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जमुई: बोली सदर अस्पताल की डॉक्टर, 'CS ने साफ कहा नहीं हो सकता आप लोगों की कोरोना जांच'

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Published : Jul 16, 2020, 12:51 PM IST

Updated : Jul 16, 2020, 2:07 PM IST

जमुई सदर अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मी काफी डरे हुए हैं. यहां सिविल सर्जन ने डीएम के आदेश का हवाला देकर किसी भी डॉक्टर और कर्मी के कोरोना टेस्ट पर रोक लगा दी है.

अस्पताल
अस्पताल

जमुईः जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. मंगलवार को शिक्षा विभाग, अनुमंडल कार्यालय, निर्वाचन विभाग और सोनो प्रखंड के पूर्व बीडीओ सहित कई सरकारी कर्मचारी कोरोना पॉजीटिव पाए गए थे. जिसके बाद जिला प्रशासन ने तमाम सरकारी कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटिव जांच पर रोक लगा दी है. इसे लेकर सदर अस्पताल के डॉक्टर और कर्मियों ने नाराजगी जताई है.

डरे हुए हैं अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मी
अस्पताल की महिला चिकित्सक शालिनी कुमारी ने बताया कि एक डॉक्टर और दो अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद वे लोग डरे हुए हैं. सदर अस्पताल में अपनी जान को जोखिम में डालकर कार्य को बखूबी कर रहे हैं. उन्हें कई संक्रमित मरीजों का इलाज करना पड़ रहा है.

डॉ शालिनी कुमारी
डॉ शालिनी कुमारी

'सिविल सर्जन ने हीं दिया जांच का आदेश'
डॉक्टर शालिनी कुमारी ने कहा कि जब उन लोगों ने जमुई सिविल सर्जन डॉ. विजयेंद्र सत्यार्थी से चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों की कोरोना जांच कराने की बात कही तो उन्होंने डीएम के आदेश का हवाला देकर मना कर दिया. शालिनी कुमारी ने कहा कि समय रहते डीएम का आदेश हो और उन तमाम कर्मियों का कोरोना टेस्ट किया जाए. ताकि इस महामारी से खुद को बचाते हुए लोगों को भी बचाया जाए.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

बिना जांच के लौटे सरकारी कर्मचारी
बताया जाता है कि बुधवार को सोनो प्रखंड कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी अपनी कोरोना जांच करने पहुंच थे. क्योंकि एक दिन पहले ही सोनो प्रखंड के पूर्व प्रखंड विकास पदाधिकारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे.उसके बाद उनके साथ काम कर रहे तमाम कर्मचारी अपनी जांच के लिए सदर अस्पताल पहुंचे थे. लेकिन उन लोगों की जांच नहीं की गई.

ये भी पढ़ेंः बिहार में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर हुआ 20 हजार 173, अब तक 157 की मौत

जिलाधिकारी के आदेश के कारण मजबूर कर्मचारी
अस्पताल की ओर से कहा गया कि जिलाधिकारी का आदेश है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी का कोरोना टेस्ट नहीं किया जाए. बता दें कि जिले में कई ऐसे सरकारी कर्मचारी हैं, जिससे कोरोना से ग्रसित होने की आशंका सता रही है. लेकिन प्रशासनिक आदेशों के कारण वे लोग अपना टेस्ट नहीं करा पा रहे हैं.

ऐसे में एक बड़ा सवाल ये उठता है कि अगर जिले में कोरोना विकराल रूप धारण कर लेगा तो इसका जवाब कौन देगा. इस सिलसिले में सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर विजयेंद्र सत्यार्थी से बात की गई तो उन्होंने नो कमेंट करते हुए पल्ला झाड़ लिया.

जमुईः जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. मंगलवार को शिक्षा विभाग, अनुमंडल कार्यालय, निर्वाचन विभाग और सोनो प्रखंड के पूर्व बीडीओ सहित कई सरकारी कर्मचारी कोरोना पॉजीटिव पाए गए थे. जिसके बाद जिला प्रशासन ने तमाम सरकारी कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटिव जांच पर रोक लगा दी है. इसे लेकर सदर अस्पताल के डॉक्टर और कर्मियों ने नाराजगी जताई है.

डरे हुए हैं अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मी
अस्पताल की महिला चिकित्सक शालिनी कुमारी ने बताया कि एक डॉक्टर और दो अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद वे लोग डरे हुए हैं. सदर अस्पताल में अपनी जान को जोखिम में डालकर कार्य को बखूबी कर रहे हैं. उन्हें कई संक्रमित मरीजों का इलाज करना पड़ रहा है.

डॉ शालिनी कुमारी
डॉ शालिनी कुमारी

'सिविल सर्जन ने हीं दिया जांच का आदेश'
डॉक्टर शालिनी कुमारी ने कहा कि जब उन लोगों ने जमुई सिविल सर्जन डॉ. विजयेंद्र सत्यार्थी से चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों की कोरोना जांच कराने की बात कही तो उन्होंने डीएम के आदेश का हवाला देकर मना कर दिया. शालिनी कुमारी ने कहा कि समय रहते डीएम का आदेश हो और उन तमाम कर्मियों का कोरोना टेस्ट किया जाए. ताकि इस महामारी से खुद को बचाते हुए लोगों को भी बचाया जाए.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

बिना जांच के लौटे सरकारी कर्मचारी
बताया जाता है कि बुधवार को सोनो प्रखंड कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी अपनी कोरोना जांच करने पहुंच थे. क्योंकि एक दिन पहले ही सोनो प्रखंड के पूर्व प्रखंड विकास पदाधिकारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे.उसके बाद उनके साथ काम कर रहे तमाम कर्मचारी अपनी जांच के लिए सदर अस्पताल पहुंचे थे. लेकिन उन लोगों की जांच नहीं की गई.

ये भी पढ़ेंः बिहार में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर हुआ 20 हजार 173, अब तक 157 की मौत

जिलाधिकारी के आदेश के कारण मजबूर कर्मचारी
अस्पताल की ओर से कहा गया कि जिलाधिकारी का आदेश है कि किसी भी सरकारी कर्मचारी का कोरोना टेस्ट नहीं किया जाए. बता दें कि जिले में कई ऐसे सरकारी कर्मचारी हैं, जिससे कोरोना से ग्रसित होने की आशंका सता रही है. लेकिन प्रशासनिक आदेशों के कारण वे लोग अपना टेस्ट नहीं करा पा रहे हैं.

ऐसे में एक बड़ा सवाल ये उठता है कि अगर जिले में कोरोना विकराल रूप धारण कर लेगा तो इसका जवाब कौन देगा. इस सिलसिले में सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर विजयेंद्र सत्यार्थी से बात की गई तो उन्होंने नो कमेंट करते हुए पल्ला झाड़ लिया.

Last Updated : Jul 16, 2020, 2:07 PM IST
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