ETV Bharat / state

LPG के दाम बढ़ने से ठंडे पड़े 'उज्जवला' के चूल्हे, रिफिलिंग छोड़ लकड़ी पर खाना बना रहीं महिलाएं

केंद्र सरकार की उज्जवला योजना (Ujjwala scheme of Central Government) सवालों के घेरे में है. गैस सिलेंडर की लगातार बढ़ती कीमत के चलते ग्रामीण महिलाएं उज्ज्वला योजना में मिले गैस चूल्हे को छोड़ पारंपरिक लकड़ी के चूल्हे पर खाना बना रहीं हैं. लोगों ने कहा कि सिलेंडर में गैस भरवाने को पैसे नहीं हैं, इसके रेट तो बढ़ते ही जा रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर..

केंद्र सरकार की उज्जवला योजना
केंद्र सरकार की उज्जवला योजना
author img

By

Published : Mar 29, 2022, 7:02 AM IST

गोपालगंज: केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं की सुविधाओं को देखते हुए उज्ज्वला योजना की शुरूआत की गई थी, जिसके तहत गरीबों को गैस चूल्हा मुफ्त में बांटा गया, लेकिन आज भी गरीब उसी लकड़ी जलावन के चूल्हे पर खाना बनाने को बाध्य है, जिस पर पहले बनाते थे. गोपालगंज में रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी (LPG price hike in Gopalganj) के चलते लोगों ने इसे रिफिल करवाने के बजाय चूल्हे पर ही बर्तन चढ़ाकर खाना बनाना शुरू कर दिया. आलम यह है कि गैस की कीमत 50 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ गई है.

ये भी पढ़ें- LPG Price: एलपीजी सिलेंडर 50 रुपये हुआ महंगा, जाने नई दरें

LPG के बढ़े दाम तले दबे उपभोक्ता: कीमत के दरअसल, केंद्र सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत पहले तो गरीबों को चूल्हे और धुएं से मुक्ति तो दिला दी, लेकिन अब इसका लाभ लेने वाले उपभोक्ता लगातार एलपीजी गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमत के बोझ तले दब गए हैं. जिलेभर की बात करें तो कुल ढाई लाख लोग एलपीजी के ग्राहक हैं, जिसमें 60 से 65 प्रतिशत लोग गैस का रिफिल भरवाते हैं. वहीं, पिछले पांच दिनों से गैस की डिमांड भी घट गई है. सिलेंडर के दाम बढ़ने के बाद लोग सिलेंडर की रिफिलिंग करवाने वालों की संख्या कम हो गई है.

सिलेंडर रिफिल करवाना बूते से बाहर: गैस सिलेंडर की बढ़ी कीमत (Gas Cylinder Price Hiked) के बाद अब इसे रिफिल करने में वर्तमान में 1046 रुपए 50 पैसे तक खर्च करने पड़ रहे हैं. लाभुकों का कहना है कि अब एक मुश्त इतने पैसे खर्च कर सिलेंडर रिफिल करवाना उनके बूते से बाहर हो गया है. ऐसे में लोगों ने गैस सिलेंडर को छोड़ लकड़ी और कोयले के चूल्हे को ही सहारा बनाना मुनासिब समझा है.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

ईटीवी भारत ने ग्रामीण महिला जैनब खातून से जब बात की तो उन्होंने कहा कि ''सरकार ने योजना के तहत मुफ्त में कनेक्शन तो दिया, लेकिन लगातार बढ़ती कीमत के कारण गैस की रिफिलिंग कराने में परेशानी हो रही है. लकड़ी और गोयठे पर चूल्हा जल रहा है. लगातार कीमत में बढ़ोतरी से काफी परेशानी हो रही है. ऐसे में लकड़ी और कोयले का चूल्हा ही उनके लिए बेहतर विकल्प शेष रह जाता है.''

सवालों के घेरे में उज्जवला योजना: एक रिपोर्ट के मुताबिक बहुत तेजी से रसोई गैस के बजाय बायोमास की सहायता से खाना बनाने वालों की संख्या बढ़ रही है. सिर्फ ग्रामीण इलाकों में ही नहीं, बल्कि शहरी इलाकों में भी छोटे दुकानदारों ने रसोई गैस की जगह कोयले, लकड़ी और उपले का प्रयोग शुरू कर दिया है. जिसकी वजह से ना सिर्फ वायु प्रदूषण फैल रहा है, बल्कि उज्जवला योजना भी सवालों के घेरे में आ गई है.

बिहार में करीब 71% लोगों के पास गैस कनेक्शन हैं, लेकिन इसमें से 49% लोग ही इसका नियमित उपयोग कर रहे हैं. इसके पीछे एक बड़ी वजह उज्जवला योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में बांटे गए सिलेंडर प्राप्त करने वाले लोगों का इसका उपयोग नहीं करना है, क्योंकि वहां गरीब लोगों में गैस के नियमित खरीदारी की क्षमता नहीं है. गैस के दाम बढ़ने की वजह से इन इलाकों में कई जगहों पर मौजूद गरीबों ने अपने सिलेंडर बेच दिए और फिर से लकड़ी कोयला और अन्य तरीके से भोजन पका रहे हैं.

