ETV Bharat / state

Holi 2023: जमुई में मिट्टी और राख से खेली गई होली, ढोल मजीरा की धुन पर झूमे युवा और बुजुर्ग - जमुई में मिट्टी और राख से खेली गई होली

जमुई में रंगों की होली से पहले राख और मिट्टी से होली खेली जाती है. उसके बाद रंगों की होली और फिर देर रात तक अबीर गुलाल की होली का दौर चलता है. वहीं बुजुर्ग और युवा सभी एक साथ ढोल और मजीरा पर झूमते नजर आए.

जमुई में मिट्टी और राख से खेली गई होली
जमुई में मिट्टी और राख से खेली गई होली
author img

By

Published : Mar 9, 2023, 7:13 AM IST

Updated : Mar 9, 2023, 8:57 AM IST

जमुई में ढोल मजीरा की धुन पर झूमे युवा और बुजुर्ग

जमुईः पूरे बिहार में होली का त्योहार धूम-धाम से मनाया गया. बिहार के जमुई में होलिका दहन की राख से धुरखेल होली खेली गई. यानी राख उड़ाकर लोग एक दूसरे पर डालते हैं. उसके बाद दिनभर मिट्टी से होली खेली गई. शाम में शुरुआत हुई रंग अबीर गुलाल की होली की जो देर रात तक चली. लोगों ने एक दूसरे को गले मिलकर होली की बधाई दी.

ये भी पढ़ेंः Holi 2023: बगहा में पेड़ पौधों काे गुलाल लगाकर मनाई होली, पर्यावरण बचाने के दिये संदेश

लोगों ने खेली राख की धुरखेल होलीः बिहार में कुर्ताफाड़ होली, लट्ठमार होली तो सुना ही होगा. लेकिन जिला जमुई में राख की धुरखेल होली खेली जाती है, इसमें अगजा होलिका दहन के राख को उड़ाते हैं और ढोल बाजे के साथ एक दूसरे पर डालते है लगाते हैं. फिर खेली जाती है कादो माटी की होली. इसमें कपड़े तो फटते ही हैं, कादो माटी के घोल से लोग सराबोर हो जाते हैं. लोग एक दूसरे को माटी-माटी कर देते हैं और फिर दोपहर बाद खेली जाती है रंगों की होली.

देर रात तक मिलते जुलते रहे लोगः सबसे अंत में अबीर गुलाल एक दूसरे को लगाकर होली मनाते हैं. छोटे बड़े से आशीर्वाद लेते हैं और एक दूसरे को बधाइयां दी जाती हैं. वहीं हर घर में तरह-तरह के पकवान बनाने में महिलाएं लगी रहीं. दहीबाड़े, मालपूआ, पकौड़े, इमली और पोदिने की चटनी, अन्य व्यंजन और ठंढाई का लुफ्त उठाते हुए लोग एक दूसरे से देर रात तक मिलते जुलते रहे.

बुजुर्गों में भी दिखा उमंगः बच्चे और बुजुर्ग भी अपने रंग में अगल ही नजर आए. दिन भर युवाओं की टोली ढोल मजीरा के साथ रंगों में सराबोर दिखे. ढोल नगाड़े झाल मंजिरा के धुन पर लोग फगुआ गाते नजर आए. होली के दिन बच्चे और युवा ही नहीं बुजुर्गों का भी उमंग देखने लायक था.

जमुई में ढोल मजीरा की धुन पर झूमे युवा और बुजुर्ग

जमुईः पूरे बिहार में होली का त्योहार धूम-धाम से मनाया गया. बिहार के जमुई में होलिका दहन की राख से धुरखेल होली खेली गई. यानी राख उड़ाकर लोग एक दूसरे पर डालते हैं. उसके बाद दिनभर मिट्टी से होली खेली गई. शाम में शुरुआत हुई रंग अबीर गुलाल की होली की जो देर रात तक चली. लोगों ने एक दूसरे को गले मिलकर होली की बधाई दी.

ये भी पढ़ेंः Holi 2023: बगहा में पेड़ पौधों काे गुलाल लगाकर मनाई होली, पर्यावरण बचाने के दिये संदेश

लोगों ने खेली राख की धुरखेल होलीः बिहार में कुर्ताफाड़ होली, लट्ठमार होली तो सुना ही होगा. लेकिन जिला जमुई में राख की धुरखेल होली खेली जाती है, इसमें अगजा होलिका दहन के राख को उड़ाते हैं और ढोल बाजे के साथ एक दूसरे पर डालते है लगाते हैं. फिर खेली जाती है कादो माटी की होली. इसमें कपड़े तो फटते ही हैं, कादो माटी के घोल से लोग सराबोर हो जाते हैं. लोग एक दूसरे को माटी-माटी कर देते हैं और फिर दोपहर बाद खेली जाती है रंगों की होली.

देर रात तक मिलते जुलते रहे लोगः सबसे अंत में अबीर गुलाल एक दूसरे को लगाकर होली मनाते हैं. छोटे बड़े से आशीर्वाद लेते हैं और एक दूसरे को बधाइयां दी जाती हैं. वहीं हर घर में तरह-तरह के पकवान बनाने में महिलाएं लगी रहीं. दहीबाड़े, मालपूआ, पकौड़े, इमली और पोदिने की चटनी, अन्य व्यंजन और ठंढाई का लुफ्त उठाते हुए लोग एक दूसरे से देर रात तक मिलते जुलते रहे.

बुजुर्गों में भी दिखा उमंगः बच्चे और बुजुर्ग भी अपने रंग में अगल ही नजर आए. दिन भर युवाओं की टोली ढोल मजीरा के साथ रंगों में सराबोर दिखे. ढोल नगाड़े झाल मंजिरा के धुन पर लोग फगुआ गाते नजर आए. होली के दिन बच्चे और युवा ही नहीं बुजुर्गों का भी उमंग देखने लायक था.

Last Updated : Mar 9, 2023, 8:57 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.