जमुई: बिहार में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. इस बीच जमुई स्टेशन पर प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. श्रमिक स्पेशल ट्रेन के आगमन को लेकर स्टेशन परिसर पर चाक-चौबंद व्यवस्था की गई थी. लेकिन, अब यहां गंदगी का अंबार पसरा हुआ दिख रहा है. चारों ओर खाकर फूड पैकेट्स और पानी की बोतलें बिखरी हुई दिखाई पड़ती हैं.
दरअसल, बीते 18 मई को जमुई स्टेशन पर हरियाणा के दादरी से हजारों प्रवासी पहुंचे. इस दौरान स्टेशन के अंदर से लेकर बाहर तक काफी इंतजाम किए गए थे. लेकिन, प्रवासियों ने आसपास काफी गंदगी फैलाई थी. जिससे अब स्थानीय मलयपुर गांव के लोगों की परेशानी बढ़ गई है. उन्हें कोरोना संक्रमण के फैलने का भय सताने लगा है.
'प्रवासी हो सकते हैं कोरोना संक्रमित'
स्थानीय रणवीर सिंह, नवीन कुमार सिंह, नंदन गुप्ता, राजा गुप्ता, सहित अन्य लोगों का कहना है कि सभी ने खाने के खाली पैकेट और बोतलों को स्टेशन परिसर में ही फेंक दिया. जिसके बाद अब हवा के कारण कचरा बाहर फैलकर उनके घरों तक पहुंच रहा है. इसके अलावा ग्रामीणों ने ये भी बताया कि प्रवासियों की स्वास्थ्य जांच करने के बाद ग्लव्स, मास्क को भी परिसर में ही छोड़ दिया गया है. ऐसे में उन्हें दिन-रात यही डर लगा रहता है कि कहीं कोई कोरोना संक्रमित न हो. हालांकि इसकी शिकायत स्थानीय लोगों ने दानापुर रेल डिवीजन के वरीय पदाधिकारी से भी की है.
जीआरपी जवान ने भी मानी लापरवाही
वहीं, स्टेशन में तैनात जीआरपी जवान रामनारायण कुमार का भी मानना है कि प्रवासी मजदूरों से भरी श्रमिक ट्रेन पहुंचने से पहले और पहुंचने पर पूरा परिसर को सैनिटाइज किया गया. मजदूरों को खाने का पैकेट और पानी का बोतलें दी गई. लेकिन, कचरे का निपटान नहीं किया गया. ऐसे में मलयपुर निवासियों का भय होना लाजमी है. उन्होंने बताया कि कोरोना का संक्रमण 70 घंटे से अधिक तक रहता है. जमुई स्टेशन पर ट्रेन को आए 30 घंटे से ज्यादा बीत चुका है. ऐसे में प्रशासन की जिम्मेदारी है कि साफ-सफाई कराए. वहीं, मौजूद स्टेशन के उप प्रबंधक दिनेश राम ने कहा कि उन्होंने इसकी सूचना स्टेशन प्रबंधक रंजीत कुमार को दी है. लेकिन, फिलहाल कोई जवाब नहीं मिला है.