीक नहीं है. वे लोगों से कटते हैं. उनकी पार्टी का कोई व्यक्ति आसानी से उनसे नहीं मिल पाता. जदयू नीतीश कुमार के आसापास के 5-6 लोगों की चौकड़ी है. जो मन आएगा वो करेंगे. ये पार्टियां प्राइवेट लिमिटेड कंपनी हो गई है. जबकि पार्टियां लोकतांत्रिक तरीके से चलती हैं. साथ ही कहा कि कानून व्यवस्था बिल्कुल ध्वस्त हो गई है. शैक्षणिक व्यवस्था, स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. सरकार में बैठे लोग बिल्कुल फेल हो चुके हैं, इसलिए जनता अब सड़कों पर उतर रही है. हमने ऐसे ही लोगों की अगवानी करने के लिए अपना कदम बढ़ाया है.
मंत्री नीरज कुमार ने कहा था 'बेचैन आत्मा'
बता दें कि बिहार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने बुधवार को नरेंद्र सिंह के गृह क्षेत्र जमुई में नवनिर्माण मोर्चा पर जमकर निशाना साधते हुये कहा था कि बेचैन आत्मा वाले लोग नवनिर्माण मोर्चा बना रहे हैं, लेकिन जदयू की सेहत पर उसका कोई असर नहीं पड़ेगा. जिसके बाद पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह की ये प्रतिक्रिया सामने आई.