ये भी पढ़ें- Petrol Diesel Price: पेट्रोल डीजल की कीमतों में इजाफा, जानें कितने रुपये बढ़े दाम

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

गोपालगंज: केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं की सुविधाओं को देखते हुए उज्ज्वला योजना की शुरूआत की गई थी, जिसके तहत गरीबों को गैस चूल्हा मुफ्त में बांटा गया, लेकिन आज भी गरीब उसी लकड़ी जलावन के चूल्हे पर खाना बनाने को बाध्य है, जिस पर पहले बनाते थे. गोपालगंज में रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी (LPG price hike in Gopalganj) के चलते लोगों ने इसे रिफिल करवाने के बजाय चूल्हे पर ही बर्तन चढ़ाकर खाना बनाना शुरू कर दिया. आलम यह है कि गैस की कीमत 50 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ गई है.

ये भी पढ़ें- LPG Price: एलपीजी सिलेंडर 50 रुपये हुआ महंगा, जाने नई दरें

LPG के बढ़े दाम तले दबे उपभोक्ता: कीमत के दरअसल, केंद्र सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत पहले तो गरीबों को चूल्हे और धुएं से मुक्ति तो दिला दी, लेकिन अब इसका लाभ लेने वाले उपभोक्ता लगातार एलपीजी गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमत के बोझ तले दब गए हैं. जिलेभर की बात करें तो कुल ढाई लाख लोग एलपीजी के ग्राहक हैं, जिसमें 60 से 65 प्रतिशत लोग गैस का रिफिल भरवाते हैं. वहीं, पिछले पांच दिनों से गैस की डिमांड भी घट गई है. सिलेंडर के दाम बढ़ने के बाद लोग सिलेंडर की रिफिलिंग करवाने वालों की संख्या कम हो गई है.

सिलेंडर रिफिल करवाना बूते से बाहर: गैस सिलेंडर की बढ़ी कीमत (Gas Cylinder Price Hiked) के बाद अब इसे रिफिल करने में वर्तमान में 1046 रुपए 50 पैसे तक खर्च करने पड़ रहे हैं. लाभुकों का कहना है कि अब एक मुश्त इतने पैसे खर्च कर सिलेंडर रिफिल करवाना उनके बूते से बाहर हो गया है. ऐसे में लोगों ने गैस सिलेंडर को छोड़ लकड़ी और कोयले के चूल्हे को ही सहारा बनाना मुनासिब समझा है.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

ईटीवी भारत ने ग्रामीण महिला जैनब खातून से जब बात की तो उन्होंने कहा कि ''सरकार ने योजना के तहत मुफ्त में कनेक्शन तो दिया, लेकिन लगातार बढ़ती कीमत के कारण गैस की रिफिलिंग कराने में परेशानी हो रही है. लकड़ी और गोयठे पर चूल्हा जल रहा है. लगातार कीमत में बढ़ोतरी से काफी परेशानी हो रही है. ऐसे में लकड़ी और कोयले का चूल्हा ही उनके लिए बेहतर विकल्प शेष रह जाता है.''

सवालों के घेरे में उज्जवला योजना: एक रिपोर्ट के मुताबिक बहुत तेजी से रसोई गैस के बजाय बायोमास की सहायता से खाना बनाने वालों की संख्या बढ़ रही है. सिर्फ ग्रामीण इलाकों में ही नहीं, बल्कि शहरी इलाकों में भी छोटे दुकानदारों ने रसोई गैस की जगह कोयले, लकड़ी और उपले का प्रयोग शुरू कर दिया है. जिसकी वजह से ना सिर्फ वायु प्रदूषण फैल रहा है, बल्कि उज्जवला योजना भी सवालों के घेरे में आ गई है.

बिहार में करीब 71% लोगों के पास गैस कनेक्शन हैं, लेकिन इसमें से 49% लोग ही इसका नियमित उपयोग कर रहे हैं. इसके पीछे एक बड़ी वजह उज्जवला योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में बांटे गए सिलेंडर प्राप्त करने वाले लोगों का इसका उपयोग नहीं करना है, क्योंकि वहां गरीब लोगों में गैस के नियमित खरीदारी की क्षमता नहीं है. गैस के दाम बढ़ने की वजह से इन इलाकों में कई जगहों पर मौजूद गरीबों ने अपने सिलेंडर बेच दिए और फिर से लकड़ी कोयला और अन्य तरीके से भोजन पका रहे हैं.

ये भी पढ़ें- Petrol Diesel Price: पेट्रोल डीजल की कीमतों में इजाफा, जानें कितने रुपये बढ़े दाम

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.