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जमुई सदर अस्पताल में डॉक्टरों का है घोर अभाव, 32 की जगह हैं महज 6 चिकित्सक - अस्पताल अधीक्षक

सिविल सर्जन का कहना है कि हॉस्पिटल में डॉक्टरों की घोर कमी है. ऐसे में आने वाले दिनों में मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

सदर अस्पताल
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Published : Jun 16, 2019, 7:33 PM IST

जमुई: जिला सदर अस्पताल में डॉक्टरों और स्वास्थ्य सुविधाओं का घोर अभाव है. लिहाजा यहां आने वाले मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सदर अस्पताल में जहां 32 डॉक्टर होने चाहिए, वहां महज 6 डॉक्टरों से पूरे मरीजों को देखा जा रहा है.

पत्रकारों से उलझ गईं डॉक्टर साहिबा
दरअसल, पिछले दिनों 13 जून को प्रसूति विभाग के डॉक्टर के चेंबर के सामने 8:00 बजे से लेकर 12:00 बजे तक काफी संख्या में मरीजों की लाइन लगी हुई थी. लेकिन डॉक्टर साहिबा अपने चेंबर में उपस्थित नहीं थी. इसके बाद कुछ लोगों ने इसकी शिकायत अस्पताल अधीक्षक से की. लेकिन अस्पताल अधीक्षक भी इसका गोलमोल जवाब देते नजर आए. इसके बाद कुछ पत्रकारों के हस्तक्षेप करने के बाद डॉक्टर साहिबा उल्टे पत्रकार से उलझ गईं और अपना इस्तीफा देने की बात कहने लगीं.

Jamui
सदर अस्पताल

सिविल सर्जन का क्या है कहना
सदर अस्पताल में डॉ शालिनी प्रसूति विभाग की डॉक्टर हैं जो अपने चेंबर में नियमित समय पर उपस्थित नहीं थीं. हालांकि सिविल सर्जन का कहना है कि अस्पताल में डॉक्टर शालिनी काफी एक्टिव हैं. वह सर्जरी भी करती हैं. साथ-साथ इमरजेंसी में भी वो अपनी सेवा देती हैं. लिहाजा, वह अपने चेंबर में थोड़ा विलंब से पहुंची होंगी. हालांकि सिविल सर्जन ने डॉ शालिनी के इस्तीफे को अभी स्वीकार नहीं किया है. उनका कहना है कि हॉस्पिटल में पहले से ही डॉक्टरों की घोर कमी है. वैसे में एक और डॉक्टर के चले जाने से आने वाले दिनों में मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

Jamui
मरीजों की स्थिति

स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत लचर
जमुई जिला अति संवेदनशील और नक्सल प्रभावित इलाका है. यहां काफी संख्या में आदिवासियों की आबादी है. जबकि ग्रामीण इलाका भी यहां काफी पिछड़ा हुआ है. ऐसे में जिला मुख्यालय में स्थित सदर अस्पताल में दूर-दूर से लोग यहां अपने इलाज के लिए आते हैं. मरीजों को अस्पताल में सही से इलाज करवाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है.

जमुई सदर अस्पताल से खास रिपोर्ट

कब होगी डॉक्टरों की भरपाई
दरअसल, सदर अस्पताल में जहां कुल 32 डॉक्टर होने चाहिए, वहां महज 6 डॉक्टरों के सहारे यह पूरा अस्पताल संचालित हो रहा है. ऐसे में यहां आने वाले मरीजों को असुविधा होना लाजमी है. जिला प्रशासन आखिर कब नींद से जागेगी और सदर अस्पताल में होने वाली असुविधा को दूर करेगी. साथ ही यहां डॉक्टरों के अभाव की भरपाई कब तक करती है. यह देखने वाली बात होगी.

जमुई: जिला सदर अस्पताल में डॉक्टरों और स्वास्थ्य सुविधाओं का घोर अभाव है. लिहाजा यहां आने वाले मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. सदर अस्पताल में जहां 32 डॉक्टर होने चाहिए, वहां महज 6 डॉक्टरों से पूरे मरीजों को देखा जा रहा है.

पत्रकारों से उलझ गईं डॉक्टर साहिबा
दरअसल, पिछले दिनों 13 जून को प्रसूति विभाग के डॉक्टर के चेंबर के सामने 8:00 बजे से लेकर 12:00 बजे तक काफी संख्या में मरीजों की लाइन लगी हुई थी. लेकिन डॉक्टर साहिबा अपने चेंबर में उपस्थित नहीं थी. इसके बाद कुछ लोगों ने इसकी शिकायत अस्पताल अधीक्षक से की. लेकिन अस्पताल अधीक्षक भी इसका गोलमोल जवाब देते नजर आए. इसके बाद कुछ पत्रकारों के हस्तक्षेप करने के बाद डॉक्टर साहिबा उल्टे पत्रकार से उलझ गईं और अपना इस्तीफा देने की बात कहने लगीं.

Jamui
सदर अस्पताल

सिविल सर्जन का क्या है कहना
सदर अस्पताल में डॉ शालिनी प्रसूति विभाग की डॉक्टर हैं जो अपने चेंबर में नियमित समय पर उपस्थित नहीं थीं. हालांकि सिविल सर्जन का कहना है कि अस्पताल में डॉक्टर शालिनी काफी एक्टिव हैं. वह सर्जरी भी करती हैं. साथ-साथ इमरजेंसी में भी वो अपनी सेवा देती हैं. लिहाजा, वह अपने चेंबर में थोड़ा विलंब से पहुंची होंगी. हालांकि सिविल सर्जन ने डॉ शालिनी के इस्तीफे को अभी स्वीकार नहीं किया है. उनका कहना है कि हॉस्पिटल में पहले से ही डॉक्टरों की घोर कमी है. वैसे में एक और डॉक्टर के चले जाने से आने वाले दिनों में मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

Jamui
मरीजों की स्थिति

स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत लचर
जमुई जिला अति संवेदनशील और नक्सल प्रभावित इलाका है. यहां काफी संख्या में आदिवासियों की आबादी है. जबकि ग्रामीण इलाका भी यहां काफी पिछड़ा हुआ है. ऐसे में जिला मुख्यालय में स्थित सदर अस्पताल में दूर-दूर से लोग यहां अपने इलाज के लिए आते हैं. मरीजों को अस्पताल में सही से इलाज करवाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है.

जमुई सदर अस्पताल से खास रिपोर्ट

कब होगी डॉक्टरों की भरपाई
दरअसल, सदर अस्पताल में जहां कुल 32 डॉक्टर होने चाहिए, वहां महज 6 डॉक्टरों के सहारे यह पूरा अस्पताल संचालित हो रहा है. ऐसे में यहां आने वाले मरीजों को असुविधा होना लाजमी है. जिला प्रशासन आखिर कब नींद से जागेगी और सदर अस्पताल में होने वाली असुविधा को दूर करेगी. साथ ही यहां डॉक्टरों के अभाव की भरपाई कब तक करती है. यह देखने वाली बात होगी.

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जमुई-सदर अस्पताल में डॉक्टरों और सुविधाओं का घोर अभाव

जमुई सदर अस्पताल में डॉक्टरों और सुविधाओं का घोर अभाव है लिहाजा यहां आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है । सदर अस्पताल में जहां 32 डॉक्टर होना चाहिए वहां महज छह डॉक्टरों से पूर्व सदर अस्पताल में मरीजों को देखा जा रहा है।


Body:जमुई-सदर अस्पताल में डॉक्टरों और सुविधाओं का घोर अभाव

जमुई सदर अस्पताल में डॉक्टरों और सुविधाओं का घोर अभाव है लिहाजा यहां आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है । सदर अस्पताल में जहां 32 डॉक्टर होना चाहिए वहां महज छह डॉक्टरों से पूर्व सदर अस्पताल में मरीजों को देखा जा रहा है।

दरअसल पिछले दिनों 13 जून को प्रसूति विभाग के डॉक्टर के चेंबर के सामने 8:00 बजे से लेकर 12:00 बजे तक काफी संख्या में मरीजों की लाइन लगी हुई थी लेकिन डॉक्टर साहिबा अपने चेंबर में उपस्थित नहीं थी जिसके बाद कुछ लोगों ने जब इसकी शिकायत अस्पताल अधीक्षक से की तो अस्पताल अधीक्षक भी गोलमोल जवाब देते नजर आए ,इसके बाद कुछ पत्रकारों के हस्तक्षेप करने के बाद डॉक्टर साहिबा उल्टे पत्रकार से उलझ गई और अपने इस्तीफा देने की की बात कहने लगी

अस्पताल में डॉक्टर और कर्मचारियों का पूरा भाग

दरअसल सदर अस्पताल में डॉक्टर शालिनी प्रसूति विभाग की डॉ है जो अपने चेंबर में नियत समय पर उपस्थित नहीं थी हालांकि सिविल सर्जन साहब का कहना है कि जो कि अस्पताल में डॉक्टर शालिनी काफी एक्टिव है और वह सर्जरी भी करती हैं साथ-साथ इमरजेंसी में भी हो अपनी सेवा देती हैं , लिहाजा वह अपने चेंबर में थोड़ा विलंब से पहुंची होंगी। हालांकि सुबह सर्जन साहब डॉक्टर शालिनी के इस्तीफे को अभी स्वीकार नहीं किए हैं उनका कहना है कि डॉक्टर हॉस्पिटल में पहले से ही डॉक्टरों की घोर कमी है वैसे मैं एक डॉक्टर और चले जाने से आने वाले दिनों में मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है


Conclusion:जमुई जिला में स्वास्थ्य व्यवस्था लचर

जमुई जिला अति संवेदनशील अति नक्सल प्रभावित इलाका है यहां काफी संख्या में आदिवासियों की आबादी है जबकि ग्रामीण इलाका भी यहां काफी पिछड़ा हुआ है। ऐसे में शायर मुख्यालय में स्थित सदर अस्पताल में दूर-दूर से यहां अपने इलाज के लिए मरीज आते हैं जिन्हें अस्पताल में सही से इलाज करवाने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ता है

दरअसल सदर अस्पताल में जहां कुल 32 डॉक्टर होना चाहिए वहां महक डॉक्टरों के सहारे सहारे यह पूरा सदर अस्पताल संचालित हो रहा है ऐसे में यहां आने वाले मरीजों को असुविधा होना लाजमी है एसएमएस है कि जिला प्रशासन आखिर कब नींद से जागे की और सदर अस्पताल में होने वाली असुविधा को दूर करेगी साथ-साथ यहां डॉक्टर के अभाव की भरपाई कब तक करती है यह देखने वाली बात होगी ।
ईटीवी भारत के लिए जमुई से ब्रजेंद्र नाथ झा
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