गोपालगंज: बिहार के गोपालगंज (Gopalganj) जिले के विभिन्न प्रखंडों से वायरल फीवर (Viral Fever) के मरीजों का डॉक्टरों के पास पहुंचना जारी है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में वायरल फीवर का मामला शून्य है.
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दरअसल, इन दिनों मौसम का मिजाज बदल रहा है. नतीजतन लोग बीमारियों की गिरफ्त में आने लगे हैं. उमस भरी गर्मी, दूषित भोजन व पेय पदार्थों और बरसाती पानी के असर से उल्टी, दस्त, वायरल बुखार, टाइफाइड और सर्दी-जुकाम के मरीज बढ़ गए हैं. अस्पतालों के ओपीडी में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. डॉक्टरों ने बदलते मौसम में खानपान से लेकर तेज धूप और गर्मी में एहतियात बरतने की सलाह दी है.
सदर अस्पताल के ओपीडी में 150-200 बच्चे रोज पहुंच रहे हैं. निजी नर्सिंग होम में भी रोज सैकड़ों बच्चे वायरल फीवर के चलते पहुंच रहे हैं. आश्चर्य की बात है कि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में एक भी मरीज वायरल फीवर का दर्ज नहीं हुआ है. सिविल सर्जन डॉ योगेंद्र महतो ने कहा, 'अभी तक स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार एक भी वायरल फीवर के मरीज नहीं पाए गए हैं. तीन बच्चों की मौत हुई थी, जिनमें एक की मौत एईएस से हुई थी. वहीं, दो बच्चों की मौत का कारण पता नहीं चल सका.'
"आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर वायरल फीवर के मरीजों को चिह्नित कर रहीं हैं. कुछ लोग पहले बच्चे का इलाज प्राइवेट हॉस्पिटल में कराते हैं और ज्यादा इमरजेंसी के समय सदर अस्पताल पहुंचते हैं तब तक काफी देर हो जाती है. लोगों को किसी तरह कि परेशानी होने पर तत्काल सदर अस्पताल आना चाहिए ताकि समय से इलाज किया जा सके."- डॉ योगेंद्र महतो, सिविल सर्जन, गोपालगंज
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ नौशाद आलम ने कहा, 'सदर अस्पताल में वायरल फीवर और सर्दी- खांसी की शिकायत लेकर 150-200 बच्चे रोज आ रहे हैं. इसके अलावा डेंगू और चमकी के भी मरीज मिल रहे हैं. बदलते मौसम को देखते हुए लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत है.' बता दें कि जिले में अब नवजात बच्चे भी वायरल बुखार की चपेट में आने लगे हैं. वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ने से सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड के सभी बेड फुल हो गए हैं. जिले के बैकुंठपुर, थावे, सिधवलिया और मांझा प्रखंड में बच्चों के वायरल बुखार से पीड़ित होने के सबसे अधिक मामले आ रहे हैं.
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