जमुई: मंगलवार को सदन में विपक्षी विधायकों ने इतना हंगामा किया कि पुलिस को बुलानी पड़ी. इतिहास में पहली बार बिहार पुलिस विधानसभा में घुसी और विधायकों को घसीटकर निकाला. इस घटना के बाद भाकपा माले ने कचहरी चौक पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन कर के धिक्कार दिवस मनाया.
प्रदेश उपाध्यक्ष बाबू साहब ने कहा कि कल जो कुछ विधानसभा के अंदर और बाहर हुआ, वह लोकतंत्र के इतिहास में एक काला दिन है. आगे उन्होंने कहा कि भाजपा-जदयू लोकतंत्र की हत्या करके बिहार को फासीवादी शासन की ओर धकेलना चाहती है. इसके खिलाफ भाकपा-माले राज्य में धिक्कार दिवस मना रही है.
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वही ऐक्टू प्रभारी बासुदेब रॉय और जयराम तुरी ने कहा कि बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक, 2021 में जो आशंकाएं जाहिर की जा रही थी, उसका नजारा कल विधानसभा के अंदर ही देखने को मिल गया. जब जनता के चुने हुए प्रतिनधियों के साथ सरकार ऐसा व्यवहार कर सकती है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा-जदयू की सरकार बिहार को किस दिशा में ले जाना चाहती है.