जमुई: आज सावन की पहली सोमवारी (Sawan First Monday) है. अहले सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालु का हुजूम उमड़ने लगा. हालांकि इस वर्ष भी वैश्विक कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के कारण धार्मिक स्थलों पर पूजा-अर्चना करने की मनाही है. धार्मिक स्थलों को बंद रखने का आदेश दिया गया है लेकिन कई स्थानों पर इसका पालन होता नहीं दिख रहा है. लोग भी सतर्क नहीं दिखे और न ही मंदिरो-शिवालयों के आसपास पुलिस-प्रशासन की चौकसी देखी गयी.
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जमुई के पतनेश्वर नाथ मंदिर में मेन गेट पर तो ताला लगाया गया था लेकिन श्रद्धालु जुगाड़ तकनीक से मंदिर के अंदर प्रवेश कर गये. महिला, पुरुष, बच्चे सभी दीवार फांदकर मंदिर परिसर में प्रवेश करने लगे. हालांकि पुरोहित ने लोगों को समझाने का प्रयास किया. कोरोना काल का हवाला देते हुए श्रद्धालुओं से घर पर ही पूजा-पाठ करने के लिए कहा लेकिन लोग कहां मानने वाले थे.
दूसरी ओर कई जगहों मंदिरों-शिवालयों में गेट पर ताले लगे हुए थे. श्रद्धालुओं को समझा-बुझाकर लौटा दिया गया. जिले के खैरा थाना क्षेत्र के गिद्धेश्वर में स्थित गिद्धेश्वर नाथ शिव मंदिर का नजारा ही कुछ और था. यहां श्रद्धालुओं को रोकने या समझाने वाला कोई नहीं दिखा. मंदिर के भीतर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. भक्तों व श्रद्धालुओं की आस में पुरोहित पहले से मंदिर प्रांगण में तिलक लगाने, हाथ में धागा बांधने, संकल्प के साथ पूजा-पाठ कराने के लिए कतार में बैठे थे. श्रद्धालुओं की भीड़ ने इन्हें निराश नहीं किया.
एक तरफ वैश्विक कोरोना महामारी के कारण लगातार दूसरे वर्ष भी सुरक्षा के मद्देनजर झारखंड के बाबा धाम मंदिर सहित अन्य बड़े-बड़े मंदिर बंद हैं. कांवड़ यात्रा पर रोक है. जिला प्रशासन की ओर से धार्मिक स्थलों को बंद रखने का आदेश दिया गया है लेकिन इसका पालन जमुई में होता नहीं दिख रहा है. आदेश का पालन कराने के लिए मंदिरों-शिवालयों के आसपास जिला प्रशासन, पुलिस का कोई अधिकारी या कर्मी नहीं दिखा.