जमुई: एक तरफ शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक बच्चों की शिक्षा को लेकर गंभीर हैं और शिक्षकों को रोज नए-नए फरमान देते हैं. शिक्षा की गुणवत्ता को दुरुस्त करने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन जमुई में इसका असर होता नहीं दिख रहा. जमुई मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बरहट प्रखंड के नूमर गांव स्थित उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय में छात्राओं को हमेशा दुर्घटना होने का डर बना रहता है. दरअसल विद्यालय का भवन बिल्कुल जर्जर हो चुका है. वहीं स्कूल के छत टूटकर कभी बच्चे तो कभी शिक्षकों पर गिरते रहते हैं.
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जमुई में जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर बच्चे: बड़ी बात यह है कि स्कूल का भवन इतना जर्जर हो चुका है कि कभी भी स्कूल में पढ़ने आने वाले विद्यार्थियों पर गिर सकता है. ऐसा नहीं कि इसको लेकर शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारी को जानकारी नहीं है. इसको लेकर स्कूल में कार्यरत शिक्षिका द्वारा विभाग को जानकारी भी दी गई, लेकिन आज तक कोई पहल नहीं की गई.
रोज भगवान से करते हैं प्रार्थना: विद्यार्थियों का कहना है कि स्कूल में पढ़ने आते हैं तो हमेशा मन में एक डर लगा रहता है. छत टूटकर गिरता रहता है. स्कूल में पढ़ाई शुरू करने से पहले हम सभी मंदिर में भगवान से प्रार्थना करते हैं कि हमारी रक्षा करें. वहीं शिक्षिका सरिता कुमारी ने बताया कि बीते दिनों क्लास में पढ़ाने के दौरान एक टीचर के ऊपर छत का एक टुकड़ा गिर गया था. गनीमत रही की कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ.
"स्कूल का भवन जर्जर है. बैठने में भी यहां डर लगता है. भगवान से रक्षा करने के लिए हम रोज दुआ करते हैं."- छात्र
"पदाधिकारी निरीक्षण के लिए पहुंचते हैं उनकी नजर भी जर्जर भवन पर जाती है. लेकिन उसके बावजूद विद्यालय का जीर्णोद्धार का कार्य नहीं किया जाता है. ऐसे में कभी भी यहां बड़ा हादसा हो सकता है."- सरिता कुमारी शिक्षिका