जमुईः लॉकडाउन के कारण ट्रेन बंद रहने से जमुई रेलवे स्टेशन के कई लाईसेंसी कुली भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं. अब ये लोग हाईवे के किनारे पकौड़ा बेचकर जीवन यापन करने को मजबूर हैं. अब तक इन लाईसेंसी कुलियों को जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से कोई सहयोग नहीं मिल पाया है.
कुलियों के रोजी रोटी पर लगा ब्रेक
कभी जमुई रेलवे स्टेशन पर यात्रियों से गुलजार हुआ करता था. लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए पूरे देश में रेलवे की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया गया. यह रफ्तार सिर्फ ट्रेन के पहियों पर नहीं लगी बल्कि यह ब्रेक जमुई रेलवे स्टेशन के कुलियों के पेट पर भी लग गया है.
बता दें कि जमुई रेलवे स्टेशन पर दर्जनों लाइसेंसी कुली हैं, जो स्टेशन पर पहुंचने वाले यात्रियों का बोझ उठाकर अपने और अपने परिवार का पालन पोषण करते थे.
कोरोना संक्रमण के कारण बंद थी ट्रेनें
ट्रेन के आवागमन पर लगे ब्रेक के कारण दर्जनों कुलियों के पेट पर भी ब्रेक लग गया है. जिससे कई कुली अब भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं. लेकिन इन कुलियों पर ना ही जिला प्रशासन ना ही रेलवे और ना स्थानीय जनप्रतिनिधियों का ध्यान जा रहा है. नतीजतन यह लोग घुट घुट कर जीने को मजबूर हैं.
पकौड़ा बेचकर कर रहे हैं जीवन यापन
वहीं, ट्रेन परिचालन के बंद होने पर बेरोजगार हो चुके लाइसेंसी कुली जमुई-मुंगेर मुख्य मार्ग के हाईवे के किनारे खोमचे पर पकोड़े और मूड़ी बेचकर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करने को मजबूर हैं .जबकि कुछ कुली दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण करने को मजबूर हो चुके हैं.