जमुई: पूरे देश में लॉक डाउन से यूपी के दर्जनों मजदूर और उनके छोटे-छोटे बच्चे जमुई रेलवे स्टेशन पर फंस गए. जीआरपी ने उन्हें स्टेशन से बाहर निकाल दिया. जिसके बाद किसी तरह उनलोगों ने कुछ दिन तो गुजारा किया लेकिन उनको खाने के लाले पड़ गए. इसकी सूचना जब जिला प्रशासन को मिली तो उन लोगों के लिए तत्काल में भोजन का प्रबंध करवाया गया.
बताया जाता है कि सभी मजदूर यूपी के हरिहरपुर रामगढ़ पंडित दीनदयाल नगर के रहने वाले हैं. वो सब महुआ के पत्ते से दोना बनाकर बनारस विश्वनाथ मंदिर प्रांगण और आसपास के एरिया में बेचने कर जीवीकोपार्जन करते हैं. इसी कारण से वो सब वहां से जमुई पत्ता इकट्ठा करने के लिए पहुंचे थे और यहां फंस गए.
जिला प्रशासन ने करवाया भोजन का प्रबंध
बता दें कि मजदूरों के जिले में फंसे होने की सूचना पूर्व मुखिया के भतीजे चंदन को मिली तो उन्होंने 1 बोरा चावल उन मजदूरों को दिया. कुछ ग्रामीणों के सहयोग से वहीं एक सामुदायिक भवन में उनलोगों ने शरण ली. लेकिन पैसे नहीं होने के कारण खाने की कमी होने लगी. जब इस बात की जानकारी मलयपुर थानाध्यक्ष अमित कुमार और प्रखंड विकास पदाधिकारी अंजेश कुमार को लगी. तो वो दोनों मौके पर पहुंचकर भोजन का प्रबंध किया.
मजदूरों के लिए रैन बसेरा में उचित प्रबंध
जिला प्रशासन ने मजदूरों को आश्वासन दिया कि अगर वो सब घर जाना चाहते हैं तो उनके लिए गाड़ी का इंतजाम किया जाएगा या फिर वो सब शहर के पॉलिटेक्निक कॉलेज में रैन बसेरा में रह सकते हैं. रैन बसेरा में दूरदराज से आए मजदूरों के लिए रहने और खाने-पीने की व्यवस्था की गई है.