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प्रवासी कामगारों को आत्मनिर्भर बनाने की पहल, 3 दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण की हुई शुरुआत - मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण

जमुई में प्रवासी कामगारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तीन दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण की शुरुआत की गई है. कार्यक्रम में किसानों को मशरूम की खेती के बारे में बताया जा रहा है.

Mushroom Production Training
मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण
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Published : Aug 27, 2020, 8:48 PM IST

जमुई: आत्मनिर्भर भारत अभियान और गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत सोनो प्रखंड के सर्वोदय आश्रम में बुधवार से प्रवासी मजदूरों के लिए तीन दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण शुरू किया गया. भारत सरकार के कृषि और कल्याण मंत्रालय के साथ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से आयोजित प्रशिक्षण का उद्घाटन कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक ब्रजेश कुमार ने किया. इस मौके पर कृषि वैज्ञानिक ब्रजेश कुमार ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण शुरू किया गया है.

स्वरोजगार के लिए दिया जा रहा प्रशिक्षण
कृषि वैज्ञानिक ने कहा कि मशरूम की खेती कर किसान कम लागत में अधिक मुनाफा प्राप्त कर अपनी आर्थिक प्रगति कर सकते हैं. इसकी खेती के लिए खेत की भी आवश्यकता नहीं होती है. इसे घर के आंगन में उपजाकर बेहतर उत्पादन प्राप्त कर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस दौरान प्रवासियों को उत्पादन के तौर-तरीके और फसल की सुरक्षा की जानकारी दी गई. इसके साथ ही बाजार के संबंध में विस्तृत जानकारी दी जा रही है. उद्यान विशेषज्ञ कुमारी रश्मि रानी ने प्रशिक्षण के दौरान प्रवासी कामगारों को खेती के साथ ही बागवानी से जुड़कर आमदनी बढ़ाने के उपायों की जानकारी दी.

प्रवासी कामगारों को मिलेगी राहत
ग्राम भारती के संचालक कुमार विमलेश ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार विभिन्न प्रदेशों से अपने गांव लौट आए हैं. ऐसे लोगों को रोजगार मुहैया कराने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए सभी क्षेत्र में उनके कौशल के अनुसार स्वरोजगार सृजित करने के लिए प्रशिक्षण देने का काम शुरू किया गया है. प्रवासी कामगार इस प्रशिक्षण का लाभ लेकर आत्मनिर्भर बन सकते हैं. उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण समाप्ति पर सभी कामगारों को प्रशिक्षण से संबंधित प्रमाण पत्र भी उपलब्ध करवाया जाएगा. मौके पर सर्वोदय विद्या विहार के कर्मी सौरभ कुमार, सुमन कुमार, निलेश कुमार, राहुल कुमार, सहित पिंटू कुमार साह, अरुण कुमार, उपेंद्र साह, कुंदन कुमार और देवानंद ठाकुर मौजूद रहे.

जमुई: आत्मनिर्भर भारत अभियान और गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत सोनो प्रखंड के सर्वोदय आश्रम में बुधवार से प्रवासी मजदूरों के लिए तीन दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण शुरू किया गया. भारत सरकार के कृषि और कल्याण मंत्रालय के साथ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से आयोजित प्रशिक्षण का उद्घाटन कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक ब्रजेश कुमार ने किया. इस मौके पर कृषि वैज्ञानिक ब्रजेश कुमार ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण शुरू किया गया है.

स्वरोजगार के लिए दिया जा रहा प्रशिक्षण
कृषि वैज्ञानिक ने कहा कि मशरूम की खेती कर किसान कम लागत में अधिक मुनाफा प्राप्त कर अपनी आर्थिक प्रगति कर सकते हैं. इसकी खेती के लिए खेत की भी आवश्यकता नहीं होती है. इसे घर के आंगन में उपजाकर बेहतर उत्पादन प्राप्त कर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस दौरान प्रवासियों को उत्पादन के तौर-तरीके और फसल की सुरक्षा की जानकारी दी गई. इसके साथ ही बाजार के संबंध में विस्तृत जानकारी दी जा रही है. उद्यान विशेषज्ञ कुमारी रश्मि रानी ने प्रशिक्षण के दौरान प्रवासी कामगारों को खेती के साथ ही बागवानी से जुड़कर आमदनी बढ़ाने के उपायों की जानकारी दी.

प्रवासी कामगारों को मिलेगी राहत
ग्राम भारती के संचालक कुमार विमलेश ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार विभिन्न प्रदेशों से अपने गांव लौट आए हैं. ऐसे लोगों को रोजगार मुहैया कराने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए सभी क्षेत्र में उनके कौशल के अनुसार स्वरोजगार सृजित करने के लिए प्रशिक्षण देने का काम शुरू किया गया है. प्रवासी कामगार इस प्रशिक्षण का लाभ लेकर आत्मनिर्भर बन सकते हैं. उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण समाप्ति पर सभी कामगारों को प्रशिक्षण से संबंधित प्रमाण पत्र भी उपलब्ध करवाया जाएगा. मौके पर सर्वोदय विद्या विहार के कर्मी सौरभ कुमार, सुमन कुमार, निलेश कुमार, राहुल कुमार, सहित पिंटू कुमार साह, अरुण कुमार, उपेंद्र साह, कुंदन कुमार और देवानंद ठाकुर मौजूद रहे.

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