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गोपालगंज में बाढ़ के कारण घरों में घुसा पानी, बैलगाड़ी पर शरण लेने को लोग मजबूर

गोपालगंज में बाढ़ का भयावह मंजर देखने को मिल रहा है. दियारा में बाढ़ का पानी पूरी तरह से प्रवेश कर चुका है. जिससे गांव के लोगों की जिंदगी तबाह हो गई है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

FLOOD
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Published : Oct 9, 2022, 11:51 AM IST

Updated : Oct 9, 2022, 12:14 PM IST

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में बाढ़ (Flood In Gopalganj) ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. नेपाल में भारी बारिश से गंडक में उफान आ गया है. जिले के सदर प्रखंड के रामपुर टेनग्राही गांव में बाढ़ का पानी पूरी तरह से प्रवेश कर चुका है. जिससे गांव के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. दियारा इलाके के घरों में पानी घुस जाने के कारण अब लोग सड़क के किनारे बैलगाड़ी को ही अपना आशियाना बनाकर रहने को विवश हो गये हैं. ऊपर से इंद्र का कहर नीचे से गण्डक के तांडव के बीच दियारावासी फंसे हुए है लेकिन प्रशासनिक मदद अब तक इन लोगों के पास नहीं पहुंच सकी है.

ये भी पढ़ें- नेपाल में भारी बारिश से बगहा के निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात, VTR की सड़कें लबालब, देखें VIDEO

खोले गए वाल्‍मीकिनगर बराज के सभी फाटक: दरअसल नेपाल के तराई इलाकों में हो रही लगातार बारिश के कारण बाल्मीकि नगर बराज (Valmikinagar Gandak Barrage) से 4 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी गंडक नदी से पार होने के बाद गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. जलस्तर बढ़ते ही लोगों के बीच समस्याएं बढ़ने लगी है. उफानाई गंडक नदी ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगो को अपने आगोश में ले लिया है

गोपालगंज में बाढ़ जैसे हालात: बाढ़ पीड़ितों के घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने के कारण घर में रखे सामान बर्बाद हो गए. कोई जगह भी नहीं बची, जहां ये लोग रह सके. अब सड़क के किनारे आशियाना लगाकर जीवन गुजार रहे हैं. वहीं एक दिल दहला देने वाली तस्वीर आई है, जहां बैलगाड़ी पर प्लास्टिक टांग कर बारीश से बचने के लिए महिला अपने बच्चों के साथ जद्दोजहद कर रही है. ना खाने के लिए भोजन है और न रहने के लिए घर है. खुले आसमान में रहकर ये बाढ़ पीड़ित जिंदगी गुजारने को विवश हैं.

"घरों में रखे सामान बर्बाद हो गए साथ ही खेतों में लगाए गए फसल भी बर्वाद हो हो गए. मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था नही है. बच्चे भूख से बिलबिला रहे है है. ग्रामीणों ने बताया कि ना ही खाने के भोजन हैं और ना ही पीने का शुद्ध पानी. बाढ़ के पानी को ही गर्म कर पीते है. अभी तक जिला प्रशासन के तरफ से कोई सुविधाएं मुहैया नहीं कराई गई है. मजबूरन इसी तरह जिल्लत भरी जिंदगी जीने को मजबूर है." - ज्ञानती देवी, बाढ़ पीड़ित


ये भी पढ़ें : Flood In Saran: गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी, डोरीगंज में घरों में घुसा पानी

गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज में बाढ़ (Flood In Gopalganj) ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. नेपाल में भारी बारिश से गंडक में उफान आ गया है. जिले के सदर प्रखंड के रामपुर टेनग्राही गांव में बाढ़ का पानी पूरी तरह से प्रवेश कर चुका है. जिससे गांव के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. दियारा इलाके के घरों में पानी घुस जाने के कारण अब लोग सड़क के किनारे बैलगाड़ी को ही अपना आशियाना बनाकर रहने को विवश हो गये हैं. ऊपर से इंद्र का कहर नीचे से गण्डक के तांडव के बीच दियारावासी फंसे हुए है लेकिन प्रशासनिक मदद अब तक इन लोगों के पास नहीं पहुंच सकी है.

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खोले गए वाल्‍मीकिनगर बराज के सभी फाटक: दरअसल नेपाल के तराई इलाकों में हो रही लगातार बारिश के कारण बाल्मीकि नगर बराज (Valmikinagar Gandak Barrage) से 4 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी गंडक नदी से पार होने के बाद गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. जलस्तर बढ़ते ही लोगों के बीच समस्याएं बढ़ने लगी है. उफानाई गंडक नदी ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगो को अपने आगोश में ले लिया है

गोपालगंज में बाढ़ जैसे हालात: बाढ़ पीड़ितों के घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने के कारण घर में रखे सामान बर्बाद हो गए. कोई जगह भी नहीं बची, जहां ये लोग रह सके. अब सड़क के किनारे आशियाना लगाकर जीवन गुजार रहे हैं. वहीं एक दिल दहला देने वाली तस्वीर आई है, जहां बैलगाड़ी पर प्लास्टिक टांग कर बारीश से बचने के लिए महिला अपने बच्चों के साथ जद्दोजहद कर रही है. ना खाने के लिए भोजन है और न रहने के लिए घर है. खुले आसमान में रहकर ये बाढ़ पीड़ित जिंदगी गुजारने को विवश हैं.

"घरों में रखे सामान बर्बाद हो गए साथ ही खेतों में लगाए गए फसल भी बर्वाद हो हो गए. मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था नही है. बच्चे भूख से बिलबिला रहे है है. ग्रामीणों ने बताया कि ना ही खाने के भोजन हैं और ना ही पीने का शुद्ध पानी. बाढ़ के पानी को ही गर्म कर पीते है. अभी तक जिला प्रशासन के तरफ से कोई सुविधाएं मुहैया नहीं कराई गई है. मजबूरन इसी तरह जिल्लत भरी जिंदगी जीने को मजबूर है." - ज्ञानती देवी, बाढ़ पीड़ित


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Last Updated : Oct 9, 2022, 12:14 PM IST
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