जमुई: बिहार के जमुई जिले के सरकारी विद्यालय (Government School of Jamui) में बच्चे जैविक पोषण वाटिका के द्वारा किचन गार्डन में बच्चे जैविक खेती के गुर सीख रहे हैं. ये बच्चे अपनी मेहनत से नजीर पेश कर रहे हैं. इसे देखकर दूसरे स्कूल के बच्चे भी इसका अनुसरण करेंगे. स्कूली बच्चे पढ़ने के साथ-साथ खेती भी सीख रहे हैं. अपने स्कूल के किचन गार्डन में फूल गोभी, बंधा गोभी, टमाटर, बैंगन, मैथी, गाजर, बीट इत्यादि 16 प्रकार की हरी सब्जियों के साथ-साथ मशरूम के उत्पादन की शुरुआत कर चुके हैं.
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स्कूली बच्चे सीख रहे जैविक खेती: स्कूली बच्चों को मध्यान्ह भोजन (Organic Farming in Government School of Jamui) की जब भी शुरूआत होगी तब मशरूम या हरी ताजी सब्जियां खाने को मिलेंगी. इससे भरपूर मात्रा में बच्चों को प्रोटीन भी मिलेगा. स्कूल से जो बच्चे सीखकर जाएंगे अपने-अपने घर में माता और पिता को भी बताएंगे. इससे रासायनिक खेती के दुष्प्रभाव से भी बचा जा सकेगा.
''जैविक खेती के बारे में बच्चों को बताया जा रहा है. कोरोना काल में जब विद्यालय बंद था, उस समय भी स्कूली बच्चे जैविक खेती सीख रहे थे. पोषण जैविक वाटिका के तहत 16 तरह की सब्जियां लगा रहे हैं. स्कूल स्थित किचन गार्डन में और क्लास रूम में मशरूम की खेती शुरू कर दी है. जैविक खेती के क्या-क्या फायदे हैं, इसके बारे में भी बच्चों को बताया जा रहा है. बच्चे खुद सीखकर माता-पिता को भी जैविक विधि से खेती और कम जगह में भी मशरूम का उत्पादन करना सिखाएंगे.''- शिव कुमार चौधरी, प्रधानाध्यापक
16 से अधिक किस्म की सब्जियां उगाई: संभवतः फरवरी अंत या शुरूआती मार्च में स्कूल में मध्यान्ह भोजन की शुरुआत होने की संभावना है. तब स्कूली बच्चों को जैविक विधि से उगाई गई हरी सब्जियां और मशरूम भी खाने को मिलेगा. उत्क्रमित मध्य विद्यालय सखी कूरा में अंकुरण पोषण कार्यक्रम के तहत बच्चों ने मध्याह्न भोजन को पौष्टिक बनाने के लिए एक पोषण वाटिका का निर्माण किया है. इस पोषण वाटिका में 16 से अधिक किस्म की हरी साग सब्जियां उगाई जा रही हैं.
जमुई शिक्षा विभाग और ग्रीनपीस इंडिया के सामूहिक प्रयास से बनी यह पोषण वाटिका पूरी तरह जैविक है. इसकी एक विशेषता यह भी है कि इसमें इस्तेमाल किए जाने वाले सभी तरह की खाद और कीट प्रबंधन घोल बच्चे खुद बनाते हैं, जिसका प्रशिक्षण उन्हें ग्रीनपीस के कार्यकर्ताओं ने दिया है. इस पोषण वाटिका से स्कूल के बच्चों को पौष्टिक और जैविक सब्जियां मिल रही हैं, जिससे वे काफी खुश हैं और पूरे जोश से अपनी पोषण वाटिका को और भी बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत हैं.
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