जमुई: बिहार सरकार (Bihar Government) के पूर्व कृषि मंत्री (Former Agriculture Minister) नरेन्द्र सिंह (Narendra Singh) ने कृषि कानून को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि आजकल के नेता ऐसे हैं ही नहीं जो किसानों (Farmers) की बात करें. पूर्व मंत्री ने कहा कि पहले तीन विकल्प थे किसानों के पास यहां नहीं तो वहां नहीं तो यहां दाम मिल जाता था. आज एक विकल्प इनके पास रहने दिया गया है. जिसके चलते खुले बाजार में व्यापारी किसानों को लूट रहे हैं.
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किसानों को लूट रहे हैं व्यापारी
'खुले बाजार में व्यापारी किसानों को लूट रहे है किसानों की फसल का लागत भी नहीं लौट रहा है. देश का लाखों किसान आज अपने हक के लिए बॉर्डर पर बैठा हुआ है. चार स्टेट में वहां के लोग जागरूक हैं. लेकिन अब देश के अलग-अलग राज्यों से भी हजारों किसान वहां बॉर्डर पर पहुंचने लगे हैं, उसमें बिहार के किसानों की भी अच्छी संख्या है.' : नरेंद्र सिंह, पूर्व कृषि मंत्री
'किसान आंदोलन में बिहार के विभिन्न जिलों के 15 से 20 हजार किसान हैं बॉर्डर पर, अब देश के अलग-अलग राज्यों से भी किसान पहुंचने लगे हैं .' : नरेंद्र सिंह, पूर्व कृषि मंत्री
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देश में 80 प्रतिशत किसान हैं
पूर्व कृषि मंत्री ने कहा कि देश में 80 प्रतिशत किसान हैं. बचे 20 प्रतिशत में रोजी, रोजगार, व्यापार, कल- कारखाने, फैक्ट्री, नौकरी-चाकरी, पत्रकारिता और हम लोगों की तरह नेता हैं, बाकी आज भी 80 प्रतिशत लोग गांव में रहते हैं. उनकी तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा है, उनकी पीड़ा पर किसी का ध्यान नहीं है.
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कृषि कानून को लेकर किसानों का विरोध
बता दें कि केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को किसान नेता खारिज करने की मांग कर रहे हैं. जिसके लिए देश की राजधानी दिल्ली का घेराव कर रहे किसानों के प्रदर्शन को सात महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है. कृषि कानून को लेकर किसान नेताओं के प्रतिनिधिमंडल और सरकार के बीच 11 मुलाकातें हुईं हैं, लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला है. इन बैठकों में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी शामिल हुए लेकिन किसान और सरकार अपनी-अपनी बातों पर डटे रहे. किसान कानून वापस लेने की मांग पर अड़े हैं, लेकिन सरकार अपने फैसले पर कायम है.