जमुई: बिहार के जमुई जिले के चकाई विधायक सह बिहार सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह (Minister Sumit Kumar Singh Visited Chakai) ने चकाई विधानसभा के कई इलाकों में दो दिनों का लगातार तूफानी दौरा किया है. इस दौरान अति नक्सल प्रभावित इलाकों में दर्जनों पुल का मंत्री सुमित कुमार सिंह ने उद्घाटन किया और साथ ही उन्होंने बोंगी पंचायत में प्लस टू उच्च विद्यालय का शिलान्यास भी किया है. मंत्री सुमित सिंह ने अति नक्सल प्रभावित इलाके में कई स्थानों पर जनसभा को संबोधित भी किया है.
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न कभी मैं जात की राजनीति करता हूं और न कभी धर्म की राजनीति करता हूं, मैं जमात की राजनीति करता हूं. मैं सिर्फ एक ही बात जानता हूं, जो हमारे साथ हैं वही हमारा जात है. मैं उसी आधार पर काम करता हूं. मंत्री सुमित कुमार सिंह
मंत्री सुमित कुमार सिंह ने बोंगी पंचायत में जनसभा में कहा कि, एक दर्जन से अधिक पुल-पुलिया का उद्धाटन हो चुका है और मैं दावे के साथ कह सकता हूं जितने पुल-पुलिया और सड़क का उद्धाटन और शिलान्यास हो चुका है. जितनी राशि हमारे चकाई विधानसभा में आई है, उतनी राशि मुंगेर और पूरे भागलपुर कमिश्नरी में नहीं गई है. ये विकास करने का पैमाना है और ये चकाई विधानसभा की देन है कि तीन मंत्री बनाया मेरे दादा स्वर्गीय श्री कृष्ण सिंह को फिर मेरे पिता नरेंद्र सिंह को और अब मुझे. अपने दिवंगत भाई स्वर्गीय अभय सिंह जो चकाई और जमुई के पूर्व विधायक रहे, उनकों याद करते हुऐ मंत्री सुमित सिंह बोले कि आज अगर वो जीवित होते तो उन्हें भी आपलोगों ने मंत्री बनाया होता.
वहीं, उन्होंने बताया कि, जब में पहली बार 2010 में चुनाव लड़ने आया था तो न मैं संजय दत्त था और न ही सलमान खान था बस मेरी पहचान ये थी कि, मैं श्री कृष्ण सिंह का पोता और नरेंद्र सिंह का पुत्र था. मेरी उम्र उस समय 25 वर्ष हुई थी. कहा जाता है कि, राजनीति में इतनी उम्र में दूध का दांत भी नहीं टूटता है. उस समय विश्वास के साथ आपलोगों ने पहली बार विधायक बना दिया, उस समय भी हमलोगों ने रिकॉर्ड बनाया था. चकाई विधानसभा क्षेत्र में जितनी सड़कें बनी थी न सिर्फ बिहार में पूरे हिंदुस्तान में किसी विधानसभा में इतनी सड़कें नहीं बनी थी.
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इस दौरान मंत्री सुमित सिंह ने कहा कि, इस बार भी आपलोगों ने रिकॉर्ड बनाया और मुझे पूरे बिहार का इकलौता निर्दलीय विधायक बनाकर भेजा. बिहार के मुखिया नीतीश कुमार ने मुझपर विश्वास जताया और आपके बेटे आपके भाई को मंत्री बना दिया. अब मेरा भी फर्ज बनता है कि इस क्षेत्र के लिए ज्यादा से ज्यादा काम करूं. उन्होंने कहा कि, जब ये पुल नहीं बना था तो चकाई से जमुई मुख्यालय पहुंचने के लिए 140 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी. अब यह दूरी घटकर आधे से भी कम हो गई है.
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