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'बेचैन आत्मा' पर नरेंद्र सिंह का पलटवार- हमने कुर्सियां छोड़ी है, स्वाभिमान मारकर सिर नहीं झुकाया - नीतीश कुमार का रवैया ठीक नहीं

नरेंद्र सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार का रवैया ठीक नहीं है. वे लोगों से कटते हैं. उनकी पार्टी का कोई व्यक्ति आसानी से उनसे नहीं मिल पाता. जदयू नीतीश कुमार के आसापास के 5-6 लोगों की चौकड़ी है. जो मन आएगा वो करेंगे. ये पार्टियां प्राइवेट लिमिटेड कंपनी हो गई है.

पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह.
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Published : Aug 30, 2019, 9:59 AM IST

जमुई: विपक्ष के नव निर्माण मोर्चा के गठन को लेकर मंत्री नीरज कुमार के 'बेचैन आत्मा' वाले टिप्पणी पर पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने पलटवार किया है. नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुये पूर्व मंत्री ने कहा कि ये उनकी तिलमिलाहट है. इस मोर्चा के गठन से जातपात, धर्म, अगड़ा-पिछड़ा, हिन्दू-मुस्लिम का उनका जनाधार खिसकने वाला है. जदयू के बारे में उन्होंने कहा कि ये नीतीश के इर्द-गिर्द के कुछ लोगों की प्राइवेट लिमिटेड कंपनी हो गई है.

नरेंद्र सिंह ने कहा कि हम बेचैन आत्मा हैं या शांत आत्मा हैं ये दुनियां अच्छे से जानती है. इन लोगों की तिलमिलाहट की वजह आप अच्छे से समझ सकते हैं. जातपात और हिंदू-मुस्लिम का इनका जनाधार खिसकने वाला है. जिन लोगों को मूर्ख बनाकर ये बंधुआ मजदूर बनाए रखना चाहते थे, यही लोग अब लड़ाई में सामने आने वाले हैं. इस मोर्चा के निर्माण से सारे राजनीतिक दलों में भूचाल आ गया है. हम जनता को जगाकर जन-आंदोलन और जन-संघर्ष का कार्यक्रम करेंगे.

पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह.

'धर्म और जातपात है इनका जनाधार'
पूर्व मंत्री ने कहा कि जातपात के आधार पर ही ये लोग कुर्सी पर बैठे रहना चाहते हैं, हमने तो कुर्सियों को छोड़ा है. बेचैन होते तो किसी के आगे नतमस्तक होते, किसी से हाथ मिला लेते, अपने स्वाभिमान को मारकर किसी के दर पर सिर झुकाकर कुर्सी पा जाते. हमने जमुई की धरती के स्वाभिमान को जिंदा रखा है. हम क्रांतिकारी भूमि के लोग हैं. हमको लड़ना होगा तो जी जान से लड़ेंगे.

कई पुरानी बातों को किया उजागर
साथ ही कई पुरानी बातों को उजागर करते हुये नरेंद्र सिंह ने बताया कि 1992 में एक दलित रामसुंदर दास के लिये लालू यादव से लड़ कर मैंने इस्तीफा दे दिया. लालू यादव ने रामसुंदर दास को बेइज्जत किया था. श्रीमान नीतीश कुमार जी को हमने मुख्यमंत्री बनाया. लालू को हटाने के लिए 22 एमएलए लोजपा के और 19 निर्दलीय एमएलए मेरे साथ थे. उनकी पार्टी से बड़ी संख्या थी, चाहते तो मुख्यमंत्री उसी समय बन सकते थे. हम ने ही कहा था कि नीतीश ही मुख्यमंत्री बनें. जब तक नीतीश कुमार सही राह पर चलते रहे, हम उनके साथ रहे. लेकिन टिकटों के बंटवारे से लेकर कई मामलों में जब मनमानी करने लगे तो उनसे मेरी खटपट शुरू हो गई. 2014 के लोकसभा चुनाव में जब हार गए तो इस्तीफा देने लगे. उस समय भी हमने कहा था कि जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया जाये. लेकिन फिर उन्हें भी हटा दिया गया.

नीतीश कुमार पर लगाये कई आरोप
नरेंद्र सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार का रवैया ठीक नहीं है. वे लोगों से कटते हैं. उनकी पार्टी का कोई व्यक्ति आसानी से उनसे नहीं मिल पाता. जदयू नीतीश कुमार के आसापास के 5-6 लोगों की चौकड़ी है. जो मन आएगा वो करेंगे. ये पार्टियां प्राइवेट लिमिटेड कंपनी हो गई है. जबकि पार्टियां लोकतांत्रिक तरीके से चलती हैं. साथ ही कहा कि कानून व्यवस्था बिल्कुल ध्वस्त हो गई है. शैक्षणिक व्यवस्था, स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. सरकार में बैठे लोग बिल्कुल फेल हो चुके हैं, इसलिए जनता अब सड़कों पर उतर रही है. हमने ऐसे ही लोगों की अगवानी करने के लिए अपना कदम बढ़ाया है.

मंत्री नीरज कुमार ने कहा था 'बेचैन आत्मा'
बता दें कि बिहार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने बुधवार को नरेंद्र सिंह के गृह क्षेत्र जमुई में नवनिर्माण मोर्चा पर जमकर निशाना साधते हुये कहा‍ था कि बेचैन आत्मा वाले लोग नवनिर्माण मोर्चा बना रहे हैं, लेकिन जदयू की सेहत पर उसका कोई असर नहीं पड़ेगा. जिसके बाद पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह की ये प्रतिक्रिया सामने आई.

जमुई: विपक्ष के नव निर्माण मोर्चा के गठन को लेकर मंत्री नीरज कुमार के 'बेचैन आत्मा' वाले टिप्पणी पर पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने पलटवार किया है. नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुये पूर्व मंत्री ने कहा कि ये उनकी तिलमिलाहट है. इस मोर्चा के गठन से जातपात, धर्म, अगड़ा-पिछड़ा, हिन्दू-मुस्लिम का उनका जनाधार खिसकने वाला है. जदयू के बारे में उन्होंने कहा कि ये नीतीश के इर्द-गिर्द के कुछ लोगों की प्राइवेट लिमिटेड कंपनी हो गई है.

नरेंद्र सिंह ने कहा कि हम बेचैन आत्मा हैं या शांत आत्मा हैं ये दुनियां अच्छे से जानती है. इन लोगों की तिलमिलाहट की वजह आप अच्छे से समझ सकते हैं. जातपात और हिंदू-मुस्लिम का इनका जनाधार खिसकने वाला है. जिन लोगों को मूर्ख बनाकर ये बंधुआ मजदूर बनाए रखना चाहते थे, यही लोग अब लड़ाई में सामने आने वाले हैं. इस मोर्चा के निर्माण से सारे राजनीतिक दलों में भूचाल आ गया है. हम जनता को जगाकर जन-आंदोलन और जन-संघर्ष का कार्यक्रम करेंगे.

पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह.

'धर्म और जातपात है इनका जनाधार'
पूर्व मंत्री ने कहा कि जातपात के आधार पर ही ये लोग कुर्सी पर बैठे रहना चाहते हैं, हमने तो कुर्सियों को छोड़ा है. बेचैन होते तो किसी के आगे नतमस्तक होते, किसी से हाथ मिला लेते, अपने स्वाभिमान को मारकर किसी के दर पर सिर झुकाकर कुर्सी पा जाते. हमने जमुई की धरती के स्वाभिमान को जिंदा रखा है. हम क्रांतिकारी भूमि के लोग हैं. हमको लड़ना होगा तो जी जान से लड़ेंगे.

कई पुरानी बातों को किया उजागर
साथ ही कई पुरानी बातों को उजागर करते हुये नरेंद्र सिंह ने बताया कि 1992 में एक दलित रामसुंदर दास के लिये लालू यादव से लड़ कर मैंने इस्तीफा दे दिया. लालू यादव ने रामसुंदर दास को बेइज्जत किया था. श्रीमान नीतीश कुमार जी को हमने मुख्यमंत्री बनाया. लालू को हटाने के लिए 22 एमएलए लोजपा के और 19 निर्दलीय एमएलए मेरे साथ थे. उनकी पार्टी से बड़ी संख्या थी, चाहते तो मुख्यमंत्री उसी समय बन सकते थे. हम ने ही कहा था कि नीतीश ही मुख्यमंत्री बनें. जब तक नीतीश कुमार सही राह पर चलते रहे, हम उनके साथ रहे. लेकिन टिकटों के बंटवारे से लेकर कई मामलों में जब मनमानी करने लगे तो उनसे मेरी खटपट शुरू हो गई. 2014 के लोकसभा चुनाव में जब हार गए तो इस्तीफा देने लगे. उस समय भी हमने कहा था कि जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया जाये. लेकिन फिर उन्हें भी हटा दिया गया.

नीतीश कुमार पर लगाये कई आरोप
नरेंद्र सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार का रवैया ठीक नहीं है. वे लोगों से कटते हैं. उनकी पार्टी का कोई व्यक्ति आसानी से उनसे नहीं मिल पाता. जदयू नीतीश कुमार के आसापास के 5-6 लोगों की चौकड़ी है. जो मन आएगा वो करेंगे. ये पार्टियां प्राइवेट लिमिटेड कंपनी हो गई है. जबकि पार्टियां लोकतांत्रिक तरीके से चलती हैं. साथ ही कहा कि कानून व्यवस्था बिल्कुल ध्वस्त हो गई है. शैक्षणिक व्यवस्था, स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. सरकार में बैठे लोग बिल्कुल फेल हो चुके हैं, इसलिए जनता अब सड़कों पर उतर रही है. हमने ऐसे ही लोगों की अगवानी करने के लिए अपना कदम बढ़ाया है.

मंत्री नीरज कुमार ने कहा था 'बेचैन आत्मा'
बता दें कि बिहार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने बुधवार को नरेंद्र सिंह के गृह क्षेत्र जमुई में नवनिर्माण मोर्चा पर जमकर निशाना साधते हुये कहा‍ था कि बेचैन आत्मा वाले लोग नवनिर्माण मोर्चा बना रहे हैं, लेकिन जदयू की सेहत पर उसका कोई असर नहीं पड़ेगा. जिसके बाद पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह की ये प्रतिक्रिया सामने आई.

Intro:जमुई " ( एक्सक्लुसिव खबर ) मंत्री नीरज के बेचैन आत्मा वाले बयान पर etv bharat ने पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह से सवाल किया तो पूर्व मंत्री ने जबाब देते हुए नीतीश और सरकार पर जोरदार हमला कर दिया


Body:जमुई " नीतीश सरकार के मंत्री नीरज के बेचैन आत्मा वाले सवाल का जबाब देते हुए पूर्व मंत्री और कद्दावर नेता नरेंद्र सिंह ने नीतीश और सरकार पर जोरदार हमला कर दिया ( etv bharat) के सवाल पर नरेंद्र सिंह का जबाब ( एक्सक्लुसिव )

जमुई बिहार नव निर्माण मोर्चा के गठन के बाद पहली बार जमुई पहुंचे पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने जमुई परिसदन में बिहार नव निर्माण मोर्चा के गठन का उद्दश्यों के बारे में जानकारी देने के साथ - साथ बिहार सरकार के सूचना जन संपर्क मंत्री नीरज कुमार के ' बेचैन आत्मा ' वाले बयान का जबाब भी दिया और नीतीश और सरकार पर जोरदार हमला कर दिया साथ ही नीतीश सरकार के बनने बिगड़ने के कई राज भी उजागर किए

पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ----------------------------------------------------------------------------
हम बेचैन आत्मा है की शांत आत्मा है ये दुनियां अच्छे से जानती है जो लोग तिलमिलाए हुए है आप अच्छे से समझ सकते है उनके तिलमिलाने का कारण उनका जनाधार खिसकने वाला है जिसको मूर्ख बनाकर ये लोग बंधुआ मजदूर बनाए रखना चाहते थे यही लोग अब लड़ाई में सामने आने वाले है इस संगठन ( मोर्चा ) के निर्माण से सारे राजनैतिक दलों में भुचाल आ गया है अंदर - अंदर धबराए हुए है की क्या नई बात कर रहे है हम जनता को जगाकर जन आंदोलन और जन संघर्ष का कार्यक्रम करेंगे उनका धबराना लाजमी है क्योंकि उनका जनाधार जातपात , धर्म के नाम पर , अगड़ा पिछड़ा , हिन्दू मुस्लिम , फारवर्ड बैकवर्ड कराकर कुर्सी पर बैठे रहना चाहते है हमने तो कुर्सियों को छोड़ा है बेचैन होते तो किसी के आगे नतमस्तक होते किसी से हाथ मिला लेते अपने स्वाभिमान को मारकर किसी के दर पे सर झुका के कुर्सी पा जाते " हमने जमुई के धरती के स्वाभिमान को जिंदा रखा है हम क्रांतिकारी भूमि के लोग है हमको लड़ना होगा तो

" लालू से लड़के हमने 1992 में इस्तीफा दे दिया एक दलित के लिए रामसुंदर दास को उसने बेइज्जत किया था श्रीमान नीतीश कुमार जी को हमने मुख्यमंत्री बनाया लालू को हटाने के लिए 22 एम एल ए लोजपा का और 19 निर्दलीय ( इंडिपेंडेंट ) एम एल ए मेरे साथ थे उनकी पार्टी से बड़ी संख्या थी चाहते तो मुख्यमंत्री उसी समय बन सकते थे हमही ने कहा नीतीश ही बने मुख्यमंत्री संकट की धड़ी में पांच दोस्त मिलते है तो किसी एक को मान ही लेते है जबतक वो सहित राह पर चलते रहे हम उनके साथ रहे जब मनमानी करने लगे टिकटों के बटवारे से लेकर 2009 में भी मेरे मर्जी के खिलाफ मेरे धर में ही उम्मीदवार भेजने लगे तबसे उनका मेरा खटपट शुरू हो गया और जब हार गए तो इस्तीफा देने लगे उस समय भी हमने कहा था फिर जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया गया फिर उनहे भी हटा दिया "

हमको जो भी कुर्बानी देनी थी हमने दी फिर बुलाए हमलोग साथ रहेंगे साथ - साथ काम करेंगे लेकिन उनका ( नीतीश ) रवैया हमने देखा लोगों से कटते है कोई व्यक्ति उनके पार्टी का मुझको बता दे कि उनसे हप्ता 15 दिन में भी उस व्यक्ति से मिलने अपनी बात कहने समझाने गया हो मिला हो किसी सज मिलना जुलना नहीं 5 - 6 लोगों की चौकड़ी है नीतीश के इर्द गिर्द मतलब कुछ व्यक्तियों की पार्टी हो गई है जो मन आएगा सो करेगा यही हाल कमोवेश दुसरी पार्टियों का भी है व्यक्ति - व्यक्ति की पार्टी हो गई है प्राइवेट लिमिटेड कंपनी हो गई जबकि पार्टियां चलती है लोकतांत्रिक तरीके से सामुहिक नेतृत्व का आभाव हो गया है पार्टियों में लोकतंत्र खत्म हो गया है

कानून व्यवस्था बिल्कुल ध्वस्त हो गई है शैक्षणिक व्यवस्था , स्वास्थ्य व्यवस्था सेवा ध्वस्त हो चुकी है वहां कोई जाना नहीं चाहता वहां दुर्व्यवहार होता है थाना पर कोई केस लिखाना नहीं चाहता है ये जो निरंकुशता बढ़ी है सरकारी महकमों सरकारी दफ्तरों में इसको जनता की ताकत से ठीक किया जा सकता है आज सरकार में बैठे लोग इसमें बिल्कुल फेल हो चुके है इसलिए आज जनता सड़क पर आ रही है हम ऐसे ही जनता की अगुवानी करने के लिए उसे मजबूत करने के लिए अपना कदम बढ़ाया है

जब लैगों को जागृत करने की बात करते है तो कोई बोलेगा बेचैन आत्मा है कोई बोलेगा फ्रॉस्टेड लोग है अरे फ्रॉस्टेड लोग तो मर जाता है " हम रिक्स लेने के लिए तैयार है मरने के लिए तैयार है जेल जाने के लिए तैयार है फिर से लाठी खाने के लिए तैयार है हम फिर से आज से 40 वर्ष पुराने वाले रूप में लौटना चाहते है " ये लोग तो अब करेंगे नहीं हम मंत्री रहते भी बोलते थे तो कहता था सरकार में रहते हुए आप लोगों को भड़का रहे है ' डॉ0 लोहिया कहते थे जब सड़क सुनी होगी तो संसद अवारा हो जाएगा ' अन्ना के आंदोलन के भय से लोकपाल बील मोदी जी को लागू करना पड़ा अगर आंदोलन नहीं होता तो लोकपाल बील नहीं आता भ्रस्टाचार पर लगाम नहीं लगता

साथ ही बरनार जलाशय योजना , किसान की समस्याओं आदि में पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ने etv bharat से बातचीत की

वाइट ------ पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह ( एक्सक्लुसिव खबर )


राजेश जमुई






Conclusion:जमुई " ( एक्सक्लुसिव खबर ) मंत्री नीरज के बेचैन आत्मा वाले बयान पर etv bharat ने पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह से सवाल किया तो पूर्व मंत्री ने जबाब देते हुए नीतीश और सरकार पर जोरदार हमला कर दिया
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