जमुई: जिला सदर अस्पताल में डॉक्टरों और स्वास्थ्य सुविधाओं का घोर अभाव है. लिहाजा यहां आने वाले मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सदर अस्पताल में जहां 32 डॉक्टर होने चाहिए, वहां महज 6 डॉक्टरों से पूरे मरीजों को देखा जा रहा है.
पत्रकारों से उलझ गईं डॉक्टर साहिबा
दरअसल, पिछले दिनों 13 जून को प्रसूति विभाग के डॉक्टर के चेंबर के सामने 8:00 बजे से लेकर 12:00 बजे तक काफी संख्या में मरीजों की लाइन लगी हुई थी. लेकिन डॉक्टर साहिबा अपने चेंबर में उपस्थित नहीं थी. इसके बाद कुछ लोगों ने इसकी शिकायत अस्पताल अधीक्षक से की. लेकिन अस्पताल अधीक्षक भी इसका गोलमोल जवाब देते नजर आए. इसके बाद कुछ पत्रकारों के हस्तक्षेप करने के बाद डॉक्टर साहिबा उल्टे पत्रकार से उलझ गईं और अपना इस्तीफा देने की बात कहने लगीं.
सिविल सर्जन का क्या है कहना
सदर अस्पताल में डॉ शालिनी प्रसूति विभाग की डॉक्टर हैं जो अपने चेंबर में नियमित समय पर उपस्थित नहीं थीं. हालांकि सिविल सर्जन का कहना है कि अस्पताल में डॉक्टर शालिनी काफी एक्टिव हैं. वह सर्जरी भी करती हैं. साथ-साथ इमरजेंसी में भी वो अपनी सेवा देती हैं. लिहाजा, वह अपने चेंबर में थोड़ा विलंब से पहुंची होंगी. हालांकि सिविल सर्जन ने डॉ शालिनी के इस्तीफे को अभी स्वीकार नहीं किया है. उनका कहना है कि हॉस्पिटल में पहले से ही डॉक्टरों की घोर कमी है. वैसे में एक और डॉक्टर के चले जाने से आने वाले दिनों में मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत लचर
जमुई जिला अति संवेदनशील और नक्सल प्रभावित इलाका है. यहां काफी संख्या में आदिवासियों की आबादी है. जबकि ग्रामीण इलाका भी यहां काफी पिछड़ा हुआ है. ऐसे में जिला मुख्यालय में स्थित सदर अस्पताल में दूर-दूर से लोग यहां अपने इलाज के लिए आते हैं. मरीजों को अस्पताल में सही से इलाज करवाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है.
कब होगी डॉक्टरों की भरपाई
दरअसल, सदर अस्पताल में जहां कुल 32 डॉक्टर होने चाहिए, वहां महज 6 डॉक्टरों के सहारे यह पूरा अस्पताल संचालित हो रहा है. ऐसे में यहां आने वाले मरीजों को असुविधा होना लाजमी है. जिला प्रशासन आखिर कब नींद से जागेगी और सदर अस्पताल में होने वाली असुविधा को दूर करेगी. साथ ही यहां डॉक्टरों के अभाव की भरपाई कब तक करती है. यह देखने वाली बात होगी.