जमुई: कोरोन वायरस के संक्रमण के खतरे को लेकर जहां पूरे देश में स्कूल कॉलेज सहित अन्य सरकारी गैर सरकारी संस्थानों में ताला लग गया था. वहीं, उसमें काम कर रहे दर्जनों कर्मचारी भी बेरोजगार हो गए.
लॉकडाउन के कारण स्कूल में पढ़ाई और बच्चों का आना बंद हुआ. तो नुकसान की भरपाई के लिए एक जिले में निजी स्कूल के प्रबंधक ने स्कूल के कमरों में मशरूम की फसल लगाकर मशरूम का उत्पादन करने लगे. इस निजी स्कूल के प्रबंधक अब लाखों की कमाई कर रहे हैं. साथ ही साथ लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं.
वैज्ञानिकों से लिया ऑनलाइन ट्रेनिंग
मशरूम उत्पादन कैसे करें. इसके लिए इस स्कूल के प्रबंधक ने पहले सोशल मीडिया पर उससे जुड़ा वीडियो देखा और फिर मशरूम उत्पादन करने वाले किसानों से संपर्क किया. इसके बाद कृषि वैज्ञानिकों से ऑनलाइन ट्रेनिंग लेकर वह पंजाब और दिल्ली सहित दूसरे जगहों से बीज मंगवाई और मशरूम का उत्पादन शुरू कर दिया.
क्या कहते हैं स्कूल प्रबंधक
स्कूल प्रबंधक अभिषेक कुमार की माने तो कोरोन के कारण लगाए गए लॉकडाऊन में जब स्कूल बंद हो गया. स्कूल संचालक के लिए स्कूल के कर्मचारी को वेतन देने के लिए जब पैसे की कमी होने लगी, तो स्कूल के कमरों का उपयोग करना बेहतर समझा, क्योंकि उसके स्कूल के अधिकांश क्लास रूम में एयर कंडीशन है.
वर्चुअल ट्रेडिंग लेकर बाहर से बीज मंगा कर मशरूम उत्पादन के लिए पैकेट का निर्माण यहां किया जाता है. यहां के बजारों में मशरूम की खूब मांग हो रही है. स्कूल की क्लास का उपयोग अभी मशरूम की प्लांटिंग प्रोसेसिंग पैकेजिंग किया जा रहा है.
प्रवासी मजदूरों से मशरूम की खेती करने की अपील
विद्यालय परिसर में मशरूम की खेती कर रहे प्रबंधक अभिषेक कुमार ने दूसरे राज्यों में काम कर रहे मजदूरों से आग्रह किया कि वह भी मशरूम की खेती व्यापक पैमाने पर करें. इसमें कम खर्च पर तिगुना आमदनी होती है. जहां वह 15 से 20ह जार रुपए के लिए अपने घरों को छोड़कर दूसरे राज्यों में रहते हैं. वहीं, उन्हें इस व्यवसाय में उससे अधिक आमदनी होगी और उन्हें इसके लिए ज्यादा मेहनत भी नहीं करना पड़ेगा